मोदी और मायावती का सफाया करने के लिए कांग्रेस ने तैयार किया बड़ा एक्शन प्लान

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नई दिल्ली: अभी पांच राज्यों में चुनावी माहौल बना हुआ है. इसको लेकर तमाम दल सियासी समीकरण बनाते नजर आ रहें है. विधानसभा चुनाव के साथ-साथ लोकसभा चुनाव की तैयारी भी जोर-शोर से है.

कांग्रेस दलितों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश में 

बता दें साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस दलितों को अपने साथ जोड़ने की पर्याप्त कोशिशों में है. जिसके लिए कांग्रेस ने खास रूप से तैयारी की है. कांग्रेस अपने इस नए और निर्णायक प्लान के बदौलत दलितों को अपने खेमे में करने में लगी हुई है और इसी संदर्भ में ‘संविधान से स्वाभिमान’ अभियान की शुरुआत कर रहीं है,जिसके अनुरूप पार्टी के नेता और कार्यकर्ता नरेंद्र मोदी सरकार की ‘दलित एवं संविधान विरोधी नीतियों’ के बारे में लोगों को अवगत करेंगी.

कांग्रेस एक तीर से दो निशाने लगाने की फिराक में

बहरहाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और बसपा का गठबंधन नहीं हुआ है. इस चुनावी राजनीती में बसपा सुप्रीमो मायावती कांग्रेस पर निशाना साधने का एक भी मौक नहीं छोड़ रहीं है.  वो यहां तक कह चुकी है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस के साथ गठबंधन की कोई सहमती नहीं है. इससे यह साफ हो गया है कि भाजपा और बसपा को मात देने के लिए कांग्रेस पार्टी को दलितों को अपने पाले में लेने के लिए नीति बनानी होगी. वहीं पीएम अपने भाषण में डॉ भीमराव आंबेडकर का हर बार जिक्र करते है.

गांव-गांव जाकर दलितों को अपने पाले में लाने का प्लान

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा ‘संविधान से स्वाभिमान अभियान’ पर सहमती भर ली गई है. इस अभियान द्वारा अगले 90 दिनों तक गांव-गांव में जाकर दलित समाज वालों के साथ साफ-साफ रूप से बातचीत की जाएगी और छोटे-बड़े सम्मेलनों का भी आयोजन किया जाएगा. साल 2019 के लिए दलित समाज को अपने पक्ष को करने के लिए इस अभियान की तैयारी कांग्रेस पार्टी का अनुसूचित जाति विभाग कर रहीं है. जिसकी औपचारिक शुरुआत दिल्ली से की जाएगी और ये अभियान अगले साल फरवरी तक चलेगा.