G20 के सुरक्षा इंतजामों को लेकर क्यों मची है हाय तौबा?

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G20 के सुरक्षा इंतजामों को लेकर क्यों मची है हाय तौबा?

G20 के सुरक्षा इंतजामों को लेकर क्यों मची है हाय तौबा?

गुलशन राय खत्री

दिल्ली में 8 सितंबर से शुरू होने जा रही जी20 समिट में दुनिया भर के ताकतवर नेताओं का जमावड़ा लगने जा रहा है। तैयारियां लगातार चल रही हैं लेकिन सबसे बड़ी तैयारी पुलिस की है। सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त किए जा रहे हैं। एक साथ इतने नेताओं की मौजूदगी को देखते हुए बाकायदा दिल्ली के एक हिस्से को पूरी तरह से बंद किया जा रहा है। यही नहीं, कई सड़कों पर ट्रैफिक भी चलने की इजाजत नहीं होगी। वजह ये है कि अगर कोई छोटी भी घटना हुई तो वह पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोरेगी। सरकार और पुलिस नहीं चाहेगी कि कुछ ऐसा हो, जिससे देश की छवि पर आंच आए।

हालांकि हाल के वर्षों में विदेशी अतिथियों के दिल्ली दौरे के दौरान कोई ऐसी अप्रिय घटना नहीं हुई लेकिन 37 साल पहले विदेशी अतिथि के काफिले में ऐसी घटना हो गई थी कि दिल्ली के पुलिस कमिश्नर की नौकरी तक खतरे में पड़ गई थी। दरअसल, ये घटना नवंबर 1986 की है। उस वक्त राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे और तत्कालीन सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचौफ दिल्ली के दौरे पर थे। दोनों देशों में न सिर्फ घनिष्ठ संबंध थे बल्कि राजीव गांधी और मिखाइल गोर्बाचौफ के बीच गहरी दोस्ती भी थी। जाहिर है कि ताकतवर सोवियत संघ के राष्ट्रपति के दिल्ली आने पर सुरक्षा इंतजाम चाक चौबंद थे।

लेकिन इस दौरे के दौरान ही ऐसी घटना हुई कि पूरी सरकार हिल गई। दरअसल, हुआ यों कि सोवियत संघ के राष्ट्रपति का काफिला हैदराबाद हाउस की ओर जा रहा था। इधर उस वक्त के पुलिस कमिश्नर वेद मारवाह भी साउथ ब्लॉक की ओर जा रहे थे। इस बीच वीआईपी रुट लग गया। विदेश मंत्री नटवर सिंह को भी हैदराबाद हाउस जाना था लेकिन इससे पहले उन्हें अपना ब्रीफ और कुछ पेपर लेने थे। नटवर सिंह और वेद मारवाह एक ही कॉलेज में पढ़े थे और एक दूसरे को अच्छी तरह जानते थे। नटवर सिंह को लगा कि इस रूट में वीवीआईपी काफिला आने से पहले वे पुलिस कमिश्नर की कार में बैठकर ही निकल सकते हैं। सो वे उनकी कार में बैठ गए। पीछे पीछे भजन सिंह भी एक कार में थे। उनकी कार भी पुलिस कमिश्नर की कार के पीछे थे। अभी वे कुछ ही दूर गए होंगे कि सामने से वीवीआईपी काफिला आ गया।

काफिले को देखकर वेद मारवाह ने अपनी कार के ड्राइवर को तुरंत रिवर्स गियर लगाने के लिए कहा। आधे मिनट से भी कम फासले पर सोवियत संघ के रा‌ष्ट्रपति और प्रधानमंत्री राजीव गांधी का काफिला उनकी कार के समीप आ गया। हालत ये थी कि पुलिस कमिश्नर की कार काफिले से टकराते टकराते बची। इस घटना के बाद सनसनी फैल गई और प्रधानमंत्री राजीव गांधी इतने नाराज हुए कि उन्होंने वेद मारवाह को पुलिस कमिश्नर के पद से हटाने के निर्देश दिए। नटवर सिंह ने अपनी पुस्तक में भी इस घटना का जिक्र करते हुए कहा कि राजीव गांधी ने उन्हें भी बुरी तरह से डांटा। दो दिन बाद फिर नटवर सिंह ने सफाई दी कि गलती उनकी थी इसलिए वेद मारवाह को इसकी सजा न दी जाए। हालांकि मारवाह को छुट्टी पर जाने के लिए कहा गया लेकिन पुलिस कमिश्नर पद से हटाया नहीं गया। एक तरह से उस वक्त मारवाह का पुलिस कमिश्नर पद जाते जाते बचा।

डिसक्लेमर : ऊपर व्यक्त विचार लेखक के अपने हैं

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