कैंसर का नाम आते ही हर किसी के जहन में सबसे पहले मौत का डर आता है। ये मामूली से छाले आपको कैंसर जैसी बीमारी की तरफ़ भी ले जा सकते है। अगर आप पान मसाला और जर्दा का सेवन करते है तो सावधान हो जाए। क्योंकि इसके सेवन से आप के मुंह में एक ऐसा छाला हो सकता है जिससे आपको कैंसर जैसी भयानक बीमारी हो सकती है।
यही से शुरु होती है कैंसर की शुरुआत
वरिष्ठ डॉक्टर पीके दास ने बताया की कुछ लोग पान मसाला या जर्दा को मुंह में दांत से दबा कर रखते है। पान मसाले या जर्दा में हानिकारक कैमिकल होते है जिससे मुंह की मांसपेशिया खराब होने लगती है। यह प्रकिया शुरु में शायद धीरे-धीरे चले। लेकिन एक समय के बाद ये पान मसाले में हानिकारक कैमिकल पुरे मुँह को खराब कर देते है और मांसपेशियों को गलाने लगते है।
ल्यूकोप्लेकिया है कैंसर की पहली स्टेज
डॉ पीके दास के अनुसार, पान मसाले और जर्दा से प्रभावित हुए मुँह में पहले छाला सफेद रंग का बनने लगता है। इस ल्यूकोप्लेकिया की स्थिति कहते है। यही छोटा सा सफेद छाला कैंसर की वजह बनता है। पहले यह छाला गायब हो जाएगा फिर बाद में यह दुबारा से वापस आ जाएगा।
रिथ्रोप्लेकिया है कैंसर की दूसरी स्टेज
ड़ॉ पी के दास के अऩुसार जब यह छाला गयाब हो जाता है तो फिर वापस आने में यह लाल रंग का पैच आना शरु कर देता है। इस स्टेज में इसे रिथ्रोप्लेकिया की स्टेज कहते है। रिथ्रोप्लेकिया कैंसर की दूसरी स्टेज में आपको सचेत होने का मौका मिलता है। इसी दौरान अगर कोई व्यक्ति पान मसाले का सेवन छोड देता है तो वह कैंसर की बिमारी से बच जाता है। लेकिन इस स्टेज को नज़रअंदाज करने वाले लोग मुंह के कैंसर के शिकार हो जाते है।
दाना ही देता है मुँह के कैंसर को जन्म
डॉ डॉक्टर के अनुसार मुँह में पहले एक छोटा दाना आता है वह जैसे ही फुटता है, इसके फटने के साथ ही जख़्म होना शुरु होने लगता है। यह जख़्म धीरे-धीरे अल्सर में बदलने लगता है। जो आगे चलकर मुहं की मांसपेशियों का गलाने लगता हैं। हालांकि इस स्टेज में बचाव करना संभव है लेकिन यह काफी ज्यादा मंहगा और दर्द भरा होता है।