इटावा: इटावा शहर के एक सरकारी अस्पताल में प्रसूता ने एक नवजात को जन्म दिया है. अस्पताल के कर्मचारियों न दंपति को बेटा होने की जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने मिठाई खाई और रूपये भी लिए. लेकिन जब नवजात शिशु के पिता उसके लिए कपड़े लेकर अस्पताल लौटा तो उसके गोद में बेटी डाल दी. इस पर दंपति ने अस्पताल में बवाल मचा दिया और अस्पताल वालों पर बच्चा बदलने का आरोप भी लगाया.
परिजनों ने डीएनए टेस्ट की मांग की
बहरहाल, परिजनों ने डीएनए टेस्ट की मांग की है. वहीं अस्पताल के सीएमओ डॉक्टर अशोक ने जाँच के लिए एक कमेटी गठित की है. विजय नगर के निवासी राजीव ने कहा है कि प्रसव पीड़ा पर पत्नी अन्नू देवी को शनिवार को भर्ती कराया था. उस दौरान प्रसूता के साथ पड़ोसी कृष्णा देवी भी मौजूद थी. दोनों दंपति को रात को तीन बजकर बताया कि बेटा हुआ है. इस मुबारक अवसर पर राजीव से स्टाफ ने दो हजार रुपए भी लिए.
लेकिन सुबह होते ही अस्पातल में मौजूद नर्सों ने अन्नू देवी को लड़के की जगह लड़की थमा दी. लड़की देखते ही अन्नू देवी समेत उनके परिजनों ने हड़कंप मचाना शुरू कर दिया और प्रशासन पर बच्चा बदलने का आरोप तक लगा दिया. जैसे इस बात की सूचना पुलिस को मिली तो मौके पर पहुंचकर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मामले की जाँच के बाद कार्रवाई की बात कह रहे हैं.
डीएनए जांच के लिए लिखा पत्र
सीएमओ डॉक्टर अशोक जाटव ने कहा है कि बच्चा बदलने का आरोप बेबुनियाद है. परिजनों को बहरहाल डीएनए टेस्ट कराने की सलाह दी गई है. लखनऊ की एक टीम यहां आकर प्रसूता के पति की डीएनए जांच करेगी.
दस्तावेजों में किया सुधार
बता दें कि अस्पताल के दस्तावेजों में नवजात का लिंग लड़का लिखा है. लेकिन जैसे ही हंगामा शुरू हुआ तो दस्तावेजों को सुधारा गया है. अब कागजों में लड़ाई के बारे में बताया गया है. दंपती ने इसे भी सबूत के रूप पर आधार पर बनाया है.