BJP में क्या सब ठीक नहीं! माउंट आबू के प्रशिक्षण शिविर वसुंधरा राजे का शामिल ना होना बना सियासी चर्चा का विषय

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BJP में क्या सब ठीक नहीं! माउंट आबू के प्रशिक्षण शिविर वसुंधरा राजे का शामिल ना होना बना सियासी चर्चा का विषय

BJP में क्या सब ठीक नहीं! माउंट आबू के प्रशिक्षण शिविर वसुंधरा राजे का शामिल ना होना बना सियासी चर्चा का विषय

जयपुर: सिरोही में आयोजित हुए भाजपा के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर को लेकर देशभर में चर्चा रही। इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (J P nadda ) सहित प्रदेश के तमाम दिग्गज नेता शामिल हुए, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का प्रशिक्षण शिविर में शामिल नहीं होना चर्चा का विषय बना हुआ है। सियासी गलियारों में यही चर्चा चल रही है कि आखिर वसुंधरा राजे इस प्रशिक्षण शिविर से दूरी क्यों बनाई। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ सहित प्रदेश भाजपा के तमाम दिग्गज नेता सतीश पूनिया, गुलाब सिंह कटारिया और राजेंद्र राठौड़ सहित सभी वरिष्ठ नेता प्रशिक्षण शिविर में मौजूद रहे। 3 दिन तक अलग-अलग विषयों पर चर्चा हुई।
वर्ष 2023 में राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति पर विचार विमर्श भी हुआ। इतनी महत्वपूर्ण बैठक होने के बावजूद भी वसुंधरा राजे का इस बैठक से दूरी बनाना कई सवाल खड़े कर रहा है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष सिरोही में ले रहे थे बैठक, राजे दिल्ली में मिली वरिष्ठ नेताओं से
करीब ढाई साल पहले जब प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सतीश पूनिया की ताजपोशी हुई। उसके बाद से वसुंधरा राजे लगातार भाजपा की बैठकों और कार्यक्रमों से दूर रह रही है। 9 फरवरी को जयपुर में हुए एक विरोध प्रदर्शन में वसुंधरा राजे पार्टी की ओर से हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई ,लेकिन केवल औपचारिकता निभाते हुए चुपचाप बैठी रही।

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पिछले दिनों जब अमित शाह जयपुर दौरे पर आए तब वसुंधरा राजे ने पार्टी कार्यालय में अमित शाह से मुलाकात की थी। अब एक बार फिर राजे ने दिल्ली जाकर अमित शाह से मुलाकात की है। एक तरफ सिरोही में भाजपा के प्रशिक्षण शिविर में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। दूसरी तरफ वसुंधरा राजे अमित शाह से मुलाकात कर रही थी।

आगामी विधानसभा चुनावों में खुद की भूमिका तलाश रही वसुंधरा राजे
भारतीय जनता पार्टी की ओर से जयपुर में हुए चिंतन शिविर में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने साफ कहा कि पार्टी से बड़ा कोई नहीं है। सभी नेताओं को सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में पार्टी में काम करना है। किसे क्या जिम्मेदारी मिलेगी, यह केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा। यही बात राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सिरोही के प्रशिक्षण शिविर में दोहराई रही है।

ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपनी जिम्मेदारी तलाशने के लिए पार्टी के केंद्रीय नेताओं से मुलाकात कर रही है। अभी तक यह तय नहीं है कि राजस्थान में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे की भूमिका क्या रहेगी। दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी वसुंधरा जी अपने बेटे दुष्यंत के लिए भी राजनीतिक भविष्य सुरक्षित करने को लेकर केंद्रीय नेताओं के साथ मुलाकात कर रही हैं।

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भाजपा के एक दर्जन नेता देख रहे हैं मुख्यमंत्री बनने का सपना- डोटासरा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि भाजपा में करीब एक दर्जन नेता ऐसे हैं जो मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं। इसी कारण से ये लोग केंद्रीय नेतृत्व पर आवभगत में जुटे रहते हैं। भाजपा नेताओं की आपसी गुटबाजी किसी से छुपी नहीं है। अलग अलग नेता अपना अपना प्रभाव जमाने के लिए शक्ति प्रदर्शन भी कर चुके हैं। डोटासरा ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में आएगी। भाजपा नेताओं को मुंगेरी लाल के सपने देखना छोड़ देना चाहिए।
रिपोर्ट-रामस्वरूप लामरोड़

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