Buddha Purnima 2022: सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा, जानें शुभ मूहुर्त, होगा चंद्रग्रहण भूलकर भी न करें ये काम | Vaishakhi Buddha Purnima 2022 Pooja vidhi Muhoort Chandra Grahan Time | Patrika News

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Buddha Purnima 2022: सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा, जानें शुभ मूहुर्त, होगा चंद्रग्रहण भूलकर भी न करें ये काम | Vaishakhi Buddha Purnima 2022 Pooja vidhi Muhoort Chandra Grahan Time | Patrika News

जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त डॉ सौऱभ शुक्ला के अनुसार वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा सोमवार, 16 मई को है। बुद्ध पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त रविवार, 15 मई को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से लेकर सोमवार, 16 मई को 9 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। बुद्ध पूर्णिमा के दिन बहुत से लोग व्रत रखते हैं। व्रत रखने वालों को इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए। किसी पवित्र नदी, कुण्ड या फिर अपने घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें और वरुण देवता का ध्यान करें। स्नान करने के बाद सूर्य देवता को मंत्रों के उच्चारण के साथ अर्घ्य दें। फिर मधुसूदन भगवान की पूजा करें। पूजा के बाद दान पुण्य अवश्य करें। ऐसा माना जाता है इस दिन गंगा स्नान फलदायी होता है। साथ ही इस दिन दान करने से अक्षय पुण्य का फल प्राप्त होता है।

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बुद्ध पूर्णिमा का क्या है महत्व गौतम बुद्ध के जन्म और मृत्यु के समय को लेकर मतभेद हैं। लेकिन कई इतिहासकारों ने इनका जीवनकाल 563-483 ई.पू. के मध्य माना है। पूरी दुनिया में महात्मा बुद्ध को सत्य की खोज के लिये जाना जाता है। कहा जाता है कि गौतम बुद्ध राजसी ठाठ छोड़कर वर्षों वन में भटकते रहे और उन्होंने कठोर तपस्या कर बोधगया में बोधिवृक्ष के नीचे सत्य का ज्ञान प्राप्त कर लिया। इसके बाद महात्मा बुद्ध ने अपने ज्ञान से पूरी दुनिया में एक नई रोशनी पैदा की। धार्मिक मान्यताओं अनुसार बुद्ध देवता को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है। इसलिए बुद्ध पूर्णिमा को बौद्ध धर्म के अनुयायियों के साथ हिंदू धर्म के लोग भी मनाते हैं। उत्तर भारत में भगवान विष्णु का 9वां अवतार बुद्ध को माना जाता है। सभी पूजा अर्चना भी करते हैं।

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ग्रहण के समय न करें ये काम ग्रहण लगने के बाद कभी भी तुलसी का स्पर्श नहीं करना चाहिए। इस दौरान तुलसी के पत्ते तोड़ लेना भी गलत माना जाता है। ग्रहण लगने के बाद भगवान की किसी भी मूर्ति को स्पर्श करने से जीवन में गलत प्रभाव पड़ सकता है। ग्रहण लगने के बाद काटने, सिलने या छिलने आदि का काम नहीं करना चाहिए। ग्रहण लगने के बाद ना तो सोना चाहिए और ना बाहर जाना चाहिएय़ ग्रहण लगने के बाद पानी पीना बाल बनाना, कपड़े धोना, ताला खोलना, तेल लगाने जैसे काम बिल्कुल नहीं करने चाहिए। ग्रहण खत्म होने के बाद पितरों के नाम से दान करना अच्छा माना जाता है।

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