बछवाड़ा से दलसिंहसराय तक एनएच- 28 पर चलता है कांवरियों का रैला

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बछवाड़ा से दलसिंहसराय तक एनएच- 28 पर चलता है कांवरियों का रैला

बछवाड़ा से दलसिंहसराय तक एनएच- 28 पर चलता है कांवरियों का रैला


बछवाड़ा, निज संवाददाता। सावन की सोमवारी के अवसर एक दिन पूर्व यानी रविवार को झमटिया घाट पर कांवरियों का मेला लगता आ रहा है। यहां से गंगा जल भरकर बड़ी संख्या में शिव भक्तों का जत्था एनएच- 28 के रास्ते समस्तीपुर जिले के विद्यापति धाम, थानेश्वर स्थान, दरभंगा जिले के कुशेश्वर स्थान समेत रोसड़ा के भिरहा व अन्य कई दूरदराज के शिवालयों में जलाभिषेक करने पैदल प्रस्थान करते हैं। खासकर सावन की अंतिम सोमवारी पर यहां गंगा जल भरने शिव भक्तों की उमड़ी भीड़ का नजारा देखते बनता है। अंतिम सोमवारी से एक दिन पूर्व रविवार को लाखों कांवरियों की भीड़ के बीच झमटिया घाट मिथिलांचल के लोगों के लिए सुल्तानगंज सा बन जाता है। अंतिम सोमवारी के अवसर पर यहां रविवार से ही सड़क व रेल मार्ग से मिथिलांचल के दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, रोसड़ा व आसपास के इलाके से बड़ी संख्या में कांवरियों की भीड़ उमड़ पड़ती है। समस्तीपुर की तरफ से आने वाली सभी एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों से बछवाड़ा जंक्शन पर कांवरियों की खचाखच भीड़ उतरती है। रेलवे स्टेशन से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर झमटिया घाट तक जाने वाली सभी सड़कों पर सावन के अंतिम रविवार की शाम से रात भर मेला सा नजारा बना रहता है। झमटिया घाट से गंगाजल भरकर कांवरियों का जत्था यहां से विभिन्न शिवालयों के लिए प्रस्थान करता है। बताया गया है कि सावन की अंतिम सोमवारी पर यहां गंगाजल लेने पांच लाख से अधिक कांवरियों की भीड़ जुटती है। बछवाड़ा से दलसिंहसराय तक एनएच- 28 से होकर समस्तीपुर जिले के विभिन्न शिवालयों तक पांव- पैदल कांवरियों का रात भर रैला सा चलता है। इधर, मुरली टोल से शेरपुर के रास्ते गुप्ता बांध सड़क होकर करीब 15 किलोमीटर दूर विद्यापति धाम तक कांवरियों का मेला लगा रहता है।

अंतिम सोमवारी पर उमड़ती है भीड़

अंतिम सोमवारी के अवसर पर एक दिन पूर्व रविवार को यहां से गंगा जल भरकर कांवरियों का जत्था एनएच- 28 पर बोल बम व हर हर महादेव के जयकारों के बीच सरपट दौड़ लगाते हैं। कांवरियों की भीड़ के बीच एनएच- 28 पर रोक- रोक कर वाहनों की आवाजाही कराई जाती है। अंतिम सोमवारी से पूर्व रविवार को यहां कांवरियों की भीड़ के बीच एनएच- 28 पर बछवाड़ा से दलसिंहसराय तक प्रशासन की ओर से रात भर के लिए भारी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप रखने की नौबत उत्पन्न हो जाती है। बताया गया है कि यहां से गंगा जल भर कर शिव भक्तों का जत्था समस्तीपुर जिले के 15 किलोमीटर दूर विद्यापति धाम व करीब 50 किलोमीटर दूर थानेश्वर स्थान तथा दरभंगा जिले के करीब 65 किलोमीटर दूर कुशेश्वर स्थान तक जलाभिषेक करने पैदल रवाना होते हैं। इन शिवालयों के अलावा यहां से करीब 46 किलोमीटर दूर जिले के बाबा हरिगिरि धाम, 5 किलोमीटर दूर रुदौली के बाबा दुखहरण धाम, भगवानपुर के बनवारीपुर आदि शिवालयों में जलाभिषेक करने से भक्तों का जत्था कांवर के साथ प्रस्थान करते हैं।

अंतिम सोमवारी पर होता है सावन महोत्सव का आयोजन:

झमटिया घाट पर सावन की अंतिम सोमवारी की पूर्व संध्या पर पिछले करीब 15 वर्षो से सावन महोत्सव का आयोजन होता आ रहा है। यहां सावन महोत्सव में अब तक केंद्र व राज्य स्तर के कई मंत्रियों व नेताओं का आगमन हो चुका है। कार्यक्रम के संयोजक सह सांसद प्रतिनिधि प्रभाकर कुमार राय ने बताया कि पिछले दो वर्षों तक कोरोना की पाबंदी के कारण सावन महोत्सव का आयोजन नहीं कराया जा सका था। इस साल अंतिम सोमवारी की पूर्व संध्या यानी रविवार 7 अगस्त को सावन महोत्सव का आयोजन किया जाना है। महोत्सव की तैयारी शुरू कर दी गई है। झमटिया घाट पर सावन महोत्सव के मौके पर आयोजित भजन संध्या में चर्चित भजन गायक सुनील मिश्रा, मिथिलांचल की जुली झा, लोक गायिका वंदना सिन्हा समेत दर्जनभर कलाकार शिरकत करेंगे।

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