कांग्रेस ने बताया जीएसटी को खामियों से भरा ।

613
कांग्रेस ने बताया जीएसटी को खामियों से भरा ।

कांग्रेस ने 1 जुलाई से लागू हुए जीएसटी को खामियों से भरा बताते हुए कहा है कि ‘एक देश एक टैक्स’ कि परिकल्पना के साथ मजाक है । वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि तीन की जगह बहुस्तरीय टैक्स दरों ने जीएसटी के मकसद को ही खत्म कर दिया है । जीएसटी की खामियों पर सवाल उठाने के साथ ही चिदंबरम ने पेट्रोलियम उत्पादों, बिजली और रियल एस्टेट को भी नई व्यवस्था में शामिल करने की वकालत की । पूर्व वित्त मंत्री ने जीएसटी की नई व्यवस्था में महंगाई बढ़ने की आंशका जताई और दरें घटाते हुए 18 फीसदी की अधिकतम सीमा तय करने की मांग की ।
जीएसटी लागू होने के छठे दिन देश में कर व्यवस्था के नए दौर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चिदंबरम ने कांग्रेस का यह आधिकारिक नजरिया रखा। उनका कहना था कि देश जीएसटी के लिए अभी मानसिक रूप से तैयार नहीं था। इसलिए कारोबारियों और दुकानदारों में गहन चिंता का माहौल है । इस स्थिति को टालने के लिए सरकार को दो महीने के लिए प्रयोग के तौर पर जीएसटी लागू करना चाहिए था ।

इसके बाद 1 सितंबर से पूरी तरह से लागू होता तो बेहतर होता । चिदंबरम ने कहा कि जीएसटी की परिकल्पना में सभी वस्तुओं और सेवाओं पर एक टैक्स की व्यवस्था का प्रावधान था । इसके तहत जीएसटी में सिंगल दर का मतलब तीन टैक्स दर स्टैंडर्ड दर, स्टैंडर्ड प्लस दर और स्टैंडर्ड माइनस दर की बात की थी । भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिंह ने भी कहा कि हमे ऐसा ही जीएसटी डिज़ाइन करना चाहिए था । राजग सरकार ने जीएसटी में टैक्स की सात दरें रखी है ।

इतना ही नहीं राज्यों को अतिरिक्त टैक्स लगाने का प्रावधान रखा है । चिदंबरम ने कहा कि इसलिए मौजूदा जीएसटी कानून को वह उसकी बुनियादी परिकल्पना के साथ क्रूर मजाक मान रहे है । उन्होंने कहा कि जब बहुस्तरीय टैक्स दरें होंगी और सरकारों को अपना राजस्व हित साधने के लिए दरें बढ़ाने का प्रावधान होगा तो यह एक देश एक टैक्स वाली व्यवस्था कैसे कही जा सकती है । चिदंबरम ने जीएसटी कि 28 और 40 प्रतिशत की दरों को अधिक बताते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी जीएसटी की अधिकतम सीमा 18 फीसदी करने की हिमायती है । उनके मुताबिक़ सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार की रिपोर्ट में भी टैक्स दरों को इससे अधिक नहीं रखने की सिफारिश की गई है ।