तीन कृषि कानूनों का काफी किसान संगठन लंबे समय से विरोध कर रहे हैं. जिसके लिए सरकार से कई स्तर की बातचीत भी हो चुकी है. लेकिन अभी तक यह वार्ता असफल ही रही है. किसान लगातार विरोध करते हुए धरने पर ड़टे हुए हैं. सरकार ने किसान संगठनों को एक प्रस्ताव दिया था, जिसके बाद किसानों ने उससे असहमती जताते हुए आंदोलन को और तेज करने की रणनीति अपनाई. इसी रणनीति में कहा गया कि किसान बड़ें बिजनेस ग्रुप का विरोध भी करेगें. जिसमें बड़े बिजनेस घरानों से संबंध रखने वाले अंबानी और अड़ाणी का विरोध करने का फैसला लिया गया. जिसमें जियो की सिम नहीं खरीदने तथा सिम को दूसरे नेटवर्क में बदलवाना तथा रिलायंस और अडाणी ग्रुप के हर स्टोर, मॉल व सेवा का ये किसान बहिष्कार करना शामिल है.
विरोध कर रहे किसानों का कहना है कि नए कानून इस तरह से बनाए गए हैं कि उससे ऐसे बड़े कारोबारियों को फायदा होगा. हालिया आंदोलन के दौरान खुलकर रिलायंस और अडाणी समूह का नाम लेकर किसानों ने विरोध दर्ज कराया है.
राहुल गांधी भी ट्वीट करके आरोप लगा चुके हैं – “अदानी-अंबानी कृषि क़ानून’ रद्द करने होंगे. और कुछ भी मंज़ूर नहीं!”. हालिया रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में काफी स्थानों पर किसानों ने टाँवर को निशाना बनाना शुरू कर दिया. कई जगह टाँवर का तार काट दिया गया. जिससे लोगों को इंटरनेट चलाने या नेटवर्क में समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
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किसान आंदोलन का अंबानी और अडाणी पर कितना असर हुआ है. इसके बारे में सटीक जानकारी तो उपलब्ध नहीं है. लेकिन अनुमान है अभी तक किसानों के इस विरोध प्रदर्शन से अंबानी और अड़ानी पर बहुत ज्यादा असर तो नहीं हुआ है. उसका सबसे बड़ा कारण यह है कि किसाना संगठनों द्वारा लोगों से सिर्फ अपील की गई है इन ग्रुप का विरोध करने की. हाँ पंजाब में जरूर जियों टावरों पर तार काटने तथा नेटवर्क बाधित करने की खबरे आई हैं.