उत्तर प्रदेश में तेली जाति की जनसंख्या कितनी है?

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उत्तर प्रदेश में तेली जाति की जनसंख्या कितनी है?

तेली को हिंदू धर्म में वैश्य से संबंधित माना जाता है।तेली जाति का उल्लेख प्राचीन ग्रंथो और प्रचलित कहानियो में भी मिलता है जिससे पता चलता है की ये हिन्दुओ की अति प्राचीन जाति है।उत्तर प्रदेश में तेली को वैश्य के रूप में माना जाता है, साथ ही अन्य व्यापारी और बैंकरों जैसे सुवर्णमानिक, गांधीवादी, साहा, वैश्य वर्ण आदि नामो से जाना जाता इनका मुख्य व्यवसाय खाद्य तेल गुड़ और कृषि कार्य आदि था।

तेली समाज का इतिहास अतिगौरवशाली रहा है। देश के स्वतत्रता आन्दोलन से लेकर स्वतत्रंता उपरान्त भी देश के विकास, निर्माण एवं दिशा देने में इस समाज का सराहनीय योगदान रहा है। उदाहरण के तौर पर यह बताना आवश्यक है कि भारत के प्रथम स्वतत्रता संग्राम में अन्य जाने – अनजाने विभूतियों के साथ ननुआ तेली का सक्रीय योगदान रहा जिन्हे 08 दिसम्बर, 1857 में अंग्रेजों ने प्राण दण्ड दिया।

13 दिसम्बर, 1919 के जलियावालाबाग कांड में 23 वर्षीय स्व० श्री खैरदीन तेली को अंग्रेजों ने गोलियों से भून डाला। चौरी-चौरा काण्ड के अमर शहीदों में भगवानदीन तेली का नाम प्रमुख था।अगर बात कि जाए उत्तर प्रदेश में तेली जाति की जनसंख्या कि तो प्रदेश में 1.5 से 2 फीसदी तक जनसंख्या है .

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