एसीपी-टीआई से सिर पर हाथ रखकर तीन बार कसम खिलाई, मर्डर में नहीं फंसाओगे, तब मां बोली बच्चों का गला घोंट कर मार डाला | crime news bhopal | Patrika News
सपना ने पुलिस को यह बताया मैं बैरसिया की रहने वाली हूं, गृह जिला विदिशा है। 2017 में उसकी शादी कोलार गेस्ट हाउस के पास रहने वाले ब्रजमोहन धाकड़ से हुई थी। मेरी एक 3 साल की बच्ची है। 7 सितंबर को मुझे दो जुड़वा बच्चे हुए थे। पति एक दिन काम पर जाता है 4 दिन बैठ कर खाता है। सास-ससुर बोले तीन बच्चों को कैसे पालेगी। रोज ताना मारते थे, 23सितंबर सुबह चार बजे वह अपने घर से निकली। दोनों नवजात शिशुओं को एकांत पार्क के सामने बने सरकारी क्वार्टर के पास गला घोंटकर मार दिया। बच्चों के कपड़े निकाल कर लाशें क्वार्टर के पीछे सीवर लाइन में 8 फीट ऊंची दीवार से दूसरी तरफ फेंक दीं। हबीबगंज थाने के पास बच्चों के गुलाबी रंग के कपड़े फेंक कर बस में बैठकर टीटी नगर पहुंची। यहां पहुंचकर मेरे पति का फोन आ गया। पति को बताया कि बैरसिया मायके जा रही थी तभी टीटी नगर में बच्चे चोरी हो गए। मेरा पति बृजमोहन टीटी नगर आया थोड़ी देर यहां-वहां तलाश करने के बाद हम लोग आने रिपोर्ट लिखवाने आ गए।
पड़ोसी बोले, बदबू से लगा बिल्ली मर गईघटनास्थल एकांत पार्क के सामने मसान बाबा मंदिर के पास एमपी बोर्ड कॉलोनी के क्वार्टर है। मेन रोड से लगे क्वार्टर परिसर का गेट हमेशा खुला रहता है। दो बिल्डिंग के बीच में एक 8 फीट की दीवार है। इसके ठीक सामने पानी की एक छोटी सी टंकी बनी है। सपना धाकड़ इसी टंकी पर चढ़कर अपने दोनों बच्चों को दीवाल के दूसरी तरफ फेंक देती है। दूसरी तरफ सीवर लाइन थी जहां बच्चों के शव पिछले 5 दिन से सड़ रहे थे। पड़ोसी पुलिस पूछताछ में बोले कि उन्हें 2 दिन से बदबू आ रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे बिल्ली मर गई है इसलिए किसी को शिकायत नहीं की। दुर्गा पंडाल आयोजन समिति के लोगों ने बताया कि इलाके में कुत्ते नहीं है वरना बच्चों को नोच कर खा चुके होते।
254 सीसीटीवी देखकर समझी पुलिसशिकायत के बाद पिछले 5 दिन से नवजात शिशुओं को तलाश रही थी। कोलार गेस्ट हाउस से अक्षय हार्ट हॉस्पिटल एकांत पार्क अरेरा पेट्रोल पंप और हबीबगंज थाने के बीच महिला का ब्लाइंड स्पॉट निकाला गया। यह स्थल सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड होने से छूट गया था। हबीबगंज थाने के सामने बस में चढ़ते वक्त सपना की गोद में बच्चे नहीं थे पुलिस समझ गई थी कि घर से निकलकर हबीबगंज थाने तक आने के बीच से ही बच्चे सपना ने कहीं गायब किए हैं। 254 सीसीटीवी रिकॉर्डिंग खंगालकर वीडियो सपना को दिखाए कि बच्चे तो तुम्हारे पास हैं ही नहीं तो सपना देवी आने का नाटक करने लगती थी।
हमें उम्मीद थी बच्चे जिंदा मिलेंगे एसीपी चंद्र शेखर पांडे एवं टीआई चैन सिंह रघुवंशी ने बताया कि हमें उम्मीद थी कि बच्चे जिंदा मिल जाएंगे। ऐसी आशंका थी कि एकांत पार्क के आसपास सपना ने अपने किसी रिश्तेदार को बच्चे जीवित अवस्था में दे दिए हैं। हम लोगों ने 26 सितंबर पूरा दिन सपना को अपने घर पर आराम करने दिया क्योंकि वह कमजोर हो रही थी उसने कुछ नहीं खाया पिया था। आखिर 27 सितंबर की सुबह पूछताछ में उसने सहयोग किया और अपना जुर्म कबूल कर बच्चों के शव बरामद करवा दिए।
