चीन भेजी जा रही बाब रामदेव के पतंजलि की 50 टन लकड़ी को DRI ने ज़ब्त किया

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योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने कड़ी कार्यवाही करते हुए उनके विदेश भेजे जा रहे सामान को ज़ब्त कर लिया है. डीआरआई की इस कार्यवाही के जवाब में पतंजलि आयुर्वेद जांच एजेंसी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट चली गई है.

दरअसल, डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने पतंजिल ग्रुप की 50 टन चंदन की लकड़ियां ज़ब्त कर ली हैं. ये लकड़ियां पतंजलि ग्रुप द्वारा चीन भेजी जा रही थी. DRI के इस कदम के खिलाफ पतंजलि ग्रुप ने दिल्ली हाईकोर्ट की शरण ली है. इतना ही नहीं डीआरआई ने चंदन की लकड़ियों के साथ-साथ पतंजलि ग्रुप के प्रतिनिधि का पासपोर्ट और निर्यात से जुड़े दस्तावेज भी जब्त किए हैं.

इस कारण हुई कार्यवाही

एक अखबार की खबर के मुताबिक, पतंजलि ग्रुप के पास सी ग्रेड की लकड़ियों को एक्सपोर्ट करने की अनुमति दी गयी है. जानकारी के मुताबिक जांच एजेंसियों को शक है कि बाहर भेजी जा रही चंदन की लकड़ियों में ग्रेड-A और ग्रेड-B की लकड़ियां भी शामिल हैं. हालांकि पतंजलि ग्रुप ने नियमों को किसी भी तरह से तोड़ने की बात को खारिज किया है. पतंजलि ने आधिकारिक बयान में कहा, “हमने अब तक निर्यात नहीं किया है और अभी इसे बाहर भेजने की प्रक्रिया में ही हैं. हमने ये लकड़ियां APFDCL ( आंध्र प्रदेश जंगल विकास निगम लिमिटेड) से खरीदी है और कुछ भी गलत नहीं किया है.” वहीं एक ई-मेल का जवाब देते हुए पतंजलि ग्रुप की ओर से बताया गया कि निर्यात की प्रक्रिया में शामिल में सभी दस्तावेज़, परचेज़ ऑर्डर, परफॉर्मा इनवॉयस, कृष्णपट्टनम पोर्ट पर लकड़ियों की मौजूदगी, लकड़ियों की दर और सी कैटेगरी की लकड़ियों के निर्यात का परमिशन और लाइसेंस उसके पास मौजूद हैं.

पतंजलि की ओर से बताया गया है कि APFDCL ने इन सभी चीजों की जांच भी की है. पतंजलि ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा कि यह विरोधियों की साजिश का नतीजा हो सकता है. संस्था ने कहा, “कुछ भ्रामक और झूठी सूचनाएं कुछ निहित स्वार्थ वाले तत्वों द्वारा दिए जाने की वजह से यह जांच हुई है. ग्रुप ने कहा कि कहीं भी ए या बी कैटेगरी की लकड़ियों के एक्सपोर्ट का सवाल नहीं है.

जांच एजेंसी का कहना है कि पूरी जांच होने तक पतंजलि इन सामानों को एक्सपोर्ट नहीं कर सकती है. दूसरी तरफ पतंजलि समूह ने दिल्ली हाईकोर्ट से दरख्वास्त की है कि जब्त लकड़ियों को रिलीज़ किया जाए.

ये कहता है क़ानून

जानकारी के मुताबिक पतंजलि ने चंदन की ये लकड़ियां आंध्र प्रदेश वन विभाग द्वारा की गई एक नीलामी में खरीदी थी. भारत से बेहतरीन क्वालिटी की चंदन लकड़ियों का निर्यात प्रतिबंधित है. हालांकि, सामान्य किस्म की लकड़ियों को बाहर भेजा जा सकता है. दिलचस्प बात ये है कि चीन चंदन की लकड़ियों का सबसे बड़ा खरीददार है.