सीडी केस: 23 साल के लड़के की गर्लफ्रेंड नहीं हो सकती क्या- हार्दिक पटेल

770

कथित सेक्स सीडियों के आने के बाद पाटीदार नेता हार्दिक पटेल भरूछ के सरभन गाँव में एक सभा में पहुंचे थे। आसपास के 10 गाँवों के लोग वहां जमा थे। महिलाओं ने तिलक लगाकर उनका स्वागत किया। 23 वर्षीय हार्दिक पूरी तरह सहज दिखे। उन्होंने करीब 33 मिनट लम्बा भाषण दिया और जनता से “हिटलरशाही बीजेपी” को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। गुजरात में नौ दिसंबर और 14 दिसंबर को मतदान होगा। नतीजे 18 दिसंबर को आएंगे। भाषण के बाद हार्दिक के इंटरव्यू के कुछ अंश ।

क्या इन वीडियो से आपकी योजना को धक्का लगेगा?

आज शाम आपने जनता का मिल रहा समर्थन देखा, क्या आपको लगता है कि इन वीडियो से आंदोलन को नुकसान पहुंचेगा? कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। ये बीजेपी की हताशा को जाहिर कर रहा है जो वो अपनी कमियों को छिपाने के लिए कर रही है। वो मुझे नहीं तोड़ सकते। वो मुझे धमका नहीं सककते ना ही ब्लैकमेल कर सकते हैं। इसलिए उन्हें एक 23 साल के लड़के का चरित्रहनन करने के लिए वीडियो बनाना पड़ा।

सत्ता में बैठे लोग कह रहे हैं कि ये मेरा वीडियो है, मैं कह रहा हूं कि ये फर्जी है। तो क्या उन्होंने होटल के एक कमरे में मेरी मंगेतर के साथ मेरा स्टिंग ऑपरेशन किया होता तो मैं स्वीकार कर लेता। ये वीडियो मेरे जैसे दिखने वाले किसी और इंसान का है। मैं वीडियो को विदेश में रहने वाले अपने समुदाय के कुछ लोगों के पास भेजा था जिन्होंने इसकी फोरेंसिक जांच करायी। वहां की रिपोर्ट के अनुसार ये वीडियो फर्जी है।

अगर थोड़ी देर के लिए मान लीजिए कि वीडियो में मैं ही था तो मैं पूछना चाहता हूं कि क्या 23 साल के लड़की की गर्लफ्रेंड नहीं हो सकती? अगर 23 साल के आदमी की गर्लफ्रेंड नहीं होगी तो क्या 50 साल के आदमी की होगी अटल बिहारी वाजपेयी ने एक बार कहा था कि वो शादीशुदा नहीं हैं लेकिन वो संन्यासी भी नहीं हैं, एक बीजेपी विधायक चलती बस में लड़की के ऊपर यौन हमला कर रहे थे लेकिन बीजेपी उस पर कुछ नहीं बोल रही. ये लड़ाई बीजेपी बनाम कांग्रेस की नहीं, बीजेपी बनाम हार्दिक है।

आप कानूनी कार्रवाई की योजना बना रहे हैं?

पुलिस उनकी है, सिस्टम उनका है। कानूनी कार्रवाई से मुझे क्या हासिल होगा? बीजेपी-शासित राज्यों में मुझे सिस्टम पर कोई भरोसा नहीं। मैं कई कानूनी मामलों का सामना किया है तो मुझे पता है कि वो कैसे काम करते हैं। राजनीति की भाषा में कहें तो आपको मोटी चमड़ी का होना पड़ता है और ऐसी नीची हरकत को बर्दाश्त करना सीखना पड़ता है।

चुनाव में आप अपनी क्या भूमिका देखते हैं? किंगमेकर की या उलट-पलट करने वाले की?

मैं किंगमेकर नहीं हूं। मैं तो बस जनता की आवाज हूं। मेरा एक एजेंडा है। ये एजेंडा उस जनता का है जो लंबे समय से अन्याय सहन करती रही है…ये लंबी लड़ाई है। मैं सांसद या विधायक नहीं बनना चाहता।

अभी तो चुनाव लड़ने की आपकी उम्र पूरी नहीं हुई है, दो साल बाद आप क्या करेंगे?

मैं भविष्य की योजना नहीं बनाता…मेरा भविष्य अनिश्चित है। जिन लोगों से मैं लड़ रहा हूं वो बुरे लोग हैं, वो मुझे कुछ भी कर सकते हैं…हर चीज का वक्त होता है। जब समय आएगा तो मैं इस पर विचार करूंगा।

आपके कभी करीबी रहे वरुण पटेल और रेशमा पटेल बीजेपी में शामिल हो गये हैं?

इससे मुझे फर्क नहीं पड़ता। उसके बाद भी मैंने कई मेगा रैलियां की हैं। इससे मेरी ताकत बढ़ी ही है।

पाटीदार आरक्षण पर कांग्रेस से आपकी चर्चा कहां तक पहुंची है?

हमने कांग्रेस का प्रस्ताव मान लिया है। वो आरक्षण पर संवैधानिक संभावनाओं की पड़ताल करेंगे लेकिन अभी इस पर अंतिम मुहर नहीं लगी है। उन्होंने हमारी बात मान ली है। मैं लोगों से कांग्रेस को वोट देने के लिए नहीं कह रहा लेकिन मैं निजी तौर पर उसे वोट दे सकता हूं और उसी तरह बहुत से और लोग दे सकते हैं।

आप राजद्रोह के मुकदमे में नौ महीने तक जेल में रहने के बाद बाहर आए हैं। आप इसे किस तरह देखते हैं?

किसी बुद्धिमान ने कहा है कि जो हो रहा है उसका नियंता मैं नहीं हूं। न ही ये मेरे दुश्मनों का किया है। ये नियति का खेल है।