Big Breaking प्रेम प्रसंग में संदेह के चलते युवती की गोली मारकर हत्या की आशंका | Suspect shot dead due to suspicion in love affair | Patrika News h3>
यह है मामला अनिभा बरगी हिल्स के आईटी पार्क में िस्थत मोबाइल वॉलेट कम्पनी में नौकरी करती थी। वह वहां टीम लीडर थी। शनिवार को वह ड्यूटी गई थी। दोपहर लगभग तीन बजे इन्द्रा नगर रांझी निवासी बादल पटेल साथी केतन के साथ वहां पहुंचा। जहां से बादल ने अनिभा को कार एमपी 20 सीजे 9414 में बैठाया। वहां से दोनों गौर िस्थत नर्मदा ब्रिज पर पहुंचे। इसके बाद बादल ने अनिभा को गोली मारकर पहले मौत के घाट उतारा और फिर नर्मदा में कूद गया था।
धोखे से अनिभा को बुलाया बरेला थाना प्रभारी जितेन्द्र यादव ने बताया कि शनिवार दोपहर लगभग तीन बजे बादल साथी केतन के साथ आईटी पार्क पहुंचा था। उसने गार्ड से अनिभा को बुलाने के लिए कहा। यह झांसा दिया कि वह उसके घर से आया है। यह सुनकर अनिभा सीधे गेट पर पहुंची, जहां से बादल और केतन ने उसे कार में बैठा लिया। अनिभा मोबाइल फोन भी ऑफिस में छोड़ आई थी। आईटी पार्क के इन्ट्री गेट पर रजिस्टर में अनिभा के बादल के साथ जाने की इन्ट्री है। अनिभा कार की पिछली सीट पर बैठी थी, वहीं बादल कार चला रहा था, उसके बगल की सीट में केतन बैठा था। आईटी पार्क से कुछ दूर पर बादल ने केतन को कार से उतार दिया था।
शादीशुदा फिर भी थे प्रेम सम्बंध अनिभा के परिजनों ने पुलिस को बताया कि एक साल पूर्व भी बादल अपने तीन साथियों के साथ जबरन अनिभा को साथ ले गया था। हालांकि बाद में उसे छोड़ दिया। प्राथमिक जांच में पता चला कि बादल विवाहिता था, इसके बावजूद उसके प्रेम सम्बन्ध अनिभा से थे। उसे संदेह था कि अनिभा किसी अन्य युवक से बातचीत कर रही है।
परिवार का सहारा था अनिभा, बेटी को पुकार रही थी मां अनिभा जब छोटी थी, तभी उसके पिता की मौत हो गई थी। मां ने जैसे तैसे अनिभा और भाई अ भिषेक को पढ़ाया लिखाया। पढ़ाई पूरी होने के बाद अनिभा ने मां और भाई की जिम्मेदारी अपने कांधों पर ले ली थी। उसकी तनख्वाह से पूरे परिवार का भरण पोषण होता था। अनिभा की मौत ने जहां मां और भाई को मानिसक रूप से तोड़ दिया, वहीं उनकी आ र्थिक िस्थति भी कमजोर हो गई। रोजाना की तरह शनिवार को जब अनिभा ऑफिस जाने के लिए निकली, तो उसकी आंखों मे चकम थी। वह मुस्कुराते हुए ऑफिस के लिए निकली थी। उसकी मौत के बाद मां को बार-बार अनिभा का वही चेहरा याद आ रहा था। अंतिम यात्रा निकली, तो बदहवास मां बेटी को पुकारते हुए दौड़ पड़ी। इस द़ृश्य को जिसने भी देखा उसकी आंखे नम हो गई।
फर्जी पत्रकार था बादल, दर्ज थे मामले बादल फर्जी पत्रकार था। वह ब्लेकमेलिंग करता था। पिछले साल बादल और उसकी गैग के कई सदस्यों पर ग्वारीघाट और मदन महल थाने में प्रकरण दर्ज किए गए थे। पुलिस ने बादल और उसके सा थियों को गिरफ्तार का जेल भी भेजा था। लेकिन बाहर आने के बाद वह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का माइक लेकर फिर से घूमने लगा था।
वर्जन् अनिभा की मौत के मामले में हत्या का प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। बादल की तलाश नर्मदा में की गई, लेकिन वह नहीं मिला। जांच में कई बिन्दु सामने आए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट रूप से कारणों के बारे में कुछ कहा जा सकेगा।
