Bhopal News : मुआवजे की ‘लालच’, नानी ने अस्पताल में किया बवाल, मेरी नातिन आग लगने के बाद से लापता, पुलिस को घर में मिली
हाइलाइट्स
- कमला नेहरू अस्पताल से लापता बच्ची की मिस्ट्री सुलझी
- बच्ची की नानी अस्पताल में कर रही थी हंगामा, आग लगने के बाद लापता हो गई है बच्ची
- बुधवार की सुबह पुलिस ने बच्ची को घर से सुरक्षित ढूंढ निकाला
- अस्पताल में बच्ची की नानी ने लापता होने की शिकायत की थी
भोपाल
बच्चों की मौत से हर तरफ चीख पुकार मची है। इस दौर में भी कुछ लोग अवसर तलाश रहे हैं। भोपाल के अस्पताल में आग की घटना के बाद मृतक बच्चों के परिजनों के लिए सरकार ने 4-4 लाख रुपये मुआवजा की घोषणा की है। मुआवाजा की राशि के लिए एक परिवार अपनी बच्ची को घर में छिपाकर अस्पताल में प्रदर्शन कर रहा था। साथ ही अस्पताल में लिखित शिकायत दी थी कि बच्ची गायब है। पुलिस जब जांच के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों के घर पहुंची तो बच्ची घर में मिली है।
इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ है। पुलिस अब इस परिवार पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है। दरअसल, गांधी नगर इलाके में रहने वाली एक महीने की बच्ची को कमला नेहरू अस्पताल के पीकू वार्ड में भर्ती कराया गया था। आग लगने की घटना के बाद बच्ची की नानी अस्पताल में प्रदर्शन कर रही थी कि वह लापता हो गई है। अस्पताल प्रबंधन से वह मांग कर रही थी कि आप बच्ची को लौटा दें। पुलिस ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन इसकी जांच कर रहा था। अगर अस्पताल प्रबंधन की तरफ से इस लेकर शिकायत की जाती है तो गलत तथ्य देने के आरोप में परिवार पर केस दर्ज किया जा सकता है।
पुलिस ने बताया कि बच्ची के पिता मंसूर और अर्शी गांधी नगर इलाके के बड़वाई में रहते हैं। अर्शी ने एक महीने पहले बच्ची को जन्म दिया था। कमला नेहरू अस्पताल के पीकू वार्ड में बच्ची भर्ती थी। अस्पताल में आग लगने की घटना के बाद अर्शी अपनी बच्ची के साथ घर चली गई। मंगलवार की सुबह अर्शी और उसकी मां अस्पताल पहुंची और टैग के सहारे बच्ची की पहचान करने लगी। जबकि अस्पताल से वह बच्ची को बिना किसी फॉर्मलिटी को लेकर चली गई थी।
अर्शी की मां हसमा मंगलवार से अस्पताल में प्रदर्शन कर रही थी। साथ ही वह बच्ची को ढूंढने की मांग कर रही थी। साथ ही वह दावा कर रही थी कि बच्ची पीकू वार्ड से लापता हो गई है। गांधी नगर एसएचओ अरुण शर्मा ने बताया कि पुलिस की तैनाती अस्पताल में लॉ एंड ऑर्डर मेंटेंन करने को लेकर थी। बच्ची की नानी ने अस्पताल प्रबंधन से लापता होने की शिकायत की थी। एसएचओ शर्मा ने बताया कि बुधवार की सुबह गांधी नगर पुलिस की टीम अर्शी के घर पहुंची तो देखा कि बच्ची यहां मौजूद है। अर्शी और उसकी बच्ची सुरक्षित है। पूछताछ में अर्शी ने बताया कि वह बच्ची को मंगलवार को घर लेकर चली आई थी।
एएसपी राम स्नेही शर्मा ने बताया कि बच्ची का नानी ने अस्पताल प्रबंधन से यह शिकायत की थी। अब उसकी जांच अस्पताल की तरफ से की जा रही है। वहीं, बताया जा रहा है कि बच्ची की नानी ने मुआवजे की लालच में आकर ऐसा किया है।
