China Pakistan Tension: हमने चीन का भरोसा तोड़ा, सेना की सुरक्षा का वादा सिर्फ शब्दों में… सरकार पर भड़का पाकिस्तानी सांसद
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। कुछ दिन पहले ही कराची विश्वविद्यालय की गेट पर चीनी नागरिकों के ऊपर हमला हुआ था। जिसके बाद चीन ने पाकिस्तान के ऊपर गुस्से का इजहार किया था। पाकिस्तान का दावा है कि वह अपने देश में चीनी नागरिकों को सेना की सुरक्षा उपलब्ध करवा रहा है। इसके बावजूद पाकिस्तान में विद्रोही संगठन लगातार चीनी नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। अब सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग के वरिष्ठ सीनेटर और सीनेट डिफेंस कमेटी के चेयरमैन मुशाहिद हुसैन ने अपनी ही सरकार को घेरा है।
पाकिस्तान की सुरक्षा प्रणाली से चीन का विश्वास उठा
मुशाहिद हुसैन ने कहा कि पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर लगातार बढ़ रहे हमलों से पाकिस्तान की सुरक्षा प्रणाली से चीन का विश्वास पूरी तरह से उठ चुका है। पाकिस्तान की सुरक्षा प्रणाली चीनी नागरिकों और उनके परियोजनाओं की रक्षा करने में असमर्थ नजर आ रही है। सीनेटर मुशाहिद ने पिछले महीने कराची विश्वविद्यालय में वैन पर हुए आत्मघाती हमले में तीन चीनी नागरिकों के मारे जाने के बाद संवेदना व्यक्त करने के लिए पिछले सप्ताह चीनी दूतावास में एक सीनेट प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था। कराची विश्वविद्यालय में हुआ आत्मघाती हमला एक साल में पाकिस्तानी धरती पर चीनी नागरिकों पर तीसरा हमला था।
पाकिस्तानी सेना के वादे सिर्फ शब्दों में ही हैं
उन्होंने कहा कि इसने चीन में गंभीर चिंता और समझ में आने वाला आक्रोश पैदा किया है। इसके अलावा, हमलों का पैटर्न इतना ज्यादा बढ़ गया है कि इससे पता चलता है कि ‘फुलप्रूफ सुरक्षा’ के पाकिस्तानी वादे सिर्फ शब्दों में ही हैं, जमीन पर जवाबी कार्रवाई से मेल नहीं खाते हैं। पाकिस्तानी सेना के सुरक्षा व्यवस्था की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि सिक्योरिटी एजेंसियों को ऐसा लगता है कि वे झपकी लेते हुए पकड़े गए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस तरह के हमले जारी रहते हैं, तो न केवल चीनी बल्कि अन्य विदेशी निवेशक पाकिस्तान में अपनी भूमिका की समीक्षा करने के लिए मजबूर होंगे।
बड़ी संख्या में चीनी नागरिकों ने पाकिस्तान छोड़ा
पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि हमले के बाद बड़ी संख्या में चीनी कामगारों ने पाकिस्तान छोड़ दिया है। हालांकि एक चीनी अधिकारी ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। जो चीनी नागरिक पाकिस्तान की कराची से फ्लाइट से अपने देश गए हैं, वो एक नियमित ऑपरेशन था। इसी को कुछ लोगों ने चीनी कामगारों के पलायन के तौर पर पेश किया, जो सही नहीं है। उसने यह भी कहा कि यह बात सही है कि पाकिस्तान में रहने वाले चीनी नागरिक अपनी सुरक्षा को लेकर डरे हुए हैं।
चीन बोला- आतंकी ताकतें सफल नहीं होगी
चीनी नागरिकों पर हुए हमले के बाद बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिजियन झाओ ने आशा व्यक्त की कि दोनों देशों के आपसी विश्वास और सहयोग को कमजोर करने के लिए आतंकवादी ताकतों की साजिश सफल नहीं होगी। उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष पाकिस्तान के साथ मिलकर पूरी जांच करेगा, सच्चाई का खुलासा करेगा, अपराधियों को सजा दिलाएगा और दोनों देशों के लोगों को समझाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि चीन द्विपक्षीय सहयोग में सुरक्षित और सुचारू प्रगति सुनिश्चित करने और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पाकिस्तानी पक्ष के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है। .
पाकिस्तान की सुरक्षा प्रणाली से चीन का विश्वास उठा
मुशाहिद हुसैन ने कहा कि पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर लगातार बढ़ रहे हमलों से पाकिस्तान की सुरक्षा प्रणाली से चीन का विश्वास पूरी तरह से उठ चुका है। पाकिस्तान की सुरक्षा प्रणाली चीनी नागरिकों और उनके परियोजनाओं की रक्षा करने में असमर्थ नजर आ रही है। सीनेटर मुशाहिद ने पिछले महीने कराची विश्वविद्यालय में वैन पर हुए आत्मघाती हमले में तीन चीनी नागरिकों के मारे जाने के बाद संवेदना व्यक्त करने के लिए पिछले सप्ताह चीनी दूतावास में एक सीनेट प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था। कराची विश्वविद्यालय में हुआ आत्मघाती हमला एक साल में पाकिस्तानी धरती पर चीनी नागरिकों पर तीसरा हमला था।
पाकिस्तानी सेना के वादे सिर्फ शब्दों में ही हैं
उन्होंने कहा कि इसने चीन में गंभीर चिंता और समझ में आने वाला आक्रोश पैदा किया है। इसके अलावा, हमलों का पैटर्न इतना ज्यादा बढ़ गया है कि इससे पता चलता है कि ‘फुलप्रूफ सुरक्षा’ के पाकिस्तानी वादे सिर्फ शब्दों में ही हैं, जमीन पर जवाबी कार्रवाई से मेल नहीं खाते हैं। पाकिस्तानी सेना के सुरक्षा व्यवस्था की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि सिक्योरिटी एजेंसियों को ऐसा लगता है कि वे झपकी लेते हुए पकड़े गए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस तरह के हमले जारी रहते हैं, तो न केवल चीनी बल्कि अन्य विदेशी निवेशक पाकिस्तान में अपनी भूमिका की समीक्षा करने के लिए मजबूर होंगे।
बड़ी संख्या में चीनी नागरिकों ने पाकिस्तान छोड़ा
पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि हमले के बाद बड़ी संख्या में चीनी कामगारों ने पाकिस्तान छोड़ दिया है। हालांकि एक चीनी अधिकारी ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। जो चीनी नागरिक पाकिस्तान की कराची से फ्लाइट से अपने देश गए हैं, वो एक नियमित ऑपरेशन था। इसी को कुछ लोगों ने चीनी कामगारों के पलायन के तौर पर पेश किया, जो सही नहीं है। उसने यह भी कहा कि यह बात सही है कि पाकिस्तान में रहने वाले चीनी नागरिक अपनी सुरक्षा को लेकर डरे हुए हैं।
चीन बोला- आतंकी ताकतें सफल नहीं होगी
चीनी नागरिकों पर हुए हमले के बाद बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिजियन झाओ ने आशा व्यक्त की कि दोनों देशों के आपसी विश्वास और सहयोग को कमजोर करने के लिए आतंकवादी ताकतों की साजिश सफल नहीं होगी। उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष पाकिस्तान के साथ मिलकर पूरी जांच करेगा, सच्चाई का खुलासा करेगा, अपराधियों को सजा दिलाएगा और दोनों देशों के लोगों को समझाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि चीन द्विपक्षीय सहयोग में सुरक्षित और सुचारू प्रगति सुनिश्चित करने और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पाकिस्तानी पक्ष के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है। .