हरियाणा सरकार की एक पहल -अब छात्राओं को मात्र एक रूपये में मुहैया करवाएंगे सैनेटरी पैड्स

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भारत को आज़ाद हुए 70 साल हो चुके है लेकिन आज़ादी के 70 बरस बाद भी देश की 40 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं माहवारी के दौरान सैनेटरी पैड्स इस्तेमाल नहीं करती |इस समय में  गाँव की बच्चियां और महिलाएं कपड़े का इस्तेमाल करती है |

40 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं के सैनेटरी पैड्स न इस्तेमाल करने के कारण ;

  • पैसों की कमी: इन महिलाओं और लड़कियों के परिवार इतने गरीब होते है कि इनके पास खाने तक के पैसे नहीं होते ऐसे में  सैनेटरी पैड्स खरीदने के पैसे परिवार वाले कहाँ से लायेंगे ?
  • जानकारी की कमी :दूसरा जो सबसे बड़ा कारण है इसका वो है सही जानकारी की कमी ,आज भी कई घरों में माहवारी पर बात करना सही नही माना जाता ऐसे में सैनेटरी पैड्स इस्तेमाल करना तो बहुत बड़ी बात है

एक रूपए में सैनेटरी पैड्स का पैकेट

इस क्षेत्र में हरियाणा सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है |सभी स्कूलों में छात्राओं को अगस्त माह से मात्र एक रूपये में सैनेटरी नैपकीन उपलब्ध कराये जाएंगे| आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार द्वारा चलाये गए इस मुहीम में अब गरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यतीत करने वाली महिलाओं को भी शामिल किया गया है |मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने स्कूली शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह निर्णय किया है |

महिलाओं के स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेके सरकार द्वारा उठाया गया एक अहम् कदम
खट्टर ने मीडिया को बताया कि 18 साल तक की सभी स्कूली लड़कियों को स्कूल में सैनेटरी पैड्स मात्र एक रूपय में उपलब्ध करवाया जायेगा |साथ ही इसमें ग्रामीण महिलाये जो गरीबी रेखा से नीचे आती है उन्हें प्रति माह जन वितरण प्रणाली के माध्यम से राशन की दुकानों में सैनेटरी नैपकीन मुहैया कराई जाएंगी | महिलाओं के स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेके उठाया गया एक बड़ा कदम है |