बिहार में कोरोना के घट रहे मामलों पर बोले एक्सपर्ट्स- खतरा अभी टला नहीं, सरकार सख्ती में नहीं करे कोई कमी

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बिहार में कोरोना के घट रहे मामलों पर बोले एक्सपर्ट्स- खतरा अभी टला नहीं, सरकार सख्ती में नहीं करे कोई कमी

बिहार में कोरोना के घट रहे मामलों पर बोले एक्सपर्ट्स- खतरा अभी टला नहीं, सरकार सख्ती में नहीं करे कोई कमी

पटना
बिहार में कोरोना वायरस की दूसरी लहर कमजोर पड़ती नजर आ रही है, लगातार पॉजिटिव केस की संख्या घट रही है। हालांकि, संक्रमण से मरने वालों के बढ़ते आंकड़े जरूर टेंशन बढ़ा रहे है। सूबे में सोमवार को कोरोना के 5,920 नए मामले सामने आए, जबकि पिछले 24 घंटे के दौरान 11,216 मरीज ठीक भी हुए। इस बीच, 96 मरीजों की जान इस महामारी से गई। लगातार कम हो रहे केस और रिकवरी रेट में सुधार के पीछे मुख्य वजह प्रदेश सरकार के उठाए जा रहे कदमों को माना जा रहा है। वहीं एक्सपर्ट का कहना है कि सरकार को सख्ती में कोई कमी नहीं करनी चाहिए।

लॉकडाउन का दिख रहा असर, इसलिए एक्सपर्ट्स की सरकार को खास सलाह
जानकारों के मुताबिक, जिस तरह से सरकार ने सूबे में लॉकडाउन लगाया है उसका सीधा असर आंकड़ों में नजर आ रहा है। हालांकि, बच्चे अभी भी जोखिम में हैं क्योंकि उनके लिए अभी तक कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। ऐसे में मेडिकल एक्सपर्ट्स का मानना है कि बिहार सरकार को संक्रमण के खिलाफ उठाए गए कदमों में कोई कमी नहीं करनी चाहिए। साथ ही कोविड मरीजों और गैर-कोरोना पॉजिटिव सभी का टेस्ट और ट्रेसिंग जारी रखना चाहिए।

‘ग्रामीण इलाकों में स्क्रीनिंग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत’
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ग्रामीण इलाकों में भी लोगों की स्क्रीनिंग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर संक्रमण की चेन टूटती है तो ये फिर घातक साबित हो सकती है। एम्स-पटना के निदेशक डॉ पीके सिंह ने कहा कि अलग-अलग स्थितियों ने वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी और गिरावट में अहम भूमिका निभाई है। तीसरी लहर की पूरी संभावना है जो नए लक्षणों के साथ स्ट्राइक कर सकती है। उन्होंने आगे कहा, ‘म्यूटेशन से गुजरने के बाद वायरस और मजबूती से एक्टिव होता है और नए लोगों में इसका संक्रमण बढ़ने का ज्यादा खतरा होता है। ऐसे में लोगों को खास सावधानी बरतने की जरूरत है।’

IMA के अध्यक्ष ने बच्चों के वैक्सीनेशन नहीं होने पर जताई चिंता
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सहजानंद प्रसाद सिंह ने कहा कि हमने देश के इतिहास में सबसे खराब स्थिति का सामना किया है। हालांकि, अब अस्पताल में बेड और ऑक्सिजन सिलेंडर की पर्याप्त उपलब्धता को देखकर हम कुछ राहत की सांस ले सकते हैं। लेकिन, ब्लैक फंगस, पोस्ट कोविड बीमारियों और हृदय संबंधी अन्य समस्याओं के सामने आने से मुसीबत अभी टला नहीं है। अभी भी डॉक्टरों को सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए वैक्सीनेशन की सुविधा नहीं होने पर भी चिंता जताई है।

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