Gogi Tillu Gang: DU चुनाव से शुरू हुई अदावत, 30 से ज्यादा मर्डर… गोगी-टिल्लू गैंग में दुश्मनी की इनसाइड स्टोरी

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Gogi Tillu Gang: DU चुनाव से शुरू हुई अदावत, 30 से ज्यादा मर्डर… गोगी-टिल्लू गैंग में दुश्मनी की इनसाइड स्टोरी

Gogi Tillu Gang: DU चुनाव से शुरू हुई अदावत, 30 से ज्यादा मर्डर… गोगी-टिल्लू गैंग में दुश्मनी की इनसाइड स्टोरी

नई दिल्ली: तिहाड़ जेल के भीतर गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद दिल्ली में गैंगों की दुश्मनी एक बार फिर चर्चा में है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रद्धानंद कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव के समय शुरू हुई छिटपुट लड़ाई 10 साल में गैंगवार तक पहुंच गई। 25-30 हत्याओं और मर्डर की कोशिशों के बाद हालात यहां तक बिगड़े कि तिहाड़ में लोहे की रॉड को पेट में घुसाकर सुनील टिल्लू ताजपुरिया को मार दिया गया। पिछले कुछ वर्षों में गैंगवार में जो भी हत्याएं हुई हैं उनमें कई निर्दोष राहगीर और आसपास के लोगों की भी जान चली गई। ताजपुरिया और उसके विरोधी जितेंद्र गोगी के बीच छात्र जीवन से ही दुश्मनी चली आ रही थी। 2010 के चुनाव में दोनों विरोधी उम्मीदवारों को सपोर्ट कर रहे थे। हालांकि कॉलेज की राजनीति में उतरने से पहले जितेंद्र और टिल्लू अच्छे दोस्त हुआ करते थे।

एक चुनाव और बहने लगा खून
चुनाव के बाद ताजपुरिया के दोस्त की गोगी और उसके दोस्तों ने हत्या कर दी। कहा गया कि उसने गोगी की चचेरी बहन को परेशान किया था। यह गैंगवार की शुरुआत थी। जवाबी कार्रवाई में 2015 में ताजपुरिया ने गोगी के दोस्त को गोली मार दी। इसके बाद दुश्मनी और तेज हो गई। गोगी को गिरफ्तार किया गया लेकिन 2016 में वह कस्टडी से फरार हो गया। हत्याओं का सिलसिला जारी रहा। मार्च 2020 में गुड़गांव में गोगी को उसके दो साथियों के साथ पकड़ लिया गया। सितंबर 2021 में ताजपुरिया के शूटरों ने अपने सबसे बड़े दुश्मन को कोर्ट में ढेर कर दिया। जवाबी फायरिंग में पुलिस ने दोनों शूटरों को भी मार गिराया। जेल से हत्या की साजिश रचने वाले ताजपुरिया को इस केस में गिरफ्तार कर लिया गया था।

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ऐसा लगा कि गोगी गैंग को तगड़ा झटका लगा है और वह शायद उबर ही न पाए लेकिन जल्द ही गैंग को नया लीडर मिल गया। दीपक पहल उर्फ दीपक बॉक्सर ने गैंग की कमान संभाल ली। बॉक्सर विदेश से गैंग को चला रहा था और उसके गुर्गे जेल के अंदर से काम देख रहे थे। मौत से पहले गोगी ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ भी हाथ मिला लिया था। उसकी हत्या के बाद भी दोनों गैंगों में दोस्ताना संबंध कायम रहे।

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बॉक्सर पर पुलिस की निगरानी बढ़ी तो वह जनवरी में देश से भाग गया। उसे मेक्सिको में पकड़ लिया गया और अप्रैल में भारत लाया गया। कुछ ही दिनों में वह जेल में जाता और ताजपुरिया गैंग के लिए अगला टारगेट बन सकता था। शायद यही वजह थी कि गोगी के गैंगस्टरों ने ताजपुरिया पर हमले का फैसला किया। पिछले हफ्ते ही ताजपुरिया तिहाड़ लौटा था। गोगी गैंग को लॉरेंस बिश्नोई का भी साथ मिला।

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