बाहर ही नहीं घर के अंदर का प्रदूषण भी है घातक ।

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वायु प्रदूषण न केवल बाहर सड़को या क्षेत्रों में ही सीमित नहीं है बल्कि वायु प्रदूषण का खतरा घर में भी है। घरो में दिन प्रतिदिन घटता खुलापन और आराम देने वाले भौतिक आधुनिक उपकरणों से घरो में अंदरूनी प्रदूषण भी लोगो को बीमार कर रहा है । यह सांस की बीमारियों व फेफड़े के रोगो का कारण बन रहा है । ब्रिटिश विशेषज्ञों ने यह चेतावनी दी है ।

बढ़ते अंदरूनी प्रदूषण की अनदेखी
शोधकर्ताओं के मुताबिक़ अधिकतर लोग घरो के भीतर के प्रदूषण को अनदेखा करते है, जबकि यह गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। वहीं बाहरी वायु प्रदूषण से हर साल ब्रिटेन में 40 हजार और अमेरिका में दो लाख लोगो की असमय मौत होती है।

नमी व फफूंदी का बसेरा
शोधकर्ताओं ने पाया कि तकरीबन 46 घरो में नमी और फफूंदी किसी न किसी रूप से मौजूदा है। उनके मुताबिक़, नमी एक बड़ी समस्या है इससे फफूंदी और कवक को बढ़ावा मिलता है। इससे धुल कणों को भी घर जमने का मौका मिलता है। इन चीज़ों से आस्थमा की चपेट में आने की आंशका बढ़ जाती है । इनसे फेफड़ो के रोग और सांस में अवरोध जैसी समस्याएं भी हो सकती है।

घरेलू उपकरणों का असर
शोधकर्ताओं ने बताया कि ज्यादातर घरो में गैस-चूल्हों का इस्तेमाल होता है । घरो की साफ़-सफाई के लिए रासायनिक स्वच्छता उत्पादों का प्रयोग होता है। एसी का इस्तेमाल भी अब आम हो गया है और इन्ही सबका सीधा असर फेफड़ो पर पड़ता है।

घरो में बिताते है घर
बढ़ते शहरीकरण से लोगो की जीवनशैली भी बदली है और बदल रही है। जिसमे लोग घर से निकलना कम पसंद करते है। शोधकर्ताओं ने कहा कि 90% लोग ज्यादा समय घरो के भीतर बिताते है। जिसका नतीजा यही निकलता है कि वे तमाम लोग ज्यादा समय अंदरूनी प्रदूषित वायु के सम्पर्क में रहते है, जो उनकी सेहत को बर्बाद कर सकता है।

घरो के बदलते डिज़ाइन और स्टाइल

मैंकीटोश एन्वॉयरमेंटल आर्किटेक्चर रीसर्च यूनिट के मुताबिक़ आधुनिक घर चारो तरफ से बंद होने के डिज़ाइन से तैयार किये जाते है, जिससे घरो के भीतर रसायन और प्रदूषक पनपते है जोकि स्वास्थ्य पर गंभीर असर डालते है।

तर्क

बढ़ते शहरीकरण को अपने ऊपर इतना मत हावी होने दो कि अपने घर में ही सांस लेना मुश्किल हो जाये। बाहर जाए तो बाहर प्रदूषण, घर में रहे तो घर में भी प्रदूषण अब जाए तो जाए कहा? जा तो हम कहीं भी नहीं सकते न घर छोड़ कर न यह बाहरी दुनिया छोड़ कर मगर हाँ, अपनी खराब आदतों को जरूर छोड़ सकते है। तो बदल डालिये कुछ खराब आदतें, और कुछ खराब विकल्प और जिंदगी को खूबसूरत बनाइयें ।