Delhi Weather Update: 48 डिग्री से ज्यादा खतरनाक बन गई है ये 37 डिग्री की उमस वाली गर्मी, वजह है यह…

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Delhi Weather Update: 48 डिग्री से ज्यादा खतरनाक बन गई है ये 37 डिग्री की उमस वाली गर्मी, वजह है यह…

Delhi Weather Update: 48 डिग्री से ज्यादा खतरनाक बन गई है ये 37 डिग्री की उमस वाली गर्मी, वजह है यह…

  • जून के अंतिम हफ्ते से जारी नमी का दौर नहीं थम रहा, लोगों के पसीने छूट रहे
  • गर्मी और नमी का कॉकटेल ‘वेट बल्ब टेंपरेचर’ स्वास्थ्य के लिए कतई अच्छा नहीं
  • 12 जुलाई तक हल्की से मध्यम बारिश ही होगी, तब तक ज्यादा राहत नहीं मिलेगी


विशेष संवाददाता, नई दिल्ली:
इस समय एसी से जरा देर बाहर निकलने पर भी लोग खुद को बेजान-सा महसूस कर रहे हैं। जून के मध्य में जब तापमान 44 से 45 डिग्री सेल्सियस था, उस समय भी लोगों को इतनी परेशानी नहीं हो रही थी जितना अब उन्हें 37 डिग्री तापमान उबाल रहा है। जून के अंतिम हफ्ते से नमी का जो दौर शुरू हुआ वह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। इस बीच बारिश और मॉनसून के आगमन से राजधानी को तीन से चार दिन जरूर राहत मिली थी।

​हाय-हाय दिल्ली की गर्मी

कहा जाता है कि दिल्ली की गर्मी का कोई जोड़ नहीं। राजधानी के लोगों को 44-45 डिग्री तापमान सहने की आदत है। लेकिन इस बार राजधानी हांफ रही है। इसकी वजह गर्मी के साथ नमी है। राजधानी में मॉनसून की आहट से पहले पूर्वी हवाएं चलने लगीं। इन पूर्वी हवाओं के साथ नमी बढ़ने लगी। यह नमी बारिश के लिए तो अच्छे संकेत होते हैं, लेकिन इस बार यह नमी भी बारिश को एक्टिवेट नहीं करवा रही है, बल्कि इसने लोगों को छटपटाहट महसूस करवा दिया है।

राजधानी में अभी पूर्वी हवाएं चल रही हैं जो बंगाल की खाड़ी से नमी लेकर आती हैं। ये हवाएं यूं तो बादलों को बनने में मदद करती हैं, लेकिन इस समय मॉनसून की अक्षीय रेखा राजधानी के आसपास नहीं आ रही जिससे यहां बारिश की गतिविधियां नहीं हो रही हैं।

​क्यों परेशान कर रही है उमस

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एक्सपर्ट के अनुसार, आमतौर पर राजधानी में प्री-मॉनसून और मॉनसून की गतिविधियां एक हफ्ते में हो जाती है। कभी बौछारें तो कभी तेज बारिश होती रहती है जिससे राहत मिलती रहती है। लेकिन इस साल परिस्थितियां शुरू से ही विषम हैं। मार्च से ही गर्मी और शुष्क मौसम ने राजधानी को अपनी चपेट में ले लिया। लंबे समय तक मौसम शुष्क रहा। प्री-मॉनसून की गतिविधियां तो हुईं, लेकिन यह एक से दो दिन ही रहीं। मॉनसून की बारिश भी एक से दो दिन ही हुई। लगातार नमी भरे मौसम में रहना इंसानों के लिए अनुकूल नहीं है।

