Air Quality In Delhi: दिल्ली की हवा को साफ बनाएगा पीपल का पेड़ और बढ़ाएगा ऑक्सीजन का स्तर, जानिए कैसे

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Air Quality In Delhi: दिल्ली की हवा को साफ बनाएगा पीपल का पेड़ और बढ़ाएगा ऑक्सीजन का स्तर, जानिए कैसे

नई दिल्ली
दुनियाभर की राजधानी शहरों की तुलना में दिल्ली की वायु गुणवत्ता (Air Quality Of Delhi)सबसे खराब हो गई है। इंटरनेशनल मेडिटेशन फाउंडेशन (International Meditation Foundation)ने समस्या का लंबे समय के लिए समाधान के लिए एक अभियान शुरू किया है। उन्होंने बताया कि,विलायती कीकर के स्थान पर पीपल का पौधा लगाकर इसे प्राप्त किया जा सकता है। स्वामी अद्वैतानंद के नेतृत्व में इंटरनेशनल मेडिटेशन फाउंडेशन दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में अधिक से अधिक पीपल के पेड़ लगाने के लिए एक ठोस अभियान चला रहा है।

राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर स्वामी अद्वैतानंद ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि, भारत में वायु प्रदूषण (Air Pollution) हर साल 20 लाख लोगों की जान ले रहा है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, भारत दुनिया में सबसे अधिक पुरानी सांस की बीमारियों और अस्थमा से पीड़ित है। दिल्ली में खराब वायु गुणवत्ता (Poor Air Quality) 22 लाख या दिल्ली के सभी बच्चों के 50 प्रतिशत के फेफड़ों को अपरिवर्तनीय रूप से नुकसान पहुंचाती है।

इंटरनेशनल मेडिटेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष स्वामी अद्वैतानंद ने कहा कि, दिल्ली के जंगल में मुख्य रूप से विलायती किकर हैं जो इसके आस-पास अन्य पेड़ों को उगने नहीं देते हैं और अपनी गहरी जड़ों के साथ इसने जमीन को सूखा छोड़ दिया है। पीपल (Ficus Religiosa) के पेड़ इसके पास बहुत अच्छी तरह से उग सकते हैं और वे किसी भी अन्य पेड़ की तुलना में तेजी से बढ़ेंगे। जैसे-जैसे ये नए पेड़ बढ़ते हैं, विलायती कीकरों को एक साथ काटा जा सकता है और अंत में हटाया जा सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि, दिल्ली के जंगल में लगभग 90 प्रतिशत विलायती कीकर है और इसकी जगह पीपल के पेड़ लगाने से शहर में हवा की गुणवत्ता पर जादुई प्रभाव पड़ेगा। विलायती कीकर के स्थान पर पीपल का वृक्ष लगाने से वायु शुद्ध होगी और आक्सीजन में 40 गुना वृद्धि होगी। शोध रिपोर्टों के अनुसार, विलायती किकर की कार्बन सीक्वेस्ट्रेशन क्षमता लगभग 11 प्रतिशत की तुलना में पीपल के पेड़ की कार्बन सीक्वेस्ट्रेशन क्षमता लगभग 87 प्रतिशत है। यह विलायती कीकर से करीब आठ गुना ज्यादा है। पीपल के पेड़ का आकार, इसकी छतरी विलायती कीकर से 5 गुना अधिक है।

स्वामी अद्वैतानंद ने आगे कहा कि, पीपल ही एक ऐसा पेड़ है जो रात में भी ऑक्सीजन देता है। विलायती कीकर रात के समय सीओ2 (CO2) देता है। इससे पीपल के पेड़ से मिलने वाली ऑक्सीजन की मात्रा दोगुनी हो जाती है क्योंकि दूसरे पेड़ दिन में ही ऑक्सीजन देते हैं। स्वामी अद्वैतानंद ने दिल्ली सरकार से इस वाजिब मांग को स्वीकार करने की अपील की जनता की भलाई के लिए इसे लागू करें। मांग पर कार्रवाई नहीं होने पर हम भूख हड़ताल पर बैठेंगे । हमने उत्तराखंड, राजस्थान और गोवा सहित देश के कई अन्य हिस्सों में ऐसा किया है।

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