तीन तलाक बिल को लेकर ओवैसी ने दिया बड़ा बयान

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Asadudin Owaisi

हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए तीन तलाक बिल का विरोध किया। उन्होंने कहा, ‘’यह बिल असंवैधानिक है और संविधान के अनुच्छेद 14 व 15 का उल्लंघन करता है’’।

केन्द्र की मोदी सरकार में क़ानून मंत्री ने संसद के सत्र के शुरू होते ही संसद के निचले सदन तीन तलाक बिल पेश किया। हालांकि, बिल के पेश होने के बाद विपक्षी नेताओं ने जमकर इसका विरोध किया। एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी तीन तलाक बिल कड़ी आपत्ति जताई।

उन्होंने सरकार के इस बिल पर सवाल उठाते हुए केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से पूछा, ‘’ये कहां का इंसाफ़ है कि तलाक संबंधी कानून को किसी ग़ैर-मुस्लिम पर लागू किया जाता है तो उसे सिर्फ एक साल की सज़ा की होगी। वहीं, अगर तीन तलाक क़ानून को मुस्लिम पर लागू किया जाता है तो उसे तीन साल की सज़ा होगी’’।

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उन्होंने कहा, ‘’अगर तीन तलाक देने के मामले में मुस्लिम को गिरफ्तार हो जाता है, तो वह जेल के भीतर से भत्ता कैसे देगा? सरकार का कहना है कि अगर कोई मुस्लिम व्यक्ति अपनी पत्नी को तलाक़ देता है तो उसकी शादी बरक़रार रहेगी और अगर उसे अदालत द्वारा दंडित किया जाता है तो उसे 3 साल की जेल होगी। वह 3 साल के लिए जेल जाएगा लेकिन शादी बरकरार रहेगी! मोदी क्या कानून बना रहे हैं’’?

ओवैसी ने तीन तलाक संबंधी बिल को असंवैधानिक ठहराया। उन्होंने बताया, ‘’यह बिल गैर-संवैधानिक है और संविधान के अनुच्छेद 14 व 15 का उल्लंघन करता है। हमारे पास पहले से ही घरेलू हिंसा अधिनियम 2005, सीआरपीसी धारा 125, मुस्लिम महिला विवाह अधिनियम है। अगर तीन तलाक बिल कानून बन जाता है तो यह महिलाओं के खिलाफ और भी बड़ा अन्याय होगा’’।

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