​वेट बल्ब टेंपरेचर से बढ़ी परेशानी

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राजधानी में अभी गर्मी और नमी का जबरदस्त कॉकटेल बन गया है। इसी कॉकटेल को वेट बल्ब टेंपरेचर कहते हैं। अधिकतम तापमान, नमी, हवाओं की गति, सौर विकिरण को मिलकर यह कैलकुलेट होता है। 30 डिग्री से अधिक वेट बल्ब टेंपरेचर इंसानों के लिए सहना बेहद मुश्किल हो जाता है। जबकि 32 डिग्री के ऊपर इस तापमान के जाने पर फिट व्यक्ति के लिए भी बीमारी की संभावना बनी रहती है। कई देशों में 32 डिग्री तापमान होने पर बाहरी गतिविधियों को बंद कर दिया जाता है। जबकि वेट बल्ब टेंपरेचर 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाने पर इंसानी शरीर इसे सह नहीं पाता। लोगों को हीट स्ट्रोक की समस्याएं होती हैं। कुछ की मौत भी हो जाती है।

​क्या कहती हैं स्टडी

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2017 की एक स्टडी के अनुसार दुनिया न सिर्फ गर्म हो रही है, बल्कि हवा में नमी का स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। इससे कम तापमान में अधिक नमी होने पर व्यक्ति के लिए गर्मी सहना असहनीय हो जाता है। एक्सपर्ट के अनुसार, यदि तापमान 30 डिग्री है और नमी का स्तर 90 प्रतिशत तो व्यक्ति के लिए इस तरह के मौसम को सहना काफी मुश्किल होता है। एक्सपर्ट के अनुसार इस तरह के नमी भरे गर्म मौसम में मौतों का ग्राफ बढ़ जाने की संभावना ज्यादा है। खेतों, निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों, मार्केटिंग से जुड़े लोग, डिलिवरी सर्विस से जुड़े लोगों के लिए यह मौसम स्वास्थ्य के लिहाज से काफी कठोर होता है। यही वजह है कि लू के दिनों में 40 डिग्री या इससे भी अधिक तापमान को मैदानी इलाकों में मॉडरेट माना जाता है, जबकि 30 से 31 डिग्री वेट बल्ब टेंपरेचर में व्यक्ति की मौत हो सकती है।

इस गर्मी पर ​क्या कहते हैं एक्सपर्ट

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स्काईमेट के मुख्य मौसम विज्ञानी महेश पलावत का कहना है कि मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय मध्य भारत में एक्टिव है, इसलिए मध्य भारत में बारिश बहुत अधिक हो रही है। राजधानी में पू्र्वी हवाएं बंगाल की खाड़ी से नमी ला रही हैं। आज गुरुवार से छिटपुट बारिश होने की उम्मीद है। यह हल्की बारिश उमस को बढ़ाने का ही काम करेंगी। अधिक राहत की उम्मीद नहीं है। अभी राजधानी में 12 जुलाई तक बड़ी राहत की उम्मीद नहीं हैं। 12 जुलाई से पहले जो बारिश होगी वह राहत देने वाली नहीं होगी। कभी-कभार बारिश मध्यम दर्जे की हो सकती है, जिससे कुछ घंटों के लिए राहत महसूस की जा सकती है।

​कब से बढ़नी शुरू हुई नमी

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  • 26 जून से नमी बढ़ना शुरू हुई – 46 से 67%
  • 27 जून – 46 से 72%
  • 28 जून – 45 से 74%
  • 29 जून – 44 से 77%
  • 30 जून को मॉनसून आने से मिली राहत, यह दो जुलाई तक रही
  • 3 जुलाई से फिर लौटी नमी – 62 से 83%
  • 4 जुलाई – 62 से 89%
  • 5 जुलाई – 55 से 88%
  • 6 जुलाई – 52 से 74%

कब कितना रहा इस साल वेट बल्ब टेंपरेचर

  • 6 जुलाई – 30.11 से.
  • 5 जुलाई – 30.11 से.
  • 4 जुलाई – 30.48 से.

इस साल का सबसे अधिक – 27 जून 33.7 से.

  • 28 जून को 32.11 से.

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