मुख्य सचिव से बदसलूकी केस: सीएम अरविंद केजरीवाल को मांगनी पड़ेगी  माफ़ी

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मुख्य सचिव अंशुप्रकाश  के साथ हुई कथित बदसलूकी और मारपीट के  मामले को लेकर केजरीवाल सरकार और नौकरशाहों के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. जिसके बाद दिल्ली के अफसरों ने साफ कह दिया है कि जब तक मारपीट की बात को कबूल करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल माफी नहीं मांगते, तब तक वे मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों द्वारा बुलाई जाने वाली बैठकों का बॉयकॉट करेंगे.

खबरों के मुताबिक कर्मचारियों ने मंत्री इमरान हुसैन और आशीष खेतान को सचिवालय में घेर लिया था. भीड़ से मारो-मारो की आवाज़ भी आ रही थी. बता दें कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश  ने आम आदमी पार्टी  के विधायक पर सीएम हाउस में अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में अपने साथ मारपीट का आरोप लगाया है. हालांकि सीएम कार्यालय ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. AAP  के एक विधायक ने इस मामले में अंशु प्रकाश के खिलाफ संगम विहार थाने में शिकायत दर्ज करवाई है.

कर्मचारियों ने किया काम का बहिष्कार

दिल्ली के कई विभागों में मंगलवार को लोगों को अपने काम कराने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा क्योंकि ज़्यादातर अधिकारियों ने इस घटना के विरोध में अपने काम का बहिष्कार किया हुआ है. दिल्ली सचिवालय में 200 से अधिक सरकारी कर्मचारी मुख्य सचिव पर कथित तौर पर हमला करने वालों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे. दिल्ली सरकार कर्मचारी कल्याण संघ के अनुसार प्रकाश के समर्थन में करीब सात हज़ार कर्मचारियों ने अपने काम का बहिष्कार किया. हालांकि अधिकारी संघों ने घोषणा की है कि वे हड़ताल पर नहीं AAP PARTYसपरक -जाएंगे क्योंकि इससे लोग प्रभावित होंगे.

 

मुख्य सचिव ने की बदसलूकी

दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी की ओर से कहा गया कि उन्हें राशन पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री आवास बुलाया गया था. पार्टी ने एक बयान में दावा किया, ‘मुख्यमंत्री आवास पर विधायकों की एक बैठक थी. मुख्य सचिव ने सवालों के उत्तर देने से इनकार कर दिया और कहा कि वह विधायकों और मुख्यमंत्री के प्रति जवाबदेह नहीं हैं, वह केवल उपराज्यपाल के प्रति जवाबदेह हैं. उन्होंने कुछ विधायकों के प्रति खराब भाषा का इस्तेमाल किया

और सवालों का उत्तर दिये बिना वहां से चले गए.