सपना ने पुलिस को यह बताया मैं बैरसिया की रहने वाली हूं, गृह जिला विदिशा है। 2017 में उसकी शादी कोलार गेस्ट हाउस के पास रहने वाले ब्रजमोहन धाकड़ से हुई थी। मेरी एक 3 साल की बच्ची है। 7 सितंबर को मुझे दो जुड़वा बच्चे हुए थे। पति एक दिन काम पर जाता है 4 दिन बैठ कर खाता है। सास-ससुर बोले तीन बच्चों को कैसे पालेगी। रोज ताना मारते थे, 23सितंबर सुबह चार बजे वह अपने घर से निकली। दोनों नवजात शिशुओं को एकांत पार्क के सामने बने सरकारी क्वार्टर के पास गला घोंटकर मार दिया। बच्चों के कपड़े निकाल कर लाशें क्वार्टर के पीछे सीवर लाइन में 8 फीट ऊंची दीवार से दूसरी तरफ फेंक दीं। हबीबगंज थाने के पास बच्चों के गुलाबी रंग के कपड़े फेंक कर बस में बैठकर टीटी नगर पहुंची। यहां पहुंचकर मेरे पति का फोन आ गया। पति को बताया कि बैरसिया मायके जा रही थी तभी टीटी नगर में बच्चे चोरी हो गए। मेरा पति बृजमोहन टीटी नगर आया थोड़ी देर यहां-वहां तलाश करने के बाद हम लोग आने रिपोर्ट लिखवाने आ गए।
पड़ोसी बोले, बदबू से लगा बिल्ली मर गईघटनास्थल एकांत पार्क के सामने मसान बाबा मंदिर के पास एमपी बोर्ड कॉलोनी के क्वार्टर है। मेन रोड से लगे क्वार्टर परिसर का गेट हमेशा खुला रहता है। दो बिल्डिंग के बीच में एक 8 फीट की दीवार है। इसके ठीक सामने पानी की एक छोटी सी टंकी बनी है। सपना धाकड़ इसी टंकी पर चढ़कर अपने दोनों बच्चों को दीवाल के दूसरी तरफ फेंक देती है। दूसरी तरफ सीवर लाइन थी जहां बच्चों के शव पिछले 5 दिन से सड़ रहे थे। पड़ोसी पुलिस पूछताछ में बोले कि उन्हें 2 दिन से बदबू आ रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे बिल्ली मर गई है इसलिए किसी को शिकायत नहीं की। दुर्गा पंडाल आयोजन समिति के लोगों ने बताया कि इलाके में कुत्ते नहीं है वरना बच्चों को नोच कर खा चुके होते।
254 सीसीटीवी देखकर समझी पुलिसशिकायत के बाद पिछले 5 दिन से नवजात शिशुओं को तलाश रही थी। कोलार गेस्ट हाउस से अक्षय हार्ट हॉस्पिटल एकांत पार्क अरेरा पेट्रोल पंप और हबीबगंज थाने के बीच महिला का ब्लाइंड स्पॉट निकाला गया। यह स्थल सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड होने से छूट गया था। हबीबगंज थाने के सामने बस में चढ़ते वक्त सपना की गोद में बच्चे नहीं थे पुलिस समझ गई थी कि घर से निकलकर हबीबगंज थाने तक आने के बीच से ही बच्चे सपना ने कहीं गायब किए हैं। 254 सीसीटीवी रिकॉर्डिंग खंगालकर वीडियो सपना को दिखाए कि बच्चे तो तुम्हारे पास हैं ही नहीं तो सपना देवी आने का नाटक करने लगती थी।
हमें उम्मीद थी बच्चे जिंदा मिलेंगे एसीपी चंद्र शेखर पांडे एवं टीआई चैन सिंह रघुवंशी ने बताया कि हमें उम्मीद थी कि बच्चे जिंदा मिल जाएंगे। ऐसी आशंका थी कि एकांत पार्क के आसपास सपना ने अपने किसी रिश्तेदार को बच्चे जीवित अवस्था में दे दिए हैं। हम लोगों ने 26 सितंबर पूरा दिन सपना को अपने घर पर आराम करने दिया क्योंकि वह कमजोर हो रही थी उसने कुछ नहीं खाया पिया था। आखिर 27 सितंबर की सुबह पूछताछ में उसने सहयोग किया और अपना जुर्म कबूल कर बच्चों के शव बरामद करवा दिए।