Bihar News : बिहार विद्यापीठ की जमीन की बिक्री पर पटना हाईकोर्ट ने लगाई रोक, सरकार से मांगे अतिक्रमण करने वाले लोगों के नाम

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Bihar News : बिहार विद्यापीठ की जमीन की बिक्री पर पटना हाईकोर्ट ने लगाई रोक, सरकार से मांगे अतिक्रमण करने वाले लोगों के नाम

पटना: बिहार विद्यापीठ की भूमि के अवैध अतिक्रमण और अनाधिकृत हस्तांतरण के चलते निचली अदालतों और राजस्व अधिकारियों के पास 90 दीवानी और आपराधिक मामले पेंडिंग दिखने के बाद पटना हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश पारित कर दिया। पटना उच्च न्यायालय ने सोमवार को बिहार विद्यापीठ की किसी भी जमीन की बिक्री पर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिए। यह ऐतिहासिक संस्था राष्ट्रीय शिक्षा के गांधीवादी सिद्धांतों पर आधारित है।

पटना डीएम को हाईकोर्ट का निर्देश
चीफ जस्टिस संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने अधिवक्ता विकास कुमार की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना के डीएम को निर्देश दिया। कोर्ट ने डीएम को कहा कि वो बिहार विद्यापीठ की भूमि के हस्तांतरण के लिए निष्पादित किसी भी बिक्री विलेख को तब तक पंजीकृत न करें जब तक कि इस तरह की बिक्री के लिए अनुमति न मिले। अदालत ने बिहार विद्यापीठ की प्रबंधन समिति को उसकी जमीन पर अवैध कब्जाधारियों और अनधिकृत विक्रेताओं का विरोध करने के कमजोर तरीके के लिए भी फटकार लगाई।
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पिछले हफ्ते ही पटना डीएम और नगर निगम कमिश्नर को दिया था कोर्ट ने निर्देश
पिछले हफ्ते, उच्च न्यायालय ने पटना के डीएम और नगर आयुक्त को बांस घाट और बिहार विद्यापीठ का निरीक्षण करने का निर्देश दिया था, जहां डॉ राजेंद्र प्रसाद के स्मारक स्थित हैं। डीएम ने सोमवार को अदालत को बिहार विद्यापीठ परिसर में 53 लोगों के किए गए अतिक्रमण और स्वयंभू मालिकों की ओर से कुछ एकड़ जमीन की अनधिकृत बिक्री या हस्तांतरण की जानकारी दी। पटना के कई अधिकारियों के साथ-साथ निचली अदालतों के समक्ष लंबित 90 दीवानी और आपराधिक मामलों में अधिकांश अतिक्रमणकर्ता अब विद्यापीठ प्रबंधन के खिलाफ वादी हैं।
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चार दिन के अंदर प्रबंधन समिति से मांगी गई रिपोर्ट
याचिकाकर्ता के वकील पीके शाही के अनुरोध पर अतिक्रमणकारियों को तेजी से बेदखल करने में हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के लिए बेंच ने डीएम को कानून के अनुसार एक कार्य योजना तैयार करने और संस्था की सीमाओं की सुरक्षा करने का निर्देश दिया। अदालत ने प्रबंधन समिति को सभी लंबित मुकदमों का विवरण उनकी वर्तमान स्थिति के साथ चार दिनों के भीतर प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया।
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राजेंद्र बाबू की धरोहर पर भी अदालत ने की बात
इस दौरान पटना हाईकोर्ट ने सिवान के डीएम के साथ भी बातचीत की। इस दौरान कोर्ट ने डॉ राजेंद्र प्रसाद के वारिस बालाजी वर्मा की ओर से पहली बार की स्मृति में जीरादेई में एक संग्रहालय स्थापित करने के लिए भूमि के स्वैच्छिक हस्तांतरण के लिए दी गई प्रशासनिक वृद्धि में की गई प्रगति के बारे में पूछा। इस पर सिवान के डीएम ने प्रस्तुत किया कि उन्होंने बालाजी के साथ प्रारंभिक वार्ता पूरी की, जो इस सप्ताह भारत आने के बाद भूमि हस्तांतरण के लिए तैयार हैं। अदालत ने डीएम को चार दिन के भीतर जमीन हस्तांतरण से संबंधित कार्यों की पूरी प्रगति शपथ पत्र पर देने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी।

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