अभिभावकों को बड़ी राहत, स्कूलों की फीस को लेकर आया नया आदेश | Now government and private schools will not be able to increase fees

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अभिभावकों को बड़ी राहत, स्कूलों की फीस को लेकर आया नया आदेश | Now government and private schools will not be able to increase fees

 

अभिभावकों को बड़ी राहत, स्कूलों की फीस को लेकर आया नया आदेश | Now government and private schools will not be able to increase fees

 

-अब अपनी मर्जी से नहीं बढ़ा पाएंगे फीस
– कोरोना काल के बाद आर्थिक रूप से परेशान अभिभावकों को नए सत्र में राहत….

भोपाल

Published: April 08, 2022 01:30:38 pm

भोपाल/इंदौर। उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के विद्यार्थियों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए सत्र 2022-23 में निजी-सरकारी व अनुदान प्राप्त कॉलेजों में पाठ्यक्रमों की फीस न बढ़ाने का आदेश दिया है। यह निर्णय कोरोना काल के बाद आर्थिक रूप से परेशान अभिभावकों व छात्रों को बड़ी राहत देगा। हालांकि इससे फीस में 10-20% की बढ़ोतरी की तैयारी में बैठे निजी कॉलेजों को झटका लगेगा। उच्च शिक्षा विभाग की अकादमिक शाखा के ओएसडी डॉ. धीरेंद्र शुक्ला ने बताया कि इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।

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कोरोना काल में फीस की अनिवार्यता नहीं

मालूम हो कि प्रदेश में कोरोना काल से पहले तक परीक्षा फॉर्म जमा कराने से पहले कॉलेज पूरी फीस जमा कराते थे। शासन ने कोरोना काल के दरमियान फीस देने की अनिवार्यता खत्म कर दी। ऐसे में कई ने बकाया नहीं दिया। इस बीच कॉलेजों का खर्च बढ़ा है। इस सत्र में लागू नई शिक्षा नीति में विषय बढ़ने से अधिक शिक्षक रखने पड़ रहे हैं।

हजारों रुपए का भरना होगा जुर्माना

वहीं अब प्राइवेट स्कूल अब बच्चों से एडमिशन टेस्ट नहीं ले सकते। सीधा एडमिशन देने से इंकार नहीं करने पर उन्हें हजारों रुपए का जुर्माना भरना होगा। अब आठवीं कक्षा तक प्रवेश के समय कोई भी प्राइवेट स्कूल छात्रों का टेस्ट नहीं ले सकेंगे। सेंट्रल बोर्ड आफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) और इंडियन सर्टिफिकेट आफ सेकंडरी एजुकेशन (ICSE) के साथ ही मध्यप्रदेश बोर्ड (MP BOARD) से मान्यता प्राप्त सभी स्कूलों में यह नियम लागू किया गया है। कई स्कूलों में एडमिशन टेस्ट की प्रक्रिया के दौरान बच्चों को पढ़ाई में कमजोर बताकर प्रवेश नहीं दिया जाता जिससे उनपर मानसिक रूप से गलत असर पड़ता है। बच्चों के साथ ही अभिभावक भी परेशान हो उठते हैं। यही कारण है कि एडमिशन टेस्ट पर रोक लगा दी गई है।

इन दिनों प्रदेशभर में स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है और कई स्कूल संचालक टेस्ट लेकर एडमिशन दे रहे हैं। CBSE और एमपी बोर्ड के कई स्कूल संचालक छात्रों को एडमिशन देने से पहले बौद्धिक क्षमता को परखने के लिए उनका टेस्ट लेते हैं। इस टेस्ट के दौरान थोड़ी भी कमी रहने पर एडमिशन देने से इनकार कर दिया जाता है जिसका छात्र और अभिभावक दोनों पर बेहद बुरा असर पड़ता है। इसको देखते हुए प्रशासन ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

 

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