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गणित के प्रति बच्चों में रूचि स्कूल स्तर से हीं जगाने की जरूरत:
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05नालंदा03: नालंदा खुला विवि में विद्वानों को सम्मानित करते वीसी प्रो. केसी सिन्हा व आयोजक डा. विजय कुमार।

नालंदा, निज संवाददाता।

भारत में वैदिक गणित की उज्जवल परंपरा है। यह वेद काल से हीं चली आ रही है। इसके माध्यम से गणना करना सरल हो जाती है। बच्चों में आजकल जो गणित के प्रति अरु चि जागरूक हो रही है उसका एकमात्र समाधान वैदिक गणित शिक्षा विभाग से है। ये बातें नालंदा खुला विवि में ‘एक्सप्लोरिंग इक्सीलेंस इन मैथमेटिकल साइंस’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फेंस के दुसरे दिन वैदिक मैथमेटिक्स शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के संयोजक श्रीराम चौथाईवाले ने कही। कहा इसके लिए गणित का समागम करने की आवश्यकता है। जिससे लोगों में जागरूकता उत्पन्न किया जा सके। अलिगढ़ मुस्लिम विवि में गणित विभाग के प्रो. कलीमुद्दीन ने कहा पूरा काम गणित पर हीं आधारित है। बिना गणित के किसी क्षेत्र में विकास संभव नहीं है। लोगों में गणित के प्रति डर बैठ गया है। गणित के डर को खत्म करने के लिए बच्चों के साथ इस तरह के कांफेंस का आयोजन किया जाना चाहिए। मैथमेटिक्स का एप्लीकेशन जो टीवी चैनल पर ट्रांशमिशन हो रहा है। उसमें जो इमेज चलता है। सोर्स से वह टीवी सेट तक पहुंचते नवाइज गणित के माध्यम से कम किया जाता है। शोर को ट्रांसपोर्टेशन कर हम उसको डिजिटल फॉम में भेजकर फ्रेश होल्ड अप्लाई करके क्लीन करते हैं। मैथमेटिक्स इंजिनियर तथा कंप्यूटर इंजिनियर सभी मिलकर इस दिशा में काम कर रहे हैं। मोडलिंग के द्वारा हम लाइफ को आसान बनाने की कोशिश कर रहे हैं। किसी भी बात को समझने तथा समझाने के लिए हम गणित के ज्ञान का सहारा लेते हैं। गणित को व्यापार का प्राण तथा विज्ञान का जन्मदाता कहा जाता है। रविंद्र भारती विवि के प्रो. एन सी घोष ने कहा टर्बूलेंटफलो है। जिसमें सुनामी सुनामी से बहुत आदमी मर जाते हैं। मैथमेटिकल मॉडलिंग से