Airport Security: एयरपोर्ट पर अब अलग ट्रे में नहीं रखना होगा लैपटॉप और मोबाइल, जानिए कैसी होगी नई व्यवस्था

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Airport Security: एयरपोर्ट पर अब अलग ट्रे में नहीं रखना होगा लैपटॉप और मोबाइल, जानिए कैसी होगी नई व्यवस्था

Airport Security: एयरपोर्ट पर अब अलग ट्रे में नहीं रखना होगा लैपटॉप और मोबाइल, जानिए कैसी होगी नई व्यवस्था

नई दिल्ली:हवाई यात्रा करने वालों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी चेक के दौरान ज्यादा परेशानी नहीं होगी। अब तक उन्हें लैपटॉप, मोबाइल, चार्जर जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स सामान को हैंड बैग से निकालकर अलग ट्रे में डालना पड़ता है। लेकिन जल्दी ही उन्हें इस झंझट से मुक्ति मिल सकती है। इस साल के अंत तक देश के सभी बड़े एयरपोर्ट्स पर 3डी सीटीएक्स मशीन लगाने को योजना है। इससे यात्रियों को अपने पर्सनल इलेक्ट्रॉनिक्स डेवाइसेज (PEDs) जैसे लैपटॉप और मोबाइल, चार्जर्स और लिक्विड आइटम्स को अलग ट्रे में रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अभी एयरपोर्ट्स पर 2डी एक्सरे मशीनें लगी हैं। इस कारण इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स को अलग ट्रे में रखना पड़ता है।

ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) के डीजी जुल्फिकार हसन ने 50 लाख और उससे अधिक पैसेंजर्स को हैंडल करने वाले एयरपोर्ट ऑपरेटर्स को कैबिन बैग्स की चेकिंग के लिए 31 दिसंबर, 2023 तक 3डी कंप्यूटेड टोमोग्राफी एक्सरे (CTX) मशीन लगाने को कहा है। हसन ने साथ ही सालाना एक करोड़ या उससे अधिक पैसेंजर्स को हैंडल करने वाले अति संवेदनशील एयरपोर्ट्स को इस साल के अंत तक फुल बॉडी स्कैनर्स (FBS) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल शुरू करने को कहा है। कोरोना महामारी के कारण इसकी डेडलाइन को मार्च 2020 से कई बार आगे बढ़ाया जा चुका है। इस सिक्योरिटी चेक में तेजी आएगी। पिछले साल नवंबर-दिसंबर में देश के कई एयरपोर्ट्स पर पैसेंजर्स की भीड़ काफी बढ़ गई थी। उस समय इन दो टेक्नीक्स की जरूरत महसूस की गई थी।

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क्या होगा फायदा

बीसीएएस के ऑर्डर के मुताबिक सभी नॉन-आरसीएस (Regional Connectivity Scheme) एयरपोर्ट्स को ऑपरेशन शुरू करने से पहले सीटीएक्स और एफबीएस लगाना जरूरी है। इनमें ग्रेटर नोएडा और नवी मुंबई का एयरपोर्ट शामिल है। सूत्रों के मुताबिक छोटे एयरपोर्ट्स को भी इसके लिए टाइमलाइन दी गई है। उनका कहना है कि सीटीएक्स से न केवल पैसेंजर्स की सुविधा बढ़ेगी बल्कि सिक्योरिटी भी बेहतर होगी। एफबीएस से शरीर में छिपाकर रखे गए नॉन-मेटालिक ऑब्जेक्ट्स को पकड़ने में मदद मिलेगी। इससे ड्रग्स की तस्करी भी रुकेगी। टीओआई ने इस बारे में एयरपोर्ट ऑपरेटर्स से कमेंट मांगे। एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने कहा कि वह टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर विचार कर रही है। लेकिन जीएमआर और अडानी ग्रुप के कोई कमेंट नहीं किया।

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