Bihar Panchayat Election: बिहार पंचायत चुनाव से पहले सीएम नीतीश का बड़ा फैसला, न्याय मित्रों के रोजगार की व्यवस्था करने का दिया निर्देश

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Bihar Panchayat Election: बिहार पंचायत चुनाव से पहले सीएम नीतीश का बड़ा फैसला, न्याय मित्रों के रोजगार की व्यवस्था करने का दिया निर्देश

पटना
बिहार में पंचायत चुनाव से ठीक पहले सीएम नीतीश कुमार ने न्याय मित्रों को लेकर अहम फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को मुख्य सचिव से उन सभी ‘न्याय मित्रों’ के रोजगार की व्यवस्था करने को कहा है, जिन्होंने अपनी ग्राम पंचायतों के नगर पंचायतों में अपग्रेड होने की वजह से काम करना बंद कर दिया है।

जनता दरबार में सीएम नीतीश के सामने आया मामला
बक्सर जिले के चौसा ग्राम पंचायत की एक महिला ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार कार्यक्रम में इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि उनकी पंचायत को ‘नगर पंचायत’ में अपग्रेड करने के बाद वह ‘न्याय मित्र’ के तौर पर काम करने में असमर्थ हैं। अब उन्होंने मुख्यमंत्री से खुद को किसी अन्य विभाग में समायोजित करने का आग्रह किया है।

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बक्सर की महिला ने उठाया मुद्दा तो क्या बोले मुख्यमंत्री
पंचायती राज व्यवस्था के तहत बिना पढ़े-लिखे लोगों की मदद के लिए ग्राम कचहरी में एक ‘न्याय मित्र’ बनाए जाते हैं। सीएम नीतीश कुमार ने महिला की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव को ऐसे सभी मामलों को देखने और उनके रोजगार की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। बिहार में 24 सितंबर से पहले फेज की वोटिंग है, इससे ठीक पहले मुख्यमंत्री का ये निर्देश बेहद अहम माना जा रहा है।

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जब जनता दरबार में फरियादी ने की चौंकाने वाली अपील
वहीं, सोमवार को जनता दरबार के दौरान गोपालगंज जिले के एक इंटर कॉलेज के सेवानिवृत्त प्राचार्य की ओर से खास अपील भी सीएम से की गई। रिटायर्ड प्राचार्य ने अपने गांव को उत्तर प्रदेश में मिलाने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया, जिस पर सीएम अपनी मुस्कान नहीं रोक सके। रिटायर्ड प्राचार्य योगेंद्र मिश्रा ने सीएम को बताया कि उनका गांव गोपालगंज जिले में बिहार-उत्तर प्रदेश सीमा के पास स्थित है।

‘हमारा गांव यूपी में शामिल करा दीजिए सरकार’
जब नीतीश ने पूछा कि क्या उनके गांव में कोई सड़क नहीं है, तो सत्तर वर्षीय योगेंद्र मिश्रा ने जवाब दिया, ‘नहीं, आपने पहले ही मेरे गांव तक एक सड़क बनवा दी है।’ जब सीएम ने उनसे पूछा कि फिर उनकी समस्या क्या है, तो उन्होंने अपनी बात रखी। योगेंद्र मिश्रा ने बताया कि यूपी का कुशीनगर जिला मेरे गांव से सिर्फ 1 किमी दूर है। मेरे गांव की भौगोलिक स्थिति स्पष्ट रूप से इशारा करती है कि यह बिहार के बजाय कुशीनगर जिले का हिस्सा होना चाहिए। इसलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि मेरे गांव का यूपी में विलय कर दिया जाए।

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क्या बोले मुख्यमंत्री
सेवानिवृत्त प्राचार्य की मांग सुनकर नीतीश एक पल के लिए असमंजस में पड़ गए। जैसे ही मिश्रा ने एक बार फिर अपनी मांग दोहराई, सीएम अपनी मुस्कान नहीं रोक सके और अपने कार्यालय के कर्मचारियों से उन्हें सड़क निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के पास ले जाने के लिए कहा।

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