6 महीनों के ढलान के बाद श्रेयस अय्यर के सपनों को कैसे मिली नई उड़ान? चोट का दुख, कॉन्ट्रैक्ट का गम और फिर ये सितम

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6 महीनों के ढलान के बाद श्रेयस अय्यर के सपनों को कैसे मिली नई उड़ान? चोट का दुख, कॉन्ट्रैक्ट का गम और फिर ये सितम


6 महीनों के ढलान के बाद श्रेयस अय्यर के सपनों को कैसे मिली नई उड़ान? चोट का दुख, कॉन्ट्रैक्ट का गम और फिर ये सितम

‘मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है।’ यह शेर श्रेयस अय्यर की पिछले 6 महीने की उतार-चढ़ाव भरी कहानी पर एकदम सटीक बैठता है। अय्यर को इस दौरान काफी कुछ झेलना पड़ा। उन्हें ना सिर्फ चोट से परेशानी हुई बल्कि बीसीसीआई सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर होने का गम मिला। ऊपर से टीम इंडिया से पत्ता कटने का सितम भी मिला। हालांकि, उन्होंने हौसला बरकरार रखा और नई उड़ान हासिल करने में कामयाब रहे। अय्यर की अगुवाई वाली कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) ने आईपीएल 2024 चैंपियन बनकर सभी को हैरत में डाल दिया। केकेआर पिछले सीजन में सातवें पायदान पर रही थी।

10 साल बाद केकेआर का खिताबी सूखा समाप्त

कोलकाता ने 10 साल बाद खिताबी सूखा समाप्त करते हुए तीसरी ट्रॉफी अपने नाम की। केकेआर ने इससे पहले 2014 और 2012 में गौतम गंभीर की कप्तानी में खिताब जीता था। केकेआर ने चेन्नई में खेले गए खिताबी मुकाबले में सनराइजर्स हैदराबाद (एसआरएच) को बुरी तरह परास्त किया। केकेआर ने एसआरएच को 18.3 ओवर में 113 रन पर ढेर करने के बाद 57 गेंद बाकी रहते फाइनल जीत लिया। अय्यर ने ट्रॉफी पर कब्जा जमाने के बाद कहा, ”भावनाओं को व्यक्त करना मुश्किल है। हमने खिलाड़ियों से जैसी उम्मीद कि उन्होंने वैसा ही प्रदर्शन किया। हमारे लिए शानदार सीजन रहा।” उन्होंने बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी और सचिव जय शाह से ट्राफी हासिल की।

वनडे वर्ल्ड कप के बाद अय्यर ने देखा ढलान

29 वर्षीय अय्यर 14 टेस्ट, 50 वनडे और 51 टी20 इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं। उन्होंने वनडे वर्ल्ड कप 2023 के बाद ढलान देखा। उन्होंने भारत के लिए आखिरी मैच फरवरी 2024 में खेला, जो टेस्ट था। उन्हें टी20 वर्ल्ड कप 2024 के लिए नहीं चुना गया। अय्यर ने वनडे वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 11 मैचों में 66.25 की औसत से 530 रन बनाए। वह विराट कोहली और रोहित शर्मा के बाद टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज रहे। अय्यर ने दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 और साउथ अफ्रीका के विरुद्ध वनडे में अर्धशतक ठोका। वह साउथ अफ्रीका वनडे सीरीज के दूसरे और तीसरे मैच में नहीं खेले क्योंकि उन्होंने दौरे पर टेस्ट सीरीज की तैयारी में जुटना था।

टेस्ट में नाकामयाबी के बाद टीम से बाहर

हालांकि, अय्यर का बल्ला साउथ अफ्रीका टेस्ट सीरीज में नहीं चला। उन्होंने चार पारियों में महज 41 रन जुटाए। अय्यर को इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के शुरुआती दो मुकाबलों के लिए भारतीय स्क्वॉड में शामिल किया गया। लेकिन वह हैदराबाद और विशाखापट्टनम में आयोजित टेस्ट में कुछ खास छाप नहीं छोड़ सके, जिसके बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। अय्यर को उसके बाद फरवरी महीने के अंत में उस वक्त तगड़ा झटका लगा, जब बीसीसीआई ने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से अय्यर को बाहर कर दिया। अनेक लोगों का कहना था कि अय्यर को टीम इंडिया से बाहर होने के बाद रणजी ट्रॉफी नहीं खेलने के चलते खामियाजा भुगतना पड़ा।

रणजी नहीं खेलने को लेकर कंट्रोवर्सी

तब कई रिपोर्ट में कहा गया कि अय्यर ने सूचित किया था कि वह रणजी क्वार्टर फाइनल के लिए फिट नहीं हैं। वहीं, नेशनल क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) के ट्रेनर्स ने दावा किया कि अय्यर खेलने के लिए पूरी तरह से फिट हैं। अय्यर रणजी सेमीफाइनल में खेले मगर बल्ला खामोश रहा। लेकिन उन्होंने रणजी फाइनल में 95 रन की पारी खेलकर आलोचकों की बोलती बंद कर दी। अय्यर का आईपीएल 2024 फाइनल से पहले अपने ढलान को लेकर दर्द छलका। उन्होंने कहा कि मैं बैक इंजरी से परेशान था और कोई इसपर विश्वास नहीं कर रहा था।

आईपीएल फाइनल से पहले छलका दर्द

अय्यर ने कहा, ”वर्ल्ड कप के बाद लंबे प्रारूप के संदर्भ में, मैं निश्चित रूप से संघर्ष कर रहा था। जब मैंने चिंता जताई तो कोई इस पर सहमत नहीं हो रहा था, लेकिन समझदारी भरे समय में प्रतिस्पर्धा खुद से होती है। जब आईपीएल करीब आ रहा था, तो मैं बस यह देखना चाहता था कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकूं और हमने पहले जो भी योजना या रणनीति बनाई थी, उसे अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमताओं के साथ क्रियान्वित किया। एक बल्लेबाज के रूप में लाल गेंद वाले क्रिकेट से सफेद गेंद में बदलाव कठिन है, लेकिन एक बार जब आपको इसकी आदत हो जाती है, तो आप अन्य टीमों के साथ बराबरी कर लेते हैं।” केकेआर के चैंपियन बनने के बाद अनेक फैंस सोशल मीडिया पर मांग कर रहे हैं कि अय्यर को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट फिर से मिलना चाहिए।



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