इस जगह पर आज 71 साल बाद महिलाओं को मिल पाया है वोट डालने का अधिकार, पढ़िए पूरी खबर

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नई दिल्ली: अभी पूरे देश और विदेश में चुनाव का वातावरण बना हुआ है इस समय हर पार्टी के दिग्गज नेता का सिर्फ एक ही इरादा होता है कि कैसे भी कर वह वोटर्स का वोट हासिल कर पाए, इसके लिए वह हर पर्याप्त कोशिश करते है ताकि वह मतदाताओं को रुझाने में कामयाब हो सकें. लेकिन एक गांव ऐसा भी है जहां पर महिलाओं को मतदान करने का अधिकार नहीं था. उनको इस अधिकार से वंचित रखा हुआ था. लेकिन आजादी के 71 साल बाद अब महिलाओं को दोबारा मतदान करने का अधिकार हासिल हो पाया है.

25 जुलाई के आम चुनाव में पहली बार वोट करती मिलेगी

बता दें इस गांव की महिलाएं 25 जुलाई के आम चुनाव में पहली बार वोट करती मिलेगी. मुलतान से लगभग 60 किलोमीटर दूर मोहरीपुर गांव की महिलाओं को पुराने रूढ़ीवाद कारण से यह अधिकार से वंचित रखा गया था. महिलाएं इस पुराने तौर तरीको की वजह से मतदान नहीं करने जाती थी. लेकिन इस नई पहल के शुरू होने के बाद से महिलाओं में एक अलग सी खुशी महसूस की गई है.

पुरुषवादी सोच के कारण महिलाओं को मतदान के अधिकार से रखा वंचित

जहां आज के युग में महिलाएं पुरुषों के मुकाबले कदम से कदम मिलकर चल रही है. जहां वह अपने काबिलियत के दाम पर पुरुषों को पीछे कर चुकी है वहीं मोहरीपुर गांव की महिलाएं लंबे समय से अपने अधिकारों से वंचित दिखाई दे रही थी. जिसका मुख्य कारण पुरुषवादी सोच, जिसके वजह से उनको वोट देने का अधिकार नहीं मिला था. गांव के कुछ बुजुर्गों ने आजदी के बाद से महिलाओं के मतदान करने के अधिकार पर रोक लगा दी थी. उनके अनुसार, मतदान केंद्र तक जाने से महिलाओं का सम्मान कम होगा.

चुनाव आयोग की सख्ती

लेकिन जैसे इस मामले की भनक चुनाव आयोग तक लगी तो चुनाव प्रक्रिया में महिलाओं को शामिल न करने के लिए पाकिस्तान चुनाव आयोग ने भी अब काफी सख्ती दिखाई है. चुनाव आयोग ने अपनी कार्रवाई के दौरान प्रत्येक सीट पर कम से कम 10 फीसदी महिला मतदान को जरूरी करार दे दिया गया है. वहीं अगर ऐसा नहीं किया गया तो उस सीट का चुनाव पूरी तरीके से रद्द कर दिया जाएगा.