महामारी में सब चाहे अपना वाहन, सेकेंड हैंड वाहनों की बिक्री में 250 फीसदी का उछाल

204
महामारी में सब चाहे अपना वाहन, सेकेंड हैंड वाहनों की बिक्री में 250 फीसदी का उछाल

महामारी में सब चाहे अपना वाहन, सेकेंड हैंड वाहनों की बिक्री में 250 फीसदी का उछाल

हाइलाइट्स:

  • कोरोना की दूसरी लहर से डरे लोग अब अपना वाहन खरीदने पर ज्यादा जोर देने लगे हैं
  • जिनके पास नई कार या बाइक खरीदने को पैसे नहीं हैं, वे सेकेंड हैंड भी लेने को तैयार हैं
  • स्थिति यह है कि सेकेेंड हैंड वाहन बेचने वाले पोर्टलों का कारोबार पहले से न सिर्फ बढ़ गया है, बल्कि इन पर वाहन भी पहले ज्यादा बिक रहे हैं
  • इन पर सेकेंड हैंड वाहनों की बिक्री में 250 फीसदी का उछाल आया है

नई दिल्ली
कोरोना की दूसरी लहर से डरे लोग अब अपना वाहन (Self Owned Vehicle) खरीदने पर ज्यादा जोर देने लगे हैं। जिनके पास नई कार (New Car) या बाइक (New Bike) खरीदने को पैसे नहीं हैं, वे सेकेंड हैंड (Second hand car) भी लेने को तैयार हैं। स्थिति यह है कि सेकेेंड हैंड वाहन बेचने वाले पोर्टलों का कारोबार पहले से न सिर्फ बढ़ गया है, बल्कि इन पर वाहन भी पहले ज्यादा बिक रहे हैं। इन पर सेकेंड हैंड वाहनों की बिक्री (Sale of Second hand vehicle) में 250 फीसदी का उछाल आया है।

सब चाहे अपना वाहन
ऑनलाइन ऑटोमोबाइल बेचने वाला प्लेटफार्म ड्रूम (Droom) के संस्थापक और सीईओ संदीप अग्रवाल का कहना है कि खुद के स्वामित्व वाले मोटर वाहनों के लिए प्राथमिकता में इस समय काफी तेजी आई है। ऐसी तेजी का कारण मुख्य रूप से महामारी के बीच बढ़ती सुरक्षा चिंता है। ग्लोबल मैनेजमेंट कंसलटिंग फर्म बीसीजी (Boston Consulting Group) के अनुसार, कार से चलने वालो 70 फीसदी लोग अब अपनी स्वामित्व वाली कार में चलना पसंद कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि कोरोना महामारी के बीच वे पब्लिक ट्रांसपोर्ट (Public Transport) से बच कर ही रहें।

यह भी पढ़ें: India’s GDP Fall: खराब जीडीपी के लिए चिदंबरम ने कोरोना के साथ-साथ भाजपा को ठहराया जिम्मेदार, नोट छापने का दिया सुझाव

प्री कोविड से पोस्ट कोविड में बढ़ गया कारोबार
अग्रवाल का कहना है कि पिछले साल का फरवरी उनके कारोबार के लिए सबसे अच्छा महीना था। उस समय ड्रूम के ग्रॉस मोनेटाइजिंग वैल्यू (GMV) करीब 92 मिलियन तक पहुंचा था। यह जुलाई 2020 से फिर बढ़ना शुरू हुआ और दिसंबर 2020 में लगभग 95 मिलियन तक पहुंच गया।

डिजिटल कारोबार में 250 फीसदी की तेजी
कोविड-19 (Covid-19) महामारी से ऑटोमोबाइल बाजार में भी एक नया चलन दिखने लगा है। अब लोग डिजिटल ऑटोमोबाइल कारोबार को तेजी से अपना रहे हैं। यही नहीं, नई कारों की तुलना में पुरानी कारों और दोपहिया वाहनों की बिक्री में तेज बढ़ोतरी हुई है। अग्रवाल बताते हैं कि प्री कोविड पीरियड में वह हर महीने लगभग 3000-4000 वाहन बेच पाते थे। अब यह बढ़ कर 7,500-10,000 वाहन प्रति माह बेचते हैं। इनमें 75 फीसदी हिस्सेदारी कारों की है जबकि 25 फीसदी हिस्सेदारी दोपहिया वाहनों की है।

यह भी पढ़ें: India’s GDP Growth Rate: जीडीपी को लेकर इस रिपोर्ट के आंकड़े साबित हुए सबसे सटीक, जानिए किस एजेंसी ने लगाया था कितना अनुमान!

हर एक नई कार पर बिकती हैं 1.65 गुना ज्यादा पुरानी कारें
ड्रूम के अध्ययन के मुताबिक इस समय देश भर में हर नई कार के लिए 1.65x पुरानी कारें बिकती हैं। इसका अनुमान है कि अगले दो से तीन वर्षों में यह अनुपात 2.5 गुना हो जाएगा।

क्या पसंद कर रहे हैं लोग
अग्रवाल का कहना है कि लोग इस समय लोग दो पहिया वाहनों में होंडा, बजाज और रॉयल एनफील्ड के वाहन ज्यादा खोजते हैं। जहां तक फोरव्हीलर की बात है तो इस सेगमेंट में मारुति, हुंडई और महिंद्रा के विभिन्न वेरिएंट के लिए बड़ी संख्या में पूछताछ हो रही है।

Source link