यूपी में आई योगी सत्ता के बाद योगी सरकार द्वारा लिए फैसलों का असर प्रदेश में देखने को मिला है फिर वो योजना एंटी रोमियो स्क्वाड हो या सभी सरकारी अधकारियों की यूनिफॉर्म में बदलाव करना। यह कहना गलत होगा कि योगी सरकार ने प्रदेश के सभी वर्गो पर ध्यान नहीं दिया। महिलाओं के लिए 24 घंटे सेवा जारी हेल्पलाइन शुरू करने से लेकर योगी सरकार ने प्रदेश के किसानो के लिए भी कई अहम फैसले लेकर उनके जीवन को आसान बनाने की कोशिश की है, तो आइयें जानते है योगी सरकार द्वारा किसानो के हित में उठाये गए कदम:
- योगी सरकार द्वारा लघु एवं सीमान्त किसानो के हित में ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए लगभग रु. 36000 करोड़ के फसली ऋण मोचन का निर्णय लिया गया है, जिससे 86 लाख से अधिक किसानों को लाभ होगा।
- कृषि एवं संबंध कार्यो हेतु 67662.61 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है, जो गत वर्ष के बजट से 37910.76 करोड़ रूपये अधिक है।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बजट में 18222 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है, जो गत वर्ष से 7 प्रतिशत अधिक है।
- प्रदेश के किसानो को कृषि से जुड़े सभी संबंधित क्षेत्रो में नई तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा नए कृषि विज्ञान केन्द्रो की स्थापना का निर्णय लिया गया है ।
- मूल्य समर्थन योजना के अंतगर्त रु. 1625/- प्रति क्विंटल गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया। इसके अतिरिक्त रु. 10 प्रति क्विंटल भुगतान लोडिंग-अनलोडिंग के लिए तय किया गया।
- गेहूँ क्रय के लिए 5105 केंद्र स्थापित किये गए ।
- 36.99 लाख टन गेहूँ की खरीद की गयी, जो कि गत वर्ष की कुल खरीद से लगभग 4.5 गुना अधिक है।
- गेहूँ क्रय के अंतगर्त रु. 5925.58 करोड़ का भुगतान आर.टी.जी.एस. के माध्यम से कृषकों के बैंक खातों में किया गया ।
- भूजल संसाधनों की विषम स्थिति के दृष्तिगत “राज्य भूजल संरक्षण मिशन” संचालित किये जाने का निर्णय। मिशन के अंतगर्त प्रदेश के समसयग्रस्थ कुल 271 विकास खंडो एवं 22 शहरो में भूजल संरक्षण किया जायेगा ।
- सरकार ने 37 चेकडैम का कार्य पूर्ण करवाया जिसके फलस्वरूप 740 हेक्टेयर से ऊपर के 178 तालाबों में मिटटी खुदाई का कार्य पूर्ण किया गया है।
- सरकार गठन ने पश्चात 30098 निशुल्क बोरिंग, 563 मध्यम गहरी बोरिंग पूर्ण की गयी, जिससे 59699 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित हो रही है।
- 85 नवीन नलकूपों का ऊर्जीकरण कर जनउपयोगी बनाया गया है, जिससे जन का लाभ मिल रहा है।
- राज्य सीमा के संतगर्त 300 कि.मी. से अधिक दूरी के आलू परिवहन होने पर वास्तविक रूप से व्यय किये गए परिवहन भाड़े पर परिवहन भाड़ा अनुदान प्रदान किया जाएगा । प्रदेश के अन्य राज्यों में आलू भेजने पर व्यय किये गए भाड़े पर भी यह अनुदान मान्य होगा ।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तथा मुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना का 2 वर्षों के लिए प्रदेश में लागू किया गया है ।