Exclusive: ओटीटी कंटेंट को लेकर राणा नायडू के OB महाजन बोले- बुराई कम, अच्छाई ज्यादा हैं

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Exclusive: ओटीटी कंटेंट को लेकर राणा नायडू के OB महाजन बोले- बुराई कम, अच्छाई ज्यादा हैं

Exclusive: ओटीटी कंटेंट को लेकर राणा नायडू के OB महाजन बोले- बुराई कम, अच्छाई ज्यादा हैं

ओटीटी को सेंसरशिप के दायरे में लाया जाए या नहीं? ये एक बहस का मुद्दा बन चुका है। बड़े बड़े स्टार्स और जानकारों की इस पर अपनी-अपनी राय है। जैसे फिल्मफेयर की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सलमान खान ने ओटीटी पर दिखाई जाने वाली वल्गैरिटी पर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने साफ-साफ कहा था कि ओटीटी पर अश्लीलता, नग्नता और गाली-गलौच पर सेंसरशिप होनी चाहिए। अब ओटीटी पर पाबंदी हो या नहीं, इसे लेकर ‘राणा नायडू’ फेम राजेश जैस ने रिएक्ट किया है। नवभारत टाइम्स के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने ओटीटी को स्वंतत्र छोड़ने की बात कही है।

‘बुराई हो सकती है लेकिन अच्छाई ज्यादा है’

इंडस्ट्री में हो रहे बदलावों को लेकर को लेकर राजेश जैस (Rajesh Jais) कहते हैं कि ‘ओटीटी के आने के बाद से चैलेंज भी बढ़े हैं। सबसे ज्यादा बदलाव टेक्नीकली देखने को मिले हैं। यहीं कारण है कि बजट भी बढ़ रहा है। हम विदेशी फिल्मों को टक्कर दे पा रहे हैं। हर चीज के दो पहलू होते हैं अच्छा और बुरा, हां कुछ बुराई हो सकती है लेकिन अच्छाई ज्यादा है।’

हर काम कानूनी रूप से होता है

ओटीटी पर न्यूडिटी को लेकर राजेश कहते हैं, ‘ये बहुत ही गंभीर और सेंसिटिव मुद्दा है कि इस पर न्यूडिटी के लिए पाबंदी लगे कि नहीं? मगर जो भी ओटीटी आए हैं वह सरकार की परमिशन से आए हैं। मिनिस्टरी है जो इन ओटीटी पर निगरानी रखती है और हर नियम कायदे के साथ एक ओटीटी प्लेटफॉर्म की एंट्री होती है। एक जागरूक एक्टर होने के नाते मैं तो यही कहूंगा कि हम लोगों ने ही उन लोगों को चुना है। वहां पर नियम कायदे बनाए हैं। मिनिस्ट्री से लेकर ब्यूरोक्रेड्स हैं जो इस पर देखते हैं। फिलहाल यहां सेंसरशिप नहीं है। हम जो काम करते हैं वो रजिस्टर होता है। ये लीगल प्रक्रिया होती है। हर काम कानूनी रूप से होता है। हम लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। यहां सबको अपनी बात कहने का हक है। बस किसी भी जात, पात धर्म या लिंग पर उंगली नहीं उठानी चाहिए। अगर ओटीटी पर गलत होता है तो उसके लिए भी नियम कायदे हैं। लेकिन सड़क पर नहीं उतरना चाहिए और सरकारी चीजों को तोड़फोड़ नहीं करना चाहिए।’

‘स्टार्स के लिए नहीं एक्टर्स के लिए वरदान है’

राजेश जैस ने कहा, ‘ओटीटी स्टार्स के लिए नहीं, एक्टर्स के लिए वरदान है। ये सभी कलाकारों के लिए वरदान के रुप में आया है। ये नया अवतार है। जो फाइलें बंद पड़ी थीं, जिन कंटेंट को कोई पूछ नहीं रहा था। उन सबकी मानो एक बाढ़ सी आई और उन सबको ओटीटी पर परोसा गया। कोविड की वजह से ओटीटी को बड़ा उछाल मिला, जिन कलाकारों पर ध्यान नहीं जा रहा था, उनका टैलेंट भी देखने को मिला।’

‘एक वेब सीरीज बनती है तो 200 लोगों को मिलता है काम’

वह आगे कहते हैं कि ‘यूजर्स को कम पैसे में दुनिया भर का सिनेमा देखने को मिल गया है। लोगों को बढ़िया और शानदार कंटेंट देखने का चस्का लग गया है। कंटेंट और विजुअल पर भी काम हो रहा है। इंडस्ट्री में अब खूब बड़े बजट के साथ फिल्में बन रही हैं। इससे काम और इकॉनॉमी दोनों विकसित हो रहा है। लोगों को पहले के मुकाबले ज्यादा काम मिल रहा है। जब एक वेब सीरीज बनती है तो करीब 150-200 लोगों को काम मिलता है। टैक्स जाता और इससे सरकार की भी इनकम बढ़ रही है।

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‘कलाकारों को विदेशी प्रोजेक्ट भी मिलने लगे हैं’

फिल्म ‘तू झूठी मैं मक्कार’ में काम कर चुके राजेश का कहना है कि लोगों के लिए यह अच्छा है कि वह आसानी से घर पर बढ़िया कंटेंट देख रहे हैं। इसके साथ ही एक कलाकार के लिए भी अच्छा है कि उनके कंटेंट को देखकर विदेशी प्रोजेक्ट भी मिल रहे हैं।’