Gita Gopinath News: AI से नौकरियों पर आ सकता है बड़ा संकट, IMF की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर ने दी बड़ी चेतावनी
नई दिल्ली: इस समय पूरी दुनिया में एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। एआई को लगातार पहले से और ज्यादा एडवांस बनाया जा रहा है। इस तकनीक से काफी काम आसान हुए हैं। वहीं कम समय में पूरे किए जा रहे हैं। कंपनियां एआई (Artificial Intelligence) का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने लगी हैं। भारतीय मूल की जानी मानी अर्थशास्त्री और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ( International Monetary Fund) की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ ने जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर चिंता जताई है। गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) ने बड़ी चेतावनी दी है। गीता के मुताबिक, एआई से सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने आगाह किया है कि नई तकनीक से नौकरियों पर संकट आ सकता है। इसके (Artificial Intelligence) लिए अभी से नियम बनाने की जरूरत है। गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कारण नौकरियों में कमी आने की चेतावनी दी है।
नौकरियों पर पड़ेगा असर
आईएमएफ की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) के मुताबिक, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) के चलते आने वाले दिनों में लेबर मार्केट में कई प्रकार की समस्यायें खड़ी हो सकती है। उन्होंने पॉलिसीमेकर्स से इस टेक्नोलॉजी को नियंत्रित करने के लिए जल्द से जल्द नियम बनाने की अपील की है। गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) ने इस साक्षात्कार में यह बात कही है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकारें, संस्थाएं और पॉलिसीमेकर्स रेग्यूलेशन बनाने के साथ लेबर मार्केट में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) के चलते पैदा होने वाले व्यवधान से निपटने के लिए जल्द से जल्द तैयारी शुरू कर दें।
सतर्क रहने की जरूरत
गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) के मुताबिक, सरकारों को एक ऐसी टैक्स पॉलिसी तैयार करनी चाहिए, जिससे ऐसी कंपनियों को बढ़ावा न मिले जो कर्मचारियों के बदले मशीनों का इस्तेमला करते हों। ऐसी कंपनियों से गीता (Gita Gopinath) ने पॉलिसीमेकर्स को सतर्क रहने के लिए कहा है। उनके मुताबिक, नई टेक्नोलॉजी के मामले में चुनौती देना असंभव है। उन्होंने कहा कि सरकारों को सोशल सेफ्टी नेट्स को बढ़ावा देना चाहिए। कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखना चाहिए।
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नौकरियों पर पड़ेगा असर
आईएमएफ की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) के मुताबिक, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) के चलते आने वाले दिनों में लेबर मार्केट में कई प्रकार की समस्यायें खड़ी हो सकती है। उन्होंने पॉलिसीमेकर्स से इस टेक्नोलॉजी को नियंत्रित करने के लिए जल्द से जल्द नियम बनाने की अपील की है। गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) ने इस साक्षात्कार में यह बात कही है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकारें, संस्थाएं और पॉलिसीमेकर्स रेग्यूलेशन बनाने के साथ लेबर मार्केट में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) के चलते पैदा होने वाले व्यवधान से निपटने के लिए जल्द से जल्द तैयारी शुरू कर दें।
सतर्क रहने की जरूरत
गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) के मुताबिक, सरकारों को एक ऐसी टैक्स पॉलिसी तैयार करनी चाहिए, जिससे ऐसी कंपनियों को बढ़ावा न मिले जो कर्मचारियों के बदले मशीनों का इस्तेमला करते हों। ऐसी कंपनियों से गीता (Gita Gopinath) ने पॉलिसीमेकर्स को सतर्क रहने के लिए कहा है। उनके मुताबिक, नई टेक्नोलॉजी के मामले में चुनौती देना असंभव है। उन्होंने कहा कि सरकारों को सोशल सेफ्टी नेट्स को बढ़ावा देना चाहिए। कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखना चाहिए।
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