Earthquake today : अंडमान-निकोबार में भूकंप के झटके, 4.9 रिक्टर स्केल पर हिली धरती

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Earthquake today : अंडमान-निकोबार में भूकंप के झटके, 4.9 रिक्टर स्केल पर हिली धरती

निकोबार : अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में रविवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप सुबह 7:02 बजे आया। नैशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने बताया कि रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.9 मापी गई।

इससे पहले 28 मार्च को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के दिगलीपुर में भूकंप आया था। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 4.4 मापी गई थी। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने भूकंप ने बताया कि यह भूकंप दिगलीपुर से 147 किलोमीटर उत्तर में आया था।

क्या है भूकंप

भूंकप से मतलब ऐसी प्राकृतिक घटना है जिसमें अचानक ऊर्जा के प्रवाह से धरती की ऊपरी परत हिलती है और सिस्मिक किरणे पैदा होती है। धरती के नीचे टेक्टोनिक प्लेट्स के हिलने से भूंकप पैदा होते हैं। भूकंप कई तरह के होते हैं कई इतने भूकंप हल्के होते हैं जो हमे पता भी नहीं चलते लेकिन कई ऐसे होते हैं जो पूरा शहर बर्बाद कर देते हैं। भूंकप वैसे तो अधिकतर प्राकृतिक रुप से आते हैं लेकिन कई बार यह ज्वालामुखी फूटने, भूस्खलन, सुरंग में विस्फोट और परमाणु परीक्षण के कारण भी आते हैं। धरती के भीतर जिस स्थान से भूकंप पैदा होता है उसे हाइपोसेंटर कहते हैं और धरती के ऊपर हाइपोसेंटर के ठीक ऊपर के स्थान को एपीसेंटर (भूकंप का केन्द्र) कहते हैं।

20वीं सदी के शुरू में सिस्मोलॉजी (भूंकप से जुड़ी पढ़ाई) के आने से पहले भूकंप के बारे में किसी को नहीं पता था। सिस्मोलॉजी में भूकंप के बारे में पढ़ाया जाता है। अगर समुद्र में शक्तिशाली भूकंप आता है तो इससे सूनामी भी आ सकती है। भूकंप को मैग्नीट्यूड स्केल के आधार पर नापा जाता है।

भूकंप आने पर क्या करें क्या न करें?
आपदा वैसे तो संभलने का मौका नहीं देती लेकिन थोड़ा चौकन्ना रहकर आप जिंदगी बचाने की कोशिश जरूर कर सकते हैं। जानिए भूकंप जैसी स्थिति से निपटने के लिए आप कैसे तैयार रह सकते हैं।

– भूकंप के झटके जैसे ही महसूस हों तुरंत बिना देर किए घर, ऑफिस से निकल खुली जगह पर निकल जाएं। बड़ी बिल्डिंग्स, पेड़ों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें।
– बाहर जाने के लिए लिफ्ट का इस्तेमाल कतई न करें। सीढ़ियों से ही नीचे पहुंचने की कोशिश करें।
– अगर आप किसी ऐसी जगह हैं जहां बाहर जाने का कोई फायदा नहीं है तो सही यह होगा कि अपने आस-पास ही ऐसी जगह खोजें जिसके नीचे छिप कर खुद को बचाया जा सके। ध्यान रखें भूकंप के समय भागे नहीं इससे नुकसान की संभावना ज्यादा होगी।
– भूकंप आने पर खिड़की, अलमारी, पंखे, ऊपर रखे भारी सामान से दूर रहें ताकि इनके गिरने और शीशे टूटने से चोट न लगे।
– टेबल, बेड, डेस्क जैसे मजबूत फर्नीचर के नीचे घुस जाएं और उसके लेग्स कसकर पकड़ लें ताकि झटकों से वह खिसके नहीं।
– कोई मजबूत चीज न हो, तो किसी मजबूत दीवार से सटकर शरीर के नाजुक हिस्से जैसे सिर, हाथ आदि को मोटी किताब या किसी मजबूत चीज़ से ढककर घुटने के बल टेक लगाकर बैठ जाएं।
– खुलते-बंद होते दरवाजे के पास खड़े न हों, वरना चोट लग सकती है।
– गाड़ी में हैं तो बिल्डिंग, होर्डिंग्स, खंभों, फ्लाईओवर, पुल आदि से दूर सड़क के किनारे या खुले मैदान में गाड़ी रोक लें और भूकंप रुकने तक इंतजार करें।



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