Delhi Water: मॉनसून की देरी से बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे दिल्लीवाले, प्रधानमंत्री निवास तक इसकी जद में

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Delhi Water: मॉनसून की देरी से बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे दिल्लीवाले, प्रधानमंत्री निवास तक इसकी जद में

हाइलाइट्स:

  • मॉनसून की देरी से बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रही दिल्ली
  • लोगों के अनुसार डीजेबी के टैंकर आने का कोई समय नहीं है
  • प्राइवेट टैंकरों का रेट भी 40 से 50 प्रतिशत तक ज्यादा होता है

नई दिल्ली
आमतौर पर राजधानी में पानी की किल्ल्त का दौर मई और जून में दिखाई देता है, लेकिन जुलाई में पानी के लिए इस तरह का हाहाकार देखने को नहीं मिलता। मॉनसून में हो रही देरी, जुलाई में चल रही लू और पानी की किल्लत ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। पानी की इस कमी से सिर्फ आम लोगों को ही नहीं जूझना पड़ रहा, बल्कि सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री निवास तक इसकी जद में हैं।

बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे दिल्लीवाले
लोगों के अनुसार अब आलम यह है कि एक एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। पहले सुबह 4 बजे 10 मिनट के लिए पानी आता था, लेकिन अब एक हफ्ते से वह भी बंद हो गया है। प्राइवेट टैंकर भी पीने का पानी नहीं देते। इस गर्मी में पीने के अलावा दूसरे कामों के लिए भी पानी की किल्लत हो रही है। मॉनसून न आने की वजह से इस समय पानी की डिमांड करीब 1250 से 1300 एमजीडी है। जबकि डीजेबी की क्षमता 945 एमजीडी की है। पानी की कमी की वजह से पानी का उत्पादन महज 845 एमजीडी रह गया है। इसकी वजह से पानी आ भी रहा है तो बहुत कम प्रेशर में।

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दिल्ली सरकार ने हरियाणा पर लगाया आरोप
इस वजह से पानी सभी एरिया में पहुंच नहीं रहा है। डीजेबी के वाइस चेयरमैन राघव चड्ढा के अनुसार हरियाणा इस समय 120 एमजीडी कम पानी दे रहा है। इसके चलते राजधानी में पानी का उत्पादन 100 एमजीडी तक कम हुआ है। इसकी वजह से एनडीएमसी के अलावा सेंट्रल दिल्ली, वेस्ट दिल्ली और साउथ दिल्ली में पानी की काफी किल्लत चल रही है। तकरीबन आधी दिल्ली पानी की कमी से जूझ रही है। गर्मी के इन दिनों में पानी की कमी से प्राइवेट टैंकर वालों की चांदी हो रही है।

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प्राइवेट टैंकरों का रेट भी 40 से 50% तक ज्यादा
लोगों के अनुसार डीजेबी के टैंकर आने का कोई समय नहीं है। दूसरा इन टैंकरों से पानी टैंक में नहीं चढ़ाया जा सकता। जबकि प्राइवेट टैंकर वाले पानी को टंकी में चढ़ा देते हैं। हालांकि इस सुविधा की वजह से डीजेबी की तुलना में प्राइवेट टैंकरों का रेट भी 40 से 50 प्रतिशत तक ज्यादा होता है। साथ ही यह पानी पीने के लिए नहीं होता। इससे नहा सकते हैं और घरों के दूसरे काम कर सकते हैं। जानकारी के अनुसार 1000 लीटर का टैंकर 400 से 600 रुपये में प्राइवेट टैंकर वाले दे रहे हैं। यह डेढ़ से दो दिन चलता है।

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अधिकारियों के अनुसार दरअसल इस समय तक पानी की कमी नहीं रहती। बारिश शुरू होते ही पानी की डिमांड कम होने लगती है। लेकिन इस बार बारिश नहीं हो रही है और गर्मी काफी अधिक है। यही वजह है कि जुलाई में डिमांड आई है।

किस प्लांट पर कितना पड़ा है असर

प्लांट क्षमता उत्पादन
चंद्रावल 90 एमजीडी 55 एमजीडी
वजीराबाद 135 एमजीडी 80 एमजीडी
ओखला 20 एमजीडी 15 एमजीडी
कुल 245एमजीडी 150 एमजीडी

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