‘किसी का बच्चा बदल गया, किसी का मिल नहीं रहा’- कमला नेहरू अस्पताल में बिलखती मांओं का दर्द
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हाइलाइट्स
- कमला नेहरू अस्पताल से लापता बच्ची की मिस्ट्री सुलझी
- बच्ची की नानी अस्पताल में कर रही थी हंगामा, आग लगने के बाद लापता हो गई है बच्ची
- बुधवार की सुबह पुलिस ने बच्ची को घर से सुरक्षित ढूंढ निकाला
- अस्पताल में बच्ची की नानी ने लापता होने की शिकायत की थी
बच्चों की मौत से हर तरफ चीख पुकार मची है। इस दौर में भी कुछ लोग अवसर तलाश रहे हैं। भोपाल के अस्पताल में आग की घटना के बाद मृतक बच्चों के परिजनों के लिए सरकार ने 4-4 लाख रुपये मुआवजा की घोषणा की है। मुआवाजा की राशि के लिए एक परिवार अपनी बच्ची को घर में छिपाकर अस्पताल में प्रदर्शन कर रहा था। साथ ही अस्पताल में लिखित शिकायत दी थी कि बच्ची गायब है। पुलिस जब जांच के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों के घर पहुंची तो बच्ची घर में मिली है।
इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ है। पुलिस अब इस परिवार पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है। दरअसल, गांधी नगर इलाके में रहने वाली एक महीने की बच्ची को कमला नेहरू अस्पताल के पीकू वार्ड में भर्ती कराया गया था। आग लगने की घटना के बाद बच्ची की नानी अस्पताल में प्रदर्शन कर रही थी कि वह लापता हो गई है। अस्पताल प्रबंधन से वह मांग कर रही थी कि आप बच्ची को लौटा दें। पुलिस ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन इसकी जांच कर रहा था। अगर अस्पताल प्रबंधन की तरफ से इस लेकर शिकायत की जाती है तो गलत तथ्य देने के आरोप में परिवार पर केस दर्ज किया जा सकता है।
पुलिस ने बताया कि बच्ची के पिता मंसूर और अर्शी गांधी नगर इलाके के बड़वाई में रहते हैं। अर्शी ने एक महीने पहले बच्ची को जन्म दिया था। कमला नेहरू अस्पताल के पीकू वार्ड में बच्ची भर्ती थी। अस्पताल में आग लगने की घटना के बाद अर्शी अपनी बच्ची के साथ घर चली गई। मंगलवार की सुबह अर्शी और उसकी मां अस्पताल पहुंची और टैग के सहारे बच्ची की पहचान करने लगी। जबकि अस्पताल से वह बच्ची को बिना किसी फॉर्मलिटी को लेकर चली गई थी।
अर्शी की मां हसमा मंगलवार से अस्पताल में प्रदर्शन कर रही थी। साथ ही वह बच्ची को ढूंढने की मांग कर रही थी। साथ ही वह दावा कर रही थी कि बच्ची पीकू वार्ड से लापता हो गई है। गांधी नगर एसएचओ अरुण शर्मा ने बताया कि पुलिस की तैनाती अस्पताल में लॉ एंड ऑर्डर मेंटेंन करने को लेकर थी। बच्ची की नानी ने अस्पताल प्रबंधन से लापता होने की शिकायत की थी। एसएचओ शर्मा ने बताया कि बुधवार की सुबह गांधी नगर पुलिस की टीम अर्शी के घर पहुंची तो देखा कि बच्ची यहां मौजूद है। अर्शी और उसकी बच्ची सुरक्षित है। पूछताछ में अर्शी ने बताया कि वह बच्ची को मंगलवार को घर लेकर चली आई थी।
एएसपी राम स्नेही शर्मा ने बताया कि बच्ची का नानी ने अस्पताल प्रबंधन से यह शिकायत की थी। अब उसकी जांच अस्पताल की तरफ से की जा रही है। वहीं, बताया जा रहा है कि बच्ची की नानी ने मुआवजे की लालच में आकर ऐसा किया है।
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