AIIMS: OPD में डॉक्टर आएंगे या नहीं, मरीज की सर्जरी पूरी हुई या नहीं… मेसेज से मिलेगी हर जानकारी, एम्स में बन रहा है नया सिस्टम

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AIIMS: OPD में डॉक्टर आएंगे या नहीं, मरीज की सर्जरी पूरी हुई या नहीं… मेसेज से मिलेगी हर जानकारी, एम्स में बन रहा है नया सिस्टम

AIIMS: OPD में डॉक्टर आएंगे या नहीं, मरीज की सर्जरी पूरी हुई या नहीं… मेसेज से मिलेगी हर जानकारी, एम्स में बन रहा है नया सिस्टम

विशेष संवाददाता, नई दिल्लीःएम्स में आपका मरीज अब किस हालत में है, मरीज को ऑपरेशन थियेटर में लेकर गए या नहीं, सर्जरी पूरी हुई या नहीं, ओपीडी में डॉक्टर आएंगे या नहीं, इन सबकी जानकारी अब आपको मेसेज के जरिए मिल जाएगी। एम्स प्रशासन एक ऐसा मेसेजिंग सिस्टम बना रहा है, जिसमें मरीज और उनके तीमारदार को इलाज की जानकारी मेसेज के जरिए मिलेगी। साथ ही, एम्स प्रशासन एक ऐसे नेविगेशन पर भी काम कर रहा है, जिसके जरिए मरीज एम्स के किसी भी बिल्डिंग या विभाग में नेविगेशन के जरिए पहुंच पाएंगे।एम्स में औसतन रोज 25 हजार से अधिक मरीज पहुंचते हैं, जिसमें ओपीडी के साथ-साथ इमरजेंसी, ट्रॉमा और भर्ती वाले मरीज होते हैं। इतनी बड़ी संख्या में मरीज तक हर जानकारी पहुंचाना बड़ी चुनौती है, खासकर इमरजेंसी की स्थिति में मरीज का स्टेटस तीमारदार को पता नहीं चलता। वो इधर-उधर भटकते रहते हैं, सही जानकारी देने वाला कोई नहीं होता। इसलिए एम्स ने एक इंटरनल मेसेजिंग सिस्टम बनाने का फैसला किया है, जो मरीज से संबंधित हर जानकारी उनके फोन पर मेसेज के जरिए पहुंचाएगा।

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एम्स के अधिकारी ने बताया कि अगर किसी मरीज की सर्जरी होनी है, वह वॉर्ड में एडमिट है। तो कब मरीज को ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया, सर्जरी पूरी हुई या नहीं, अब ऐसी जानकारी मेसेज से मिलेगी। इसी तरह अगर किसी मरीज ने किसी खास डॉक्टर का अपॉइंटमेंट ले रखा है, लेकिन उस दिन डॉक्टर किसी कारण से उपलब्ध नहीं है तो ओपीडी कैंसल होने की जानकारी भी उन्हें मेसेज के जरिए मिल जाएगी। यही नहीं, अगर छुट्टी के दिन अस्पताल बंद हैं, ओपीडी नहीं होनी है, ऐसी स्थिति में बल्क में भी मेसेज सभी मरीज तक पहुंच जाएगा।

एम्स परिसर में अलग-अलग जगह पर अलग-अलग सेंटर और डिपार्टमेंट हैं। अक्सर मरीज और तीमारदार को पता नहीं होता। उन्हें बार-बार किसी से पूछना पड़ता है, कई बार सही जानकारी नहीं मिलती। वो भटक जाते हैं। इसलिए एम्स एक नेविगेशन सिस्टम भी तैयार कर रहा है, जो क्यूआर कोड बेस्ड होगा। मरीज जैसे ही फोन से उसे स्कैन करेगा, नेविगेशन उन्हें वहां तक का रास्ता बताता रहेगा। इसके लिए प्रशासन ने नौ सदस्यों की एक कमिटी भी बनाई है, जो इंटरनल मेसेजिंग सिस्टम के लिए काम करेगी।

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ऐप बताएगा- दांतों को बीमारी से कैसे रखें दूर
बच्चों के दांतों में दर्द, दांत में कीड़े लगना, दांत में कैविटी होना आम बात है। आंकड़े बताते हैं कि लगभग 40 से 50 पर्सेंट बच्चों में दांतों की समस्या देखी जाती है। ऐसे में बच्चों के दांतों की सही देखभाल, दांतों को खराब होने से बचाना, बच्चे को दांत के दर्द से पहले इलाज मिल सके, अब ऐसी सारी जानकारी बच्चे और उनके माता-पिता को ऐप के जरिए मिलेगी। एम्स के डेंटल विभाग ने हेल्दी स्माइल मोबाइल ऐप बनाया है, जो दांतों को स्वस्थ रखने की हर जानकारी उपलब्ध कराता है। हेल्दी स्माइल ऐप बनाने वाले एम्स के डेंटल विभाग की टीम में शामिल डॉक्टर कल्पना बंसल ने कहा कि लोगों में दांतों से संबंधित बीमारी के बारे में जानकारी का अभाव, डेंटल की सुविधा कम होना, ब्रश करने के सही तरीके के बारे में जानकारी कम होना, खानपान का गलत तरीका, समय पर इलाज की कमी और समय पर इलाज न होने से हल्की बीमारी गंभीर बन जाती है। उन्होंने कहा कि इसे हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में बनाया गया है। इसमें ब्रश करने का सही तरीका बताया गया है। दो मिनट के विडियो में गाने के साथ ब्रश करने का तरीका बताया गया है। इसमें टिप्स और कई सवाल-जवाब हैं।

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