बेलपत्र से मानव शरीर को क्या अत्यंत लाभ पहुंच सकते है?

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भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित किया जाता है। माना जाता है भगवान शिव की आराधना करते वक़्त अगर बेलपत्र का इस्तेमाल न किया जाए तो शिवजी की पूजा अधूरी रेज जाती है लेकिन क्या आप जानते है पूजा के साथ -साथ बेलपत्र स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। कुछ बीमारियों को दूर करने में बेलपत्र रामबाण सिद्ध होता है। इतना ही नहीं बुखार , हृदय से जोड़े रोग के लिए बेलपत्र काफी ही लाभकारी है। इसके सेवन से ऐसी किसी भी रोगों से बचा जा सकता है। अगर आपको किसी मधुमक्खी, बर्र अथवा ततैया ने कटा है तो उस जगह पर बेलपत्र का रस लगाने से राहत मिलती है।

बेलपत्र का काढ़ा बनाकर पीने से हृदय को मजबूती प्रदान होती है। हार्ट अटैक का खतरा भी कम रहता है। श्वास रोगियों के लिए भी यह अमृत के समान है। इन पत्तियों का रस पीने से श्वास रोग में काफी फायदा पहुंचता है। शरीर में गर्मी बढ़ने पर या मुंह में गर्मी के कारण यदि छाले हो जाएं तो बेल की पत्तियों को मुंह में रखकर चबाने से इस दिक्कत से निजात मिलती है।

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आजकल अधिकतर लोग बवासीर जैसी बीमारी से ग्रसित है। खूनी बवासीर तो बहुत ही तकलीफ दायक होता है। बेल की जड़ का गूदा पीसकर बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर उसका चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को सुबह शाम ठंडे पानी के साथ लें यदि पीड़ा अधिक है तो दिन में तीन बार लें। इससे बवासीर में फौरन लाभ मिलता है।

इतना ही नहीं बरसात में अक्सर सर्दी, जुकाम और बुखार की दिक्कत होना आम बायत है। ऐसे में बेलपत्र के रस में शहद मिलाकर पीना फायदा पहुंचता है।
पेट या आंतों में कीड़े होना या फिर बच्चें में दस्त लगने की समस्या हो, बेलपत्र का रस पिलाने से ऐसी दिक्कत से तुरंत राहत मिलती है।