Delhi Unlock: चल पड़ी दिल्ली, खुले बाजार लेकिन ग्राहकों का इंतजार

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Delhi Unlock: चल पड़ी दिल्ली, खुले बाजार लेकिन ग्राहकों का इंतजार

सोमवार को दिल्ली में करीब डेढ़ महीने के लॉकडाउन से लोगों को थोड़ी राहत मिली। कारोबार पटरी पर लौटता दिखा, लेकिन नियमों का बहुत कम पालन हो रहा था। कुछ जगहों पर नियम तोड़े गए तो पुलिस ने दुकानें बंद करा दीं। मेट्रो में भी यात्री दिखे। सुबह और शाम के पीक आवर्स के दौरान करीब 15 मेट्रो स्टेशनों को कुछ देश के लिए बंद करना पड़ा। सोमवार को डीटीसी-कलस्टर की 90 फीसदी से ज्यादा बसें सड़कों पर उतरीं।

कनॉट प्लेस: पहले दिन सफाई-सैनेटाइजेशन

दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में सुबह से ही चहल-पहल शुरू हो गई थी। यहां मार्केट के अलावा कई सरकारी व प्राइवेट दफ्तर और बैंक भी हैं। इस वजह से लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। मेट्रो शुरू हो जाने से लोगों को सुविधा हुई। 10 बजे के आसपास मार्केट भी खुलनी शुरू हो गई थीं। पहले दिन ज्यादातर दुकानदार साफ-सफाई और सैनेटाइजेशन के काम में ही व्यस्त नजर आए। यहां के बड़े रेस्टोरेंट्स अभी बंद हैं, लेकिन खाने-पीने की चीजों के बाकी आउटलेट्स खुले थे। इनर सर्कल में ज्यादातर दुकानें ऑड-ईवन सिस्टम से ही खुलीं। आउटर सर्कल पर सभी दुकानें खुली थीं। यहां कई लोग बिना मास्क के दिखे। दुकानदारों का कहना है कि बिजनेस शुरू होने में दस-पंद्रह दिन लग सकते हैं, लेकिन मार्केट खुलने से सकारात्मक माहौल बनना शुरू हो जाएगा।

राजौरी गार्डन: कहीं नियमों का पालन, कहीं लापरवाही

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राजौरी गार्डन मार्केट में कहीं पर नियमों को लेकर दुकानदार ईमानदार दिखाई दिए। कुछ जगहों पर एक साथ लोगों ने तीन-चार दुकानें खोल रखी थीं। लेकिन मार्केट में भीड़ नहीं होने की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर ज्यादा परेशानी नहीं दिखी। दुकानदारों की मानें, तो पहले की तुलना में दोपहर 3 बजे तक 10 फीसदी ग्राहक भी नहीं आए थे।

तिलक नगर: सेंट्रल मार्केट में टूटते दिखे नियम

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यहां जेल रोड की फर्नीचर मार्केट और जनरल मार्केट खुली दिखी। वहीं, सेंट्रल मार्केट में अलग ही नजारा देखने को मिला। वहां नियमों को ताक पर रखकर मार्केट के दुकान एक लाइन से खुली थीं। बीट ऑफिस में बैठे पुलिस अधिकारी से बात की गई, तो उनका कहना था कि दुकानदारों ने सफाई के लिए दुकान खोली थी। जो दुकान नियमों के तहत नहीं खोली गई है, उसे तुरंत बंद करवाएंगे। मार्केट के प्रधान सुशील ने बताया कि पहले दिन ग्राहक नहीं आए। सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए रेहड़ी-पटरी लगाने वालों को दुकान नहीं लगाने दी गई है।

