केंद्र और प्रदेश सरकार के विभागों के आगे Ghaziabad नगर निगम निगम मजबूर, नहीं मिल रहा 208 करोड़ का Tax

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केंद्र और प्रदेश सरकार के विभागों के आगे Ghaziabad नगर निगम निगम मजबूर, नहीं मिल रहा 208 करोड़ का Tax

केंद्र और प्रदेश सरकार के विभागों के आगे Ghaziabad नगर निगम निगम मजबूर, नहीं मिल रहा 208 करोड़ का Tax


Ghaziabad Nagar Nigam: गाजियाबाद नगर निगम के लिए केंद्र और राज्य सरकार के विभागों से टैक्स वसूली सिर दर्द बन गया है। इन विभागों की लिस्ट बनाई गई है। टॉप लिस्ट में 15 विभाग शामिल है, जिन पर 110 करोड़ का बकाया है। इसकी रिपोर्ट नगर निगम ने शासन को भेज दी है।

 

नगर निगम का सरकार विभागों पर 208 करोड़ रुपये टैक्स बकाया

हाइलाइट्स

  • गाजियाबाद नगर निगम का 208 करोड़ रुपये फंसा
  • सरकारी विभाग ही नहीं दे रहे करोड़ों का टैक्स
  • नगर निगम ने शासन को दी जानकारी, दिया रेकॉर्ड
गाजियाबाद: टैक्स वसूली के लिए नगर निगम आम लोगों पर तो कार्रवाई कर रहा है, लेकिन सरकारी विभागों पर निगम का 208 करोड़ रुपये बकाया है। यहां न तो सीलिंग की कार्रवाई होती है और न ही वसूली। अब निगम प्रशासन ने सरकारी बकायेदारों की सूची शासन के पास भेजी है। निगम को चालू वित्तीय वर्ष में 227 करोड़ रुपये के टैक्स वसूली का टारगेट पूरा करना है। अभी तक निगम इस टारगेट को पूरा करने में 80 करोड़ रुपये की वसूली करने से दूर है। सरकारी विभागों पर इससे कई गुना टैक्स बकाया है। रेकॉर्ड के मुताबिक, नगर निगम का केंद्र और राज्य सरकार के विभागों पर ही 208 करोड़ रुपये बकाया है। इनमें से 15 टॉप सरकारी बकायेदारों पर निगम का 110 करोड़ रुपये बकाया है।

निगम प्रशासन ने इसको लेकर एक रिपोर्ट शासन को भेजी है। रिपोर्ट में विभागों के नाम और इन पर बकाया पैसे की डिटेल दी है। नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव को भेजी गई सूची के साथ निवेदन किया है कि इन विभागों से शासन स्तर पर ही बकाया टैक्स लेकर समायोजन किया जाए। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा ने बताया कि सरकारी विभागों पर नगर निगम का काफी बकाया है। शासन स्तर पर इसके समायोजन के लिए पत्र नगर विकास विभाग को लिखा गया है।

ये हैं बड़े बकायेदार

DMRC – 54 करोड़ 56 लाख
हिंडन एयर फोर्स – करीब 21 करोड़
मानव संसाधन केंद्र – 12 करोड़ 33 लाख
उत्तर रेलवे – 8 करोड़ 54 लाख
केंद्रीय लोक निर्माण विभाग 5 करोड़ 77 लाख
CISF – 2 करोड़ 56 लाख
प्रधान डाकघर नवयुग मार्केट – एक करोड़ 17 लाख
उप महाप्रबंधक एएलटीटीसी – एक करोड़ 12 लाख
महाप्रबंधक दूर संचार – एक करोड़ 10 लाख
निदेशक टैक्स रिसर्च – 77 लाख रुपये

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