‘BJP और RSS के जाल को तोड़ने के लिए लंबी लड़ाई लड़ेंगे’, संकल्प के साथ माले का महाधिवेशन शूरू, 20 तक चलेगा

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‘BJP और RSS के जाल को तोड़ने के लिए लंबी लड़ाई लड़ेंगे’, संकल्प के साथ माले का महाधिवेशन शूरू, 20 तक चलेगा

‘BJP और RSS के जाल को तोड़ने के लिए लंबी लड़ाई लड़ेंगे’, संकल्प के साथ माले का महाधिवेशन शूरू, 20 तक चलेगा


फासीवाद फिर से सिर उठा रहा है। केन्द्र की मोदी सरकार भी फासीवाद का एक रूप है। यह संविधान को खोखला और कमजोर कर रही है। ऐसी सरकार को हटाने के लिए सभी को एकजुट होना होगा। भाकपा माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने एसकेएम में आयोजित पार्टी के 11वें महाधिवेशन में कार्यकर्ताओं से यह आह्वान किया। उद्घाटन सत्र में उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस के जाल को तोड़ने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी होगी। मोदी सरकार की नीतियां अमीरों के लिए हैं। भारत में बढ़ती आर्थिक असमानता ने सबका ध्यान आकर्षित किया है। इस असमानता को कम करने के लिए अरबपतियों पर संपत्ति और विरासत करों की शुरुआत की जानी चाहिए। इसके उलट मोदी सरकार गरीबों पर ही ज्यादा टैक्स थोप रही है। टैक्स का बड़ा हिस्सा गरीब दे रहा है।

उन्होंने कहा कि सब के लिए घर, बिजली, शौचालय और पानी मुहैया कराने के झूठे वादों की जगह बुल्डोजर से लोगों के घरों को ढाया जा रहा है। आने वाले दिनों में ज्यादा झूठ और नफरत का सामना करना पड़ेगा। इसलिए सभी वामदल सांप्रदायिकता, निजीकरण, नफरत के खिलाफ आगे आएं।

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इन्होंने भी किया संबोधित खुले सत्र को कई वाम दलों के नेताओं ने भी संबोधित किया। इनमें सीपीआई राष्ट्रीय सचिव मंडल के सदस्य पल्लव सेन गुप्ता, सीपीएम पोलित ब्यूरो सदस्य व पश्चिम बंगाल के सचिव. मो. सलीम, मार्क्सवादी समन्वय समिति के महासचिव हलधर महतो, ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लाक महासचिव देवराजन, लाल निशान पार्टी महासचिव भीमराव बंसोड, आरएमपीआई संस्थापक मंगत राम पासला, आरएमपीआई के मंगत राम पासला, सत्यशोधक कम्युनिस्ट पार्टी के किशोर ढामले आदि शामिल रहे।

default -भाकपा माले के पटना अधिवेशन में जुटे वामपंथी दलों के नेता, 2024 में मोदी सरकार हटाने के लिए एक सुर में आए

 

मोदी सरकार हटाने को एकजुट हों वामदल

महाधिवेशन के पहले दिन देश के प्रमुख वामदलों के नेताओं ने सत्र को संबोधित किया। सभी ने मोदी सरकार को फासीवादी बताते हुए 2024 में हटाने का आह्वान किया। उद्घाटन सत्र में बिहार राज्य सचिव कुणाल ने महाधिवेशन के एजेंडा की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फासीवाद के खिलाफ लड़ाई में बिहार हर मोर्चे पर खड़ा है। भाजपा को राज्य की सत्ता से बाहर कर इसने देश को एक नया रास्ता भी दिखाया है। इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत शोक प्रस्ताव के साथ हुई। इसमें अब तक गुजर चुके पार्टी नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई। इसका पाठ अभिजीत मजुमदार ने किया। स्वागत समिति अध्यक्ष ओपी जायसवाल व संचालन ऐपवा की मीना तिवारी ने किया। मौके पर प्रो. भारती एस. कुमार, गालिब, प्रो. संतोष कुमार, प्रो. विद्यार्थी विकास सहित कई लोग मौजूद रहे।

व्यापक एकता की दिशा में आगे बढ़ना होगा

सीपीआई के पल्लव सेन गुप्ता ने कहा कि हमें एक व्यापक एकता के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ना होगा। सीपीएम के सलीम ने राष्ट्रीय संपदा की लूट, मोदी राज में आधारभूत संरचनाओं को ध्वस्त करने की जारी प्रक्रिया, पब्लिक सेक्टर के प्राइवेटाइजेशन, बेरोजगारी, बुलडोजरराज, लव जिहाद, किसान आंदोलन आदि की चर्चा करते हुए वाम दलों की एकता पर जोर दिया। मौके पर भाकपा-माले के वरिष्ठ नेता स्वदेश भट्टाचार्य ने भी विचार रखे।

देश पर हिन्दी नहीं थोप सकती मोदी सरकार मनोज

रिवोल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी के महासचिव मनोज भट्टाचार्य ने मंच से ही हिन्दी के प्रसार पर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया। कहा कि मोदी सरकार हर बात में तानाशाही रवैया अपना रही है। हिंदी, हिन्दू, हिन्दुस्तान का नारा बुलंद कर रही है। यह नहीं होने दिया जाएगा। भारत में कई बोली और भाषाएं हैं। इसमें हिंदी भी एक है। तमिलनाडु और दक्षिण राज्यों की बोली अलग है। वहां आप कैसे हिंदी थोप सकते हैं।

भारत में लोकतंत्र पर मंडराता संकट जरूर टलेगा पोखरेल

नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री, नेकपा (एमाले) के नेता ईश्वर पोखरेल ने कहा कि भारत के लोगों की सराहना करता हूं कि अलोकतांत्रिक शासन के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। उम्मीद है कि भारत में लोकतंत्र पर मंडराता हुआ संकट जरूर टलेगा।

पटना में भाकपा माले के अधिवेशन में उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के बीच हमेशा से प्रगाढ़ संबंध रहे हैं। नेपाल के लोगों ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भी भूमिका निभाई है। भारत की जनता ने भी नेपाल के साथ एकजुटता प्रदर्शित की है। नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। हमें जीत संघर्ष के बाद मिली है। इसी तरह के संघर्ष की यहां भी जरूरत है।

 

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