देश भर में हिंसा प्रदर्शन के बीच नागरिकता संशोधन पर विचार शुरू

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नागरिकता संशोधन
देश भर में हिंसा प्रदर्शन के बीच नागरिकता संशोधन पर विचार शुरू

नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है. इसी बीच गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि नागरिकता कानून पर विचार किया जाएगा. सूत्रों के हवालों से पता चला है कि अगर कानून लागू होगा, तो हालात बेकाबू हो जाएगे. ऐसे में इस पर विचार किया जाएगा.

इतना ही नहीं प्रदर्शनकारी भी गृह मंत्रालय को अपने सुझाव दे सकते हैं. नागरिकता प्रदान करने पर सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक अपने विचार-विमर्श नहीं किया है. यह कानून एक केंद्रीय कानून है और राज्य इसको मानने के लिए बाध्य है. वहीं पूरी प्रक्रिया लगभग डिजिटल होगी और इतना ही नहीं इससे संबंधित सभी दस्तावेजों की जांच की जाएगी.

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राज्यों की इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होगी. पहले यह काम जिलाधिकारी व कलेक्टर के जिम्मे था, लेकिन इस बार प्रक्रियाओं में बदलाव होने की संभावना है. इस पूरी प्रक्रिया में राज्य के अधिकारियों की भूमिका अहम है और हर पहलू पर उनकी मदद की जरूरत पड़ेगी.

अगर किसी भी देश में अवैध शरणार्थी होते हैं, तो उस देश को अधिकार है कि वह उन्हें वापस जाने को कहे. इस कानून को लेकर दिल्ली में लोगों को गुमराह किया जा रहा है सूत्रों ने यह भी बताया कि देशभर में एनआरसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद नागरिकता कानून के आर्टिकल 14 ए के तहत लोगों को एक राष्ट्रीय पहचान पत्र यानी की National Identity Card भी जारी किया जाएगा.

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बता दें कि आर्टिकल 14 ए में भारत के संविधान में यह कहा गया है कि भारत के राज्य क्षेत्र में किसी व्यक्ति को कानून के समक्ष समता से या कानून के समान संरक्षण से वंचित नहीं करेगा. भारतीय संविधान के आर्टिकल 14 के हिसाब से इसका मतलब यह है कि सरकार भारत में किसी भी व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं करेगी.