Ghaziabad Corona Update: गाजियाबाद में कोरोना से लड़ने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को चाहिए ‘बूस्टर डोज’

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Ghaziabad Corona Update: गाजियाबाद में कोरोना से लड़ने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को चाहिए ‘बूस्टर डोज’

Ghaziabad Corona Update: गाजियाबाद में कोरोना से लड़ने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को चाहिए ‘बूस्टर डोज’

गाजियाबाद: चीन में बेकाबू हुए कोरोना संक्रमण के बाद राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को यहां भी अलर्ट कर दिया है। इसके बाद गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मीटिंग कर टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट पर व्यापक स्तर पर अभियान चलाने का प्लान तैयार किया। वहीं कोरोना को लेकर लगाए गए जिन कर्मचारियों की ड्यूटी समाप्त कर दी गई थी उन्हें भी वापस बुलाने के लिए कहा गया। पर तैयारियों के दिखावे के बीच जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही भी देखने को मिल सकती है। यहां भले ही कागज पर तमाम प्लान बनने शुरू हो गए हैं, लेकिन कोविड से लड़ने के लिए अफसर कितने गंभीर हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गाजियाबाद में अब भी कोरोना बचाव के लिए लगाई जाने वाली बूस्टर डोज उपलब्ध नहीं है। यही नहीं जिले में अब भी करीब 17 लाख से अधिक लोगों को बूस्टर डोज लगना बाकी है। हालांकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शासन से डोज मांगी गई है। रिमांइडर भी भेजा गया है।

संक्रमण कम होते ही लचर हो गई थी व्यवस्थाएं
कोरोना के हल्का पड़ने के बाद जिले में कोविड कंट्रोल संबंधी व्यवस्थाएं भी लचर होने लगी थीं। जिले में जहां पहले 40 से ज्यादा स्थानों पर कोविड टेस्टिंग की जा रही थी, वहीं अब यह केवल 6 स्थानों पर ही हो रही हैं। पहले 3 से 4 हजार जांच रोज की जा रही थीं, जो घटकर करीब 500 तक ही सिमट कर रह गई हैं। कोरोना बूस्टर डोज लगना भी जिले में बंद हो गया है। स्वास्थ्य विभाग अब पूरे सिस्टम को शुरू करने में जुट गया है। कोविड कंट्रोल रूम को भी एक्टिव किया जा रहा है।

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि कोविड कंट्रोल के संबंध में बैठक सभी व्यवस्थाओं को फिर से दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। सीएचसी और पीएचसी पर लगे ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की जांच के लिए कहा गया है। यहां लगभग 1000 कंसन्ट्रेटर हैं और सभी चालू हालत में हैं। इसके बावजूद उनकी दोबारा से जांच करवाई जा रही है। कोविड टेस्टिंग के लिए भी फिर से सेंटरों को शुरू किया जाएगा। कोविड कम होने पर टेस्टिंग में लगे स्टाफ को दूसरे स्थानों पर तैनात किया गया था, उन्हें वापस बुलाने का फैसला लिया गया है। जिससे टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट पर पर विशेष जोर दिया जा सके।

अस्पतालों में बेड रिजर्व
कोविड के बढ़ते खतरे को देखते हुए कंबाइंड अस्पताल में समेत सभी सीएचसी और पीएचसी फिर से बेड रिजर्व करने के निर्देश दिए गए हैं। आंकड़ों के अनुसार डीएसओ के अनुसार फिलहाल केवल 6 एक्टिव पेशेंट हैं और सभी होम आइसोलेशन में हैं।

जिले में खत्म हुई कोविड वैक्सीन
जिले में 72 स्थाई केंद्रों पर कोविड वैक्सीनेशन किया जा रहा था। वायरस के कमजोर होते ही वैक्सीनेशन कम हो गई। फिलहाल केवल लोनी सीएचसी और कंबाइंड अस्पताल में ही वैक्सीनेशन किया जा रहा था जो वैक्सीन पूरी तरह से खत्म होने के बाद बंद हो जाएगी। शासन से वैक्सीन मिलने पर ही बूस्टर डोज लगाई जा सकेंगी। लगभग 25 लाख लोगों को बूस्टर डोज लगाई जानी थी, जिनमें से लगभग 8 लाख लोगों को ही बूस्टर डोज लग सकी है।

ओमीक्रॉन के सब-वेरिएंट ने मचाई तबाही
स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि कई देशों में तबाही मचाने वाले कोरना के ओमीक्रॉन वेरिएंट के कई सब-वेरिएंटों का पता चल चुका है। इनमें बीए-1, बीए-2, बीए-5 और बीएफ-7 वेरिएंट शामिल हैं। फिलहाल बीएफ-7 वेरिएंट का सबसे ज्यादा संक्रमण फैला है। इसकी संक्रमण क्षमता कोरोना के अन्य वेरिएंट के मुकाबले कई गुना ज्यादा है। डीएसओ के अनुसार ओमीक्रॉन के नए वेरिएंट के संक्रमण यहां गंभीर नहीं होने की संभावना है। जिले में ओमीक्रॉन के सब वैरिएंट बीए-5 का संक्रमण फैला था, लेकिन केवल उन मरीजों को ही अस्पतालों में भर्ती करवाने की जरूरत पड़ी थी, जिन्हें पहले से कोई गंभीर बीमारी थी।

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