भारतीय संविधान नें लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए बहुत से कानून व नियम बनाये है, लेकिन बहुत से ऐसे कानून है, जिसके बारे में लोगों को पता होते हुए भी वह किसी भी अपराध को करने से पीछे नही हटते है, और कुछ ऐसे भी लोग है जिन्हे कानून वह उनके अधिकारों के बारे में पता ही नही होता है और वो ऐसा कुछ कर जाते है, जिनसे उन्हे परेशानी और कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है. क्योकि लोग इसके बारे में नही जानते है. ऐसे कुछ कानूनों और अधिकारों की चर्चा करेगें, जिसके बारे में कुछ लोग अनजान है, लेकिन कुछ लोग जानबूझ कर गैरकानूनी काम करते है.
भारत में बाल श्रम अवैध है
भारत में बाल श्रम करवाना अवैध है, जिसके बारे में कई लोगों को पता होने के बावजूद वह बच्चों से काम करवाते है. सड़क के किनारे, भोजनालयों , चाय- दुकानों, गैंरेज, व दुकानों पर हर जगह अभी भी काम करते हुए बच्चे दिखाई देते है. बाल श्रम को अधिनियम 1986 में लागू किया गया था. था और 2006 और 2008 में इसका विस्तार किया गया था. हालांकि, इसने देश में बाल श्रम के दृश्य को बदलने में बहुत मदद नहीं की. लेकिन कई जगहों पर अभी भी बच्चो से कार्य करवाया जाता है.
बालिका गर्भपात और लिंग निर्धारण कराना
बालिका का गर्भपात और लिंग निर्धारण करना दोनो ही भारत में अवैध है लेकिन इससे संबंधित सेवाओं की पेशकश करने वाले क्लीनिक काफी संख्या में मौजूद है बता दें कि लिंग निर्धारण की प्रथा के खिलाफ कानून 1994 में लागू किया गया था, लेकिन कन्या भ्रूण के गर्भपात की संख्या कम नहीं हुई है.
भीख मांगना और ऐसे रैकेट चलना अपराध है
बॉम्बे प्रिवेंशन ऑफ बेगिंग एक्ट, 1959 में भीख मांगना अपराध माना जाता है. यह कई राज्यो में लागू किया गया था. इस कानून को दिल्ली में भी अपनाया गया था. दिलचस्प बात तो ये है कि इससे संबधित कोई भी मामला दर्ज नही किया गया है. जिसका मतलब यह है कि हमारे शहरों में कोई भिखारी न हो, लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ है और ये सभी जानते है कि सच क्या है. इस मुद्दे पर कानून को सख्ती से लागु करने की ज़रूरत है. जिससे बच्चों से भीख मंगवाने वाले रैकेटो का सफाया हो सके.
भारत में 2-पहिया वाहन पर तीन लोगों का बैठकर वाहन चलाना अवैध है
मोटर वाहन विधेयक 2016 के तहत, भारत में दोपहिया वाहनों पर एक से अधिक व्यक्ति का होना अवैध है. लेकिन आजकल तो तीन लोग बैठकर दो पहिया वाहन पर जाते है जो कि गैरकानूनी है और कभी-कभी इससे भी अधिक,
भारत में नकली सामान बेचना गैरकानूनी है.
भारत में कई लोग नकली समान बेचने का कार्य भी करते है, जोकि गैरकानूनी है, लेकिन कुछ लोग नकली समान बेचना नही छोडते है. अगर हम उन उत्पादों को खरीद सकते हैं जो बिल्कुल ब्रांडेड की तरह दिखते हैं और आधे से कम खर्च होते हैं, प्रतिकृति सामानों के नकली होने से भारत सरकार को भी काफी नुकसान होता है.
रात के समय महिलाओं को कारखानों में काम करवाना गैरकानूनी है
1948 के फैक्ट्रीज एक्ट किसी भी कारखाने में महिला कामगारों को रात की शिफ्ट मे काम करवाना गैरकानूनी है. लेकिन, कारखानों में काम करने वाली अधिकांश महिलाएं गरीब होती है जिसके कारण महिलाएं रात के शिफ्ट में काम करती है और उनके अधिकारी उनकी खराब वित्तीय स्थिति का फायदा उठाते हैं, ताकि वे जब चाहें काम करा सकें.
सड़क किनारे विक्रेताओं से कानो और दांतो को साफ़ करवाना गैर कानूनी है.
द पंचेट एक्ट, 1948 के डेंटिस्ट एक्ट की धारा 49 के अनुसार, भारत में स्ट्रीट डेंटिस्ट्री अवैध है. सड़क के किनारे विक्रेताओं से कानो और दांतो को साफ करवाना भी गैरकानूनी है
पुलिस द्वारा fir दर्ज न करना गैरकानूनी है
पुलिस अफसर का fir लिखने से मना करना गैरकानूनी है कई बार पुलिस fir दर्ज नही करते है. लेकिन यदि कोई पुलिस fir दर्ज नही करता तो उसे 1 साल 6 महिने की सजा हो सकती है. आप fir दर्ज करा सकते है चाहे वह अपने ड्यूटी पर हो या नही
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और भी ऐसे ही कई मामले है जिनके बारे में कुछ लोग जानते है और कु्छ लोग इससे अनजान है लेकिन इन कानूनों व अधिकारों को जानने के बावजूद भी लोग अपराध करने से पीछे नही हटते है. ऐसे में हमेशा एक सवाल उठता है कि जानबूझ कर गैरकानूनी ढंग से कार्य का संचालन कर रहे लोगों के खिलाफ सरकार सख्ति बरतेगी तो कब?