Ghaziabad news: गाजियाबाद में लगातार बढ़ रहे सीजनल वायरल, डेंगू व मलेरिया के मरीज, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग बेपरवाह

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Ghaziabad news: गाजियाबाद में लगातार बढ़ रहे सीजनल वायरल, डेंगू व मलेरिया के मरीज, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग बेपरवाह

गाजियाबाद
गाजियाबाद जिले में सीजनल वायरल, डेंगू और मलेरिया के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। हालात ऐसे हैं कि जिले के दो बड़े सरकारी अस्पतालों में रोजाना सीजनल वायरल के मरीज गंभीर हालत में भर्ती हो रहे हैं। हालांकि अधिकारी दावा कर रहे हैं कि किसी भी मरीज में डेंगू, मलेरिया या कोरोना की पुष्टि नहीं हुई है।

यह पहली बार है कि सीजनल वायरल इतनी तेजी और गंभीरता से फैल रहा है। इसके अलावा डेंगू और मलेरिया के मामले भी सामने आ रहे हैं। इसके लिए अधिकारी लगातार बैठक तो कर रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर काम होता नजर नहीं आ रहा।

कंबाइंड अस्पताल के इमरजेंसी वॉर्ड में सीजनल वायरल के पांच मरीज भर्ती हैं। जिला एमएमजी अस्पताल में भी इसके कई मरीज एडमिट हैं। दोनों अस्पतालों की ओपीडी में रोजाना इस बीमारी के 40 से 50 मरीज पहुंच रहे हैं। इसके अलावा निजी अस्पतालों की ओपीडी में भी सीजनल वायरल, डेंगू और मलेरिया के लक्षणों वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

कंबाइंड अस्पताल के सीनियर डॉक्टर आर.सी. गुप्ता बताते हैं कि उनके पास आने वाले मरीजों में ज्यादा संख्या सीजनल वायरल के मरीजों की है। इसमें बुखार, शरीर और सिर में दर्द की शिकायत हो रही है। कई मरीज कमजोरी, चक्कर आना और पेट खराब होने की भी शिकायत भी कर रहे हैं। ऐसे मरीजों की कोरोना, मलेरिया और डेंगू की जांच करवाई जा रही है। जिला एमएमजी अस्पताल के सीनियर फिजिशियन डॉ. आर.पी. सिंह के अनुसार उनके पास आने वाले मरीजों में 30 फीसदी मरीज बुखार के हैं। इनमें किशोर भी शामिल हैं। कई मरीजों को गंभीर होने पर अस्पताल में भर्ती भी करना पड़ रहा है। जिले में इस साल अब तक डेंगू के सात और मलेरिया के 6 मरीज मिल चुके हैं।

बिगड़ रहे हालात फिर भी नहीं कर रहे ओपीडी
जिले में हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। इसके बावजूद प्रशासनिक पदों पर नियुक्त स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स ओपीडी करने को तैयार नहीं हैं। पिछले दिनों शासन ने इस संबंध में सख्त निर्देश जारी किए थे। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में इसकी योजना भी बनाई गई थी, लेकिन लगभग एक महीना बीतने के बाद भी प्रशासनिक पदों पर नियुक्त डॉक्टर्स ओपीडी नहीं कर रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि प्रशासनिक कार्यों की अधिकता और डेंगू, मलेरिया पर नियंत्रण पाने के प्रयासों के चलते ओपीडी के लिए समय नहीं मिल पा रहा है। बता दें कि कंबाइंड अस्पताल में डॉक्टर्स की कमी है, यदि एक-दो डॉक्टर्स भी वहां दो घंटे ओपीडी करें तो मरीजों को खासा लाभ मिल सकेगा।

रोज आ रहे 10 से 12 सैंपल
आईडीएसपी लैब में रोजाना डेंगू और मलेरिया के 10 से 12 सैंपल आ रहे हैं। आईडीएसपी लैब प्रभारी डॉ. सुरुची सैनी के अनुसार जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में लिए जाने वाले मलेरिया और डेंगू के सैंपल जांच के लिए इसी लैब में भेजे जाते हैं। लैब में डेंगू की एलाइजा के जरिए जांच की जाती है। इस साल में अब तक उनके पास डेंगू के 61 और मलेरिया के 100 से ज्यादा सैंपल जांच के लिए आ चुके हैं।

केस मिले तो अलर्ट हुआ स्वास्थ्य विभाग
जिले में भी पूर्वांचल के जिलों की तरह डेंगू, मलेरिया जानलेवा न हो इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है। इसके तहत सीएमओ ने शुक्रवार को आईडीएसपी यूनिट के अधिकारियों व कर्मचारियों संग बैठककर निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जलभराव वाले स्थानों व बीते 5 साल में सबसे अधिक मरीज मिलने वाले स्थानों पर सर्विलांस, जांच व उपचार की कार्रवाई की जाए।

मलेरिया विभाग और आईडीएसपी के नोडल अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता का कहना है कि जिले में मलेरिया और डेंगू की रोकथाम और उपचार को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जिले के सभी निजी और सरकारी अस्पतालों को मलेरिया और डेंगू का कोई भी केस आने पर स्वास्थ्य विभाग को सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए कोरोना की तर्ज पर ही कार्य योजना बनाई है।

सांकेतिक तस्‍वीर

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