द्वारका व पालम: लोग कम, पुलिस की सख्ती ज्यादा

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द्वारका की मार्केट में पुलिस की कड़ी नजर रही। सुबह दस बजे से ही दुकानें खुलनी शुरू हो गई थीं। पुलिस ने सभी दुकानों के बाहर नंबर लिखे और बताया कि दुकानें अपने-अपने दिनों के हिसाब से खुलेंगी। कोविड से जुड़े नियम टूटते हैं, तो व्यापारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी। यहां कई मार्केटों में ग्राहक नहीं दिखे। गैलरी भी लगभग खाली नजर आई। कुछ दुकान वालों ने अपने सामान बाहर जरूर रखे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें अंदर करवा दिया। सेक्टर-7 ट्रेडर असोसिएशन एमएलयू मार्केट के जनरल सेकेट्री रॉबिन शर्मा ने बताया कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि अभी तीन-चार दिन बाजार इसी तरह का रहेगा। धीरे-धीरे कस्टमर आना शुरू होंगे, लेकिन बाजार को रफ्तार पकड़ने में पंद्रह दिन का समय लग सकता है। वहीं, पालम, डाबड़ी जैसी जगहों पर मार्केट में ऑड-ईवन का पालन मुश्किल रहा। दुकानों के आगे रेहड़ी-पटरी वालों को बैठने नहीं दिया जा रहा। पहले दिन व्यापारी साफ सफाई करते दिखाई दिए।

यमुनापार के बाजार: पूरी तैयारी के साथ काम शुरू

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यमुनापार इलाके में ऑड-ईवन के हिसाब से लगभग डेढ़ महीने बाद खुदरा मार्केट की दुकानें तो खुलीं, लेकिन ग्राहक नहीं दिखे। दुकानदारों का दोपहर तक का समय साफ-सफाई में ही बीता। शाहदरा की मंडोली रोड मार्केट असोसिएशन की प्रेजिडेंट बिन्नी वर्मा ने बताया कि दुकानें तो ऑड-ईवन के हिसाब से खुली हैं। लेकिन अभी कारोबार के पटरी पर आने की उम्मीद नहीं दिख रही है। उन्होंने बताया कि रविवार की रात को ही मार्केट असोसिएशन की ओर दुकानों पर ऑड-ईवन की मार्किंग कर दी गई थी। इस मार्केट के सभी दुकानदारों ने सुनिश्चित किया है कि वे प्रोटोकॉल का पालन करेंगे और अपनी दुकानों के समान रेहड़ी-पटरी पर नहीं लगने देंगे। लाल क्वॉर्टर के कपड़ा कारोबारी अनूप अग्रवाल ने बताया कि ऑड-ईवन के साथ-साथ हम लोग अपनी दुकानों में 50 प्रतिशत स्टाफ को बुला रहे हैं। अधिक उम्र वाले स्टाफ को कुछ दिनों के लिए दुकानों पर नहीं बुला रहे हैं। दुकानों पर मास्क और सैनिटाइजर की भी व्यवस्था की गई है। यह मार्केट सोमवार को बंद रहता है, इसकी वजह से यहां दुकानें तो खुली थी, लेकिन ग्राहक नहीं आए। पहले दिन दुकानों के खुलने पर ईस्ट दिल्ली के डीसीपी ने मार्केट का दौरा किया।

रोहिणी: रेहड़ी-पटरी वालों को नहीं मिली जगह

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रोहिणी की मार्केट्स में 15 से 20 फीसदी ही ग्राहक पहुंचे। अधिकतर मार्केट में कस्टमर ना के बराबर दिखे। दुकानदारों में मायूसी देखी गई। उनका कहना है कि पहले जैसा काम फिर से पटरी पर लौटने में 6 महीने का समय लग सकता है। मार्केट असोसिएशन की ओर से रेहड़ी-पटरी वालों को दुकानों के आगे लगने नहीं दिया गया। फेडरेशन ऑफ रोहिणी ट्रेडर्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट विजय पाल ने बताया कि रोहिणी की सभी मार्केट ऑड-ईवन के साथ खुलीं। दुकानों को खोलने के लिए रविवार को ही पूरी तैयारी कर ली गई थी। रोहिणी सेक्टर-1,2, अवंतिका, सेक्टर 6-7 की डिवाइडिंग रोड मार्केट, सेक्टर-17 हनुमान मार्केट, एकता मार्केट, सेक्टर 7-8 सेंट्रल मार्केट, सेक्टर-15,18, प्रशांत विहार मार्केट में समय पर दुकानें खुलीं। ट्रेडर्स असोसिएशन के पदाधिकारियों ने सभी मार्केट एरिया का जायजा लिया। पुलिस भी मार्केट एरिया में मुस्तैद दिखी। नत्थूपुरा, स्वरूप नगर, शाहबाद डेयरी, नांगलोई और रानी बाग एरिया में भी पूरी सेफ्टी के साथ दुकानें खुलीं।

