Ghaziabad News: चोरी के ट्रकों से कंपनी चला रहा था सरकारी ठेकेदार, कई राज्यों से जुड़े हैं तार, 3 बदमाश गिरफ्तार

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Ghaziabad News: चोरी के ट्रकों से कंपनी चला रहा था सरकारी ठेकेदार, कई राज्यों से जुड़े हैं तार, 3 बदमाश गिरफ्तार

हाइलाइट्स

  • पंजाब, नगालैंड, हरियाणा, हिमाचल, यूपी समेत कई राज्यों से जुड़े तार
  • एक्सिडेंट हुए और स्क्रैप में बिके ट्रकों के पेपर से चोरी के ट्रक चलाते थे
  • इंजन और चेसिस नंबर बदल देते थे, गैंग के 9 बदमाश अभी हैं फरार

गाजियाबाद
स्क्रैप और एक्सिडेंट हुए ट्रकों के इंजन और चेसिस नंबर को चोरी और लूट के ट्रकों पर चढ़ाकर देशभर में चलाने वाले गैंग के 3 बदमाशों को गाजियाबाद में स्वाट टीम और एंटी वीइकल थेफ्ट टीम ने गिरफ्तार किया है। उनके पास से विभिन्न नंबरों के 32 ट्रक बरामद किए गए हैं। एसपी क्राइम दीक्षा शर्मा ने बताया कि आरोपियों के नाम परवेंद्र, लीलू और अमित नामदेव है।

गैंग न केवल चोरी के ट्रकों से अपनी कंपनी चला रहा था, बल्कि उसके पास कई सरकारी विभागों का कॉन्ट्रैक्ट है। उनके नॉदर्न रेलवे के 1 करोड़ 95 लाख के कॉन्ट्रैक्ट की जानकारी मिली है। उन्होंने बताया कि गैंग के 9 बदमाश फरार हैं। हिमायत अली, सर्वेश कुमार, आबिद अली, विनेश, पवन शर्मा, उमेश कुमार, तरनजीत सिंह, भोला और तसब्बर है। तसब्बर पूरे गैंग को कोऑर्डिनेट करता है।

कई आरटीओ ऑफिस की भूमिका संदिग्ध
3 आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस बड़े स्तर पर जांच की तैयारी कर रही है। अभी तक की पूछताछ में सामने आया है कि पटियाला, लुधियाना, मोकोकचुंग (नागालैंड), इंदौरा कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) के आरटीओ में इन ट्रकों के रजिस्ट्रेशन की जानकारी मिली है, जिसमें सबसे ज्यादा पंजाब के हैं।

एसपी क्राइम ने बताया कि गैंग नगालैंड, हिमाचल से फर्जी एनओसी की व्यवस्था करता है। इसके बाद ट्रकों को दूसरे नंबर और चेसिस नंबर पर रजिस्ट्रेशन करवाया जाता है। इसमें आरटीओ के भी कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत की बात सामने आई है। इसकी भी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि पेपर को देखकर ट्रकों को पहचानना मुश्किल है। जब तक ठीक से जांच नहीं होगी, इस बारे में जानकारी करना मुश्किल होगा। गाजियाबाद की टीम ने भी जब गैंग को पकड़ा तो उसे एफएसएल से ट्रक को चेक करवाना पड़ा था। कई घंटो के बाद इस बारे में जानकारी मिली थी।

8-10 लाख रुपये में पुराने ट्रक
पूछताछ में सामने आया है कि अमित नामदेव ने कुछ साल पहले एक पुराना ट्रक 22 लाख रुपये में लिया था। इसके बाद उसकी मुलाकात तसब्बर से हुई थी। उसने बताया कि असली पेपर के साथ ट्रक 8-10 लाख रुपये में मिल जाएगा। इसके बाद ट्रकों के खेल को एनसीआर में बड़े पैमाने पर शुरू किया गया। लूट और चोरी करने वाले बदमाश कम दामों में ट्रक लेकर उसमें असली पेपर के साथ सड़क पर उतारा करते थे।

सरकारी काम में चल रहे हैं गैंग के ट्रक
पूछताछ में सामने आया है कि अमित पहले एक ड्राइवर हुआ करता था। एक अपना ट्रक लेने के बाद जब वह गैंग के संपर्क में आया तो उसने नामदेव ट्रांसपोर्ट को शुरू किया। उसके पास कई सरकारी काम के ठेके होने की जानकारी मिली है, जिसमें नॉदर्न रेलवे के माल लेकर जाने का ठेका भी उसके पास है। एसपी क्राइम ने बताया कि इस गैंग से जुड़े लोगों के जितने भी सरकारी ठेके हैं, उसके बारे में जानकारी की जा रही है। इस संबंध में विभागों को लेटर लिखा जाएगा।

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