Child Vaccine India News: कोवैक्सिन, मॉडर्ना…. कौन सी वैक्सीन बच्चों पर कितनी असरदार है, जानिए
हाइलाइट्स
- भारत में फिलहाल 15-18 साल के बच्चों को कोवैक्सिन लगेगी
- 1 जनवरी से कोविन पोर्टल पर पंजीकरण शुरू हो जाएगा
- फाइजर की वैक्सीन 12 से 15 साल के बच्चों पर 100 प्रतिशत प्रभावी
नई दिल्ली
नए साल में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक नया अध्याय जुड़ेगा। देश में 15 से 18 साल के बच्चों का टीकाकरण शुरू होने वाला है। इसके लिए 1 जनवरी से ‘कोविन’ पोर्टल पर पंजीकरण शुरू हो जाएगा। तीन जनवरी से बच्चों का कोविड-19 रोधी टीकाकरण शुरू करने की तैयारी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नए दिशानिर्देशों के अनुसार किशोरों के लिए टीके का विकल्प केवल कोवैक्सिन होगा। इसके दायरे में वे सभी बच्चे आएंगे, जिनका जन्म साल 2007 या उससे पहले हुआ हो।
फिलहाल बच्चों के लिए अपने देश में टीके का विकल्प ‘कोवैक्सिन’ तक सीमित है लेकिन आगे यह बढ़ भी सकता है। आइए जानते हैं कि बच्चों के लिए दुनिया में कौन सी प्रमुख वैक्सीन उपलब्ध हैं और वे कितनी प्रभावी हैं।
कोवैक्सिन की मारक क्षमता
भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को 12 से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए मंजूरी दी गई है। बच्चों में कोवैक्सिन उतनी ही प्रभावी पाई गई है जितनी बड़ों में। तीसरे फेज के क्लिनिकल ट्रायल में यह 77.8% प्रभावी पाई गई है। इसके बाद इसे देश में बच्चों के लिए मंजूरी दे दी गई।
फाइजर की बच्चों वाली वैक्सीन
अमेरिका में 12 से 15 साल के बच्चों के लिए Pfizer-BioNTech की कोविड वैक्सीन को मंजूरी मिली है। इसके दो डोज तीन हफ्ते के अंतराल पर लगाए जाएंगे। फाइजर का दावा है कि यह 12 से 15 साल के बच्चों में कोविड-19 के खिलाफ 100% प्रभावी है। 16 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए अमेरिका Pfizer-BioNTech की Comirnaty वैक्सीन को मंजूरी दी गई और वह 96% प्रभावी पाई गई है। कनाडा में भी बच्चों को फाइजर की वैक्सीन लग रही है।
फाइजर ने पांच साल से अधिक उम्र के बच्चों पर ट्रायल किया है। इसमें कोरोना के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने में वैक्सीन 90.7 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है।
जाइडस कैडिला की वैक्सीन
12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए देश में जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन भी बन चुकी है। यह डीएनए पर आधारित दुनिया की पहली वैक्सीन है। 12+ बच्चों पर किए ट्रायल में यह 66.6 प्रतिशत असरदार पाई गई है। जल्द ही इसे भी बच्चों को लगाने की शुरुआत हो सकती है।
मॉडर्ना भी है
मॉडर्ना ने भी 12-17 साल के बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन बना ली है और यह ट्रायल में 100 प्रतिशत असरदार पाई गई है। 6 से 11 साल के बच्चों के लिए भी मॉडर्ना का ट्रायल शानदार रहा है।
पुणे का सीरम इंस्टिट्यूट भी बच्चों के लिए वैक्सीन बना रहा है। यह वैक्सीन 3 साल से अधिक उम्र के बच्चों को लगाई जाएगी। सीरम की कोवैक्स अभी ट्रायल के फेज में है। इसने तीन साल के बच्चों में शानदार नतीजे दिखाए हैं।
हाइलाइट्स
- भारत में फिलहाल 15-18 साल के बच्चों को कोवैक्सिन लगेगी
- 1 जनवरी से कोविन पोर्टल पर पंजीकरण शुरू हो जाएगा
- फाइजर की वैक्सीन 12 से 15 साल के बच्चों पर 100 प्रतिशत प्रभावी
नए साल में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक नया अध्याय जुड़ेगा। देश में 15 से 18 साल के बच्चों का टीकाकरण शुरू होने वाला है। इसके लिए 1 जनवरी से ‘कोविन’ पोर्टल पर पंजीकरण शुरू हो जाएगा। तीन जनवरी से बच्चों का कोविड-19 रोधी टीकाकरण शुरू करने की तैयारी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नए दिशानिर्देशों के अनुसार किशोरों के लिए टीके का विकल्प केवल कोवैक्सिन होगा। इसके दायरे में वे सभी बच्चे आएंगे, जिनका जन्म साल 2007 या उससे पहले हुआ हो।
फिलहाल बच्चों के लिए अपने देश में टीके का विकल्प ‘कोवैक्सिन’ तक सीमित है लेकिन आगे यह बढ़ भी सकता है। आइए जानते हैं कि बच्चों के लिए दुनिया में कौन सी प्रमुख वैक्सीन उपलब्ध हैं और वे कितनी प्रभावी हैं।
कोवैक्सिन की मारक क्षमता
भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को 12 से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए मंजूरी दी गई है। बच्चों में कोवैक्सिन उतनी ही प्रभावी पाई गई है जितनी बड़ों में। तीसरे फेज के क्लिनिकल ट्रायल में यह 77.8% प्रभावी पाई गई है। इसके बाद इसे देश में बच्चों के लिए मंजूरी दे दी गई।
फाइजर की बच्चों वाली वैक्सीन
अमेरिका में 12 से 15 साल के बच्चों के लिए Pfizer-BioNTech की कोविड वैक्सीन को मंजूरी मिली है। इसके दो डोज तीन हफ्ते के अंतराल पर लगाए जाएंगे। फाइजर का दावा है कि यह 12 से 15 साल के बच्चों में कोविड-19 के खिलाफ 100% प्रभावी है। 16 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए अमेरिका Pfizer-BioNTech की Comirnaty वैक्सीन को मंजूरी दी गई और वह 96% प्रभावी पाई गई है। कनाडा में भी बच्चों को फाइजर की वैक्सीन लग रही है।
फाइजर ने पांच साल से अधिक उम्र के बच्चों पर ट्रायल किया है। इसमें कोरोना के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने में वैक्सीन 90.7 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है।
जाइडस कैडिला की वैक्सीन
12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए देश में जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन भी बन चुकी है। यह डीएनए पर आधारित दुनिया की पहली वैक्सीन है। 12+ बच्चों पर किए ट्रायल में यह 66.6 प्रतिशत असरदार पाई गई है। जल्द ही इसे भी बच्चों को लगाने की शुरुआत हो सकती है।
मॉडर्ना भी है
मॉडर्ना ने भी 12-17 साल के बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन बना ली है और यह ट्रायल में 100 प्रतिशत असरदार पाई गई है। 6 से 11 साल के बच्चों के लिए भी मॉडर्ना का ट्रायल शानदार रहा है।
पुणे का सीरम इंस्टिट्यूट भी बच्चों के लिए वैक्सीन बना रहा है। यह वैक्सीन 3 साल से अधिक उम्र के बच्चों को लगाई जाएगी। सीरम की कोवैक्स अभी ट्रायल के फेज में है। इसने तीन साल के बच्चों में शानदार नतीजे दिखाए हैं।