कई जगहों पर पहले ही दिन लग गया भारी जाम, पुलिस के बैरिकेड भी हटे

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लंबे इंतजार के बाद सोमवार से जब दिल्ली में मॉल्स, मार्केट, दफ्तर आदि खुल गए, तो सड़कों पर भी सामान्य स्थिति लौटती नजर आई। सुबह ही सड़कों पर जाम के हालात बन गए। आईटीओ के आस-पास तो बंपर टु बंपर ट्रैफिक लगा नजर आया, वहीं अन्य प्रमुख सड़कों और चौराहों पर भी सुबह के वक्त ट्रैफिक सिग्नलों पर गाड़ियों की लंबी कतारें लगी नजर आईं। सड़कों पर ट्रैफिक बढ़ने के साथ ही सब जगह ट्रैफिक सिग्नल्स भी पहले की तरह काम करते नजर आए, जबकि बीच में लॉकडाउन के दौरान कई जगहों पर ये सिग्नल फ्री कर दिए गए थे। सुबह और शाम के वक्त प्रमुख जगहों पर ट्रैफिक पुलिस भी मुस्तैद नजर आई। हालात का जायजा लेने के लिए खुद पुलिस कमिश्नर एस.एन. श्रीवास्तव भी सीनियर अफसरों के साथ दिल्ली की सड़कों पर निकले हुए थे। उन्होंने नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली और सेंट्रल व नॉर्थ दिल्ली की कई जगहों पर जाकर देखा कि लोग नियमों का ठीक तरीके से पालन कर रहे हैं कि नहीं और पुलिस कितनी मुस्तैद है।

​डीटीसी-क्लस्टर की 90% से ज्यादा बसें सड़कों पर उतरीं

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अनलॉक दिल्ली के दूसरे हफ्ते में ज्यादा रियायतों के बीच सड़कों पर आने वाली बसों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। डीटीसी सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को 90 फीसदी से ज्यादा बसें सड़कों पर उतारी गईं, जबकि पिछले कई दिनों से यह संख्या करीब 75 फीसदी तक थी। डीटीसी की कुल 3762 बसें हैं, जिनमें से 91.12 प्रतिशत यानी 3428 बसें सड़कों पर उतरीं। 1 से 6 जून के बीच डीटीसी की करीब 2802 बसें रोजाना सड़कों पर आ रही थीं। क्लस्टर की कुल 2990 बसें हैं और सोमवार को सड़कों पर आने वाली क्लस्टर बसों की संख्या भी 91 प्रतिशत तक रही। क्लस्टर बसों के आंकड़ों को देखें तो सोमवार को करीब 91 फीसदी बसें सड़कों पर आईं। बताया जाता है कि साउथ और ईस्ट दिल्ली डिपो की बसों में ज्यादा सवारियों ने सफर किया। ग्रामीण और सेंट्रल दिल्ली के डिपो में सामान्य राइडरशिप रही। साउथ दिल्ली और ईस्ट दिल्ली डिपो की करीब 92 फीसदी बसों को चलाया गया।

​शराब खरीदने के लिए नहीं लगीं लाइनें, भीड़ गायब

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अनलॉक के पहले दिन शराब की दुकानों पर ज्यादा भीड़ नजर नहीं आई। लगभग हर जगह सामान्य दिनों की तरह ही लोग शराब खरीदते नजर आए। ऑड-ईवन आधार पर खुलीं शराब की दुकानों में ग्राहक कम होने से दुकानदारों को भी अतिरिक्त स्टॉक जरूरत नहीं पड़ी। शाहदरा में एक वाइन शॉप के मैनेजर अशोक कुमार ने बताया कि पहले दिन सेल काफी कम रही। हो सकता है कि लोगों ने हरियाणा और यूपी से शराब खरीद ली हो। साथ ही जब दिल्ली में लॉकडाउन हुआ था, तब काफी लोगों ने एक्स्ट्रा शराब खरीदी थी। संभव है कि उनके पास अभी तक उनका ही पुराना स्टॉक बचा हुआ हो। दुकानदारों ने बताया कि उनकी ओर से पुलिस को जानकारी देने समेत कई इंतजाम किए गए थे। मौके पर पुलिस के कर्मचारी भी रहे। वॉलिंटियर भी मौजूद थे। हालांकि शराब खरीदने वाले इतने थे ही नहीं कि उन्हें मैनेज करने की जरूरत पड़ती। शराब खरीदने वालों का कहना था कि जब मार्केट खुल गई तो लाइनों में लगने की क्या जरूरत है।

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