गोरखपुर मामलें पर आज हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

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गोरखपुर मामलें पर आज हाईकोर्ट में होगी सुनवाईगोरखपुर मामलें पर आज हाईकोर्ट में होगी सुनवाई
गोरखपुर मामलें पर आज हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

बीते दिनों यूपी के गोरखपुर इलाकें में एक भयानक हादसा हुआ, जिससे पूरा का पूरा देश सहम गया। हादसें ने अपना शिकार बे-जुबान मासूमों को बनाया, इस भयानक और रूहकांपने वाले हादसे में 36 मासूमों की मौत हो गई थी। हादसें के दोषी कौन थे, अभी इस बात का खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि ऐसे स्वास्थ्य व्यवस्था से कैसे सुधरेगी प्रदेश और देश, क्या आजादी के इतने सालों बाद भी हम अपनी स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत नहीं बना पाएं है? अगर ऐसा है, तो बड़े ही शर्म की बात है। गोरखपुर मामलें में आज हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। जी हां, यूपी के गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने से बच्चों की हुई मौत के मामले की न्यायिक जांच की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। याचिका सामाजिक कार्यकर्ता कमलेश सिंह और हाईकोर्ट की वकील सुनीता शर्मा ने दायर की है।

जानियें, क्या था मामला

आपको बता दें कि बीआरडी मेडिकल में 10 अगस्त से 12 अगस्त के बीच 48 घंटे के भीतर 36 की मासूमों की मौत हो गई थी। मासूमों की मौत के बाद यूपी सरकार के स्वास्थय मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा था कि मौत की वजह ऑक्सीजन सप्लाई का रुकना नहीं है, साथ ही सीएम योगी भी ने यही कहा था कि मौत की वजह ऑक्सीजन सप्लाई का बाधित होना नहीं है। लेकिन आपको याद दिला दें कि मुख्यमंत्री द्वारा डीएम राजीव रौतेला की अगुवाई में गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट में ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने की बात स्वीकारी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हुई थी, जिसकी वजह से मासूमों की मौत हुई।

साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि 9 अगस्त को सीएम के दौरे के दौरान डॉ सतीश और प्रिंसिपल ने उनके सामने ऑक्सीजन की समस्या का जिक्र भी नहीं किया और न ही कोई जानकारी दी, संकट गहराने की स्थिति के बावजूद दोनों छुट्टी पर चले गए। अगर इन दोनों ने मामले के गंभीरता को समझते हुए स्थिति से निपटने की कोशिश की होती तो मासूमों की जान बचाई जा सकती थे ,लेकिन इन्होने ऐसा नहीं किया।

आपको यह भी बता दें कि डीएम गोरखपुर ने शासन को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मेडिकल कॉलेज के सबसे जिम्मेदार अधिकात्री प्रिंसिपल डॉ राजीव मिश्रा थे, लेकिन वे 10 अगस्त को सुबह ही मुख्यालय से बाहर चले गए थे, साथ ही ऑक्सीजन विभाग के हेड डॉ सतीश 11 अगस्त को बिना अनुमति मुंबई चले गए थे।

हाईकोर्ट में होगी सुनवाई
मामलें की गंभीरता को लेते हुए हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करने की बात कहीं। आपको याद दिला दें कि इससे पहले कोर्ट ने यह कहकर मामलें को खारिज कर दिया था कि मामला राज्य सरकार का निजी मामला है। लेकिन बाद में सामाजिक सेवक और वकील की याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई के आदेश दे दिये।

कोर्ट में सुनवाई की खबर से लोगों में न्याय मिलने की उम्मीद जगी है, अब देखना यह होगा कि मामलें पर हाईकोर्ट का क्या फैसला आएगा।