बैंक से फ्रॉड करने के मामलें में ED ने जब्त की कम्पनी की 6000 गाड़ियां

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गुजरात के सूरत स्थित एक कंपनी सिद्ध‍ि विनायक लॉजिस्ट‍िक्स लिमिटेड पर द्वारा बैंकों से धोखाधड़ी करने पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बेहद सख्त कदम उठाया है। ED ने मनी लॉड्रिंग, धोखाधड़ी मामले में कंपनी की करीब 1610 करोड़ रुपये मूल्य की 6000 गाड़ियां अपने कब्जे में ले ली हैं।

आरोप है कि कंपनी ने अपने यहाँ काम कर रहे कर्मचारियों और यहाँ तक कि ड्राइवर आदि के नाम से फर्जी कागजात जमा करके उनके नाम पर लोन लिए थे और इसके बारे में उन सबको को पता भी नहीं था।

इसके पहले ED ने कंपनी के डायरेक्टर रूपचंद बैद को बैंक ऑफ महाराष्ट्र से करीब 836 करोड़ रुपये लोन की धोखाधड़ी करने में गिरफ्तार कर लिया था। CBI द्वारा FIR दर्ज करने के बाद कंपनी और इसके निदेशकों के खिलाफ ED ने जांच शुरू कर दी थी। इसके पहले भी प्रवर्तन निदेशालय ने कंपनी की करीब 19 करोड़ की प्रॉपर्टी कुर्क की थी।

यह कंपनी साल 2002 में स्थापित हुई थी। इसका मुख्यालय मुंबई में है। कंपनी भारतीय ग्राहकों को सड़क परिवहन सेवाएं प्रदान करती है। कंपनी का दावा है कि उसके पास करीब 6000 ट्रकों का विशाल बेड़ा है। इसका नेटवर्क गुजरात, राजस्थान, दिल्ली- एनसीआर, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश तक फैला है।

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गौरतलब है लोन लेकर न चुकाने का उद्योगपतियों का यह कोई पहला मामला नहीं हैं। इससे पहले नीरव मोदी और विजय माल्या ये करतूत कर चुके हैं।