प्रदीप शेन्डे, एएसपी
यह है मामला अनिभा बरगी हिल्स के आईटी पार्क में िस्थत मोबाइल वॉलेट कम्पनी में नौकरी करती थी। वह वहां टीम लीडर थी। शनिवार को वह ड्यूटी गई थी। दोपहर लगभग तीन बजे इन्द्रा नगर रांझी निवासी बादल पटेल साथी केतन के साथ वहां पहुंचा। जहां से बादल ने अनिभा को कार एमपी 20 सीजे 9414 में बैठाया। वहां से दोनों गौर िस्थत नर्मदा ब्रिज पर पहुंचे। इसके बाद बादल ने अनिभा को गोली मारकर पहले मौत के घाट उतारा और फिर नर्मदा में कूद गया था।
धोखे से अनिभा को बुलाया बरेला थाना प्रभारी जितेन्द्र यादव ने बताया कि शनिवार दोपहर लगभग तीन बजे बादल साथी केतन के साथ आईटी पार्क पहुंचा था। उसने गार्ड से अनिभा को बुलाने के लिए कहा। यह झांसा दिया कि वह उसके घर से आया है। यह सुनकर अनिभा सीधे गेट पर पहुंची, जहां से बादल और केतन ने उसे कार में बैठा लिया। अनिभा मोबाइल फोन भी ऑफिस में छोड़ आई थी। आईटी पार्क के इन्ट्री गेट पर रजिस्टर में अनिभा के बादल के साथ जाने की इन्ट्री है। अनिभा कार की पिछली सीट पर बैठी थी, वहीं बादल कार चला रहा था, उसके बगल की सीट में केतन बैठा था। आईटी पार्क से कुछ दूर पर बादल ने केतन को कार से उतार दिया था।
शादीशुदा फिर भी थे प्रेम सम्बंध अनिभा के परिजनों ने पुलिस को बताया कि एक साल पूर्व भी बादल अपने तीन साथियों के साथ जबरन अनिभा को साथ ले गया था। हालांकि बाद में उसे छोड़ दिया। प्राथमिक जांच में पता चला कि बादल विवाहिता था, इसके बावजूद उसके प्रेम सम्बन्ध अनिभा से थे। उसे संदेह था कि अनिभा किसी अन्य युवक से बातचीत कर रही है।
परिवार का सहारा था अनिभा, बेटी को पुकार रही थी मां अनिभा जब छोटी थी, तभी उसके पिता की मौत हो गई थी। मां ने जैसे तैसे अनिभा और भाई अ भिषेक को पढ़ाया लिखाया। पढ़ाई पूरी होने के बाद अनिभा ने मां और भाई की जिम्मेदारी अपने कांधों पर ले ली थी। उसकी तनख्वाह से पूरे परिवार का भरण पोषण होता था। अनिभा की मौत ने जहां मां और भाई को मानिसक रूप से तोड़ दिया, वहीं उनकी आ र्थिक िस्थति भी कमजोर हो गई। रोजाना की तरह शनिवार को जब अनिभा ऑफिस जाने के लिए निकली, तो उसकी आंखों मे चकम थी। वह मुस्कुराते हुए ऑफिस के लिए निकली थी। उसकी मौत के बाद मां को बार-बार अनिभा का वही चेहरा याद आ रहा था। अंतिम यात्रा निकली, तो बदहवास मां बेटी को पुकारते हुए दौड़ पड़ी। इस द़ृश्य को जिसने भी देखा उसकी आंखे नम हो गई।
फर्जी पत्रकार था बादल, दर्ज थे मामले बादल फर्जी पत्रकार था। वह ब्लेकमेलिंग करता था। पिछले साल बादल और उसकी गैग के कई सदस्यों पर ग्वारीघाट और मदन महल थाने में प्रकरण दर्ज किए गए थे। पुलिस ने बादल और उसके सा थियों को गिरफ्तार का जेल भी भेजा था। लेकिन बाहर आने के बाद वह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का माइक लेकर फिर से घूमने लगा था।
वर्जन् अनिभा की मौत के मामले में हत्या का प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। बादल की तलाश नर्मदा में की गई, लेकिन वह नहीं मिला। जांच में कई बिन्दु सामने आए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट रूप से कारणों के बारे में कुछ कहा जा सकेगा।
प्रदीप शेन्डे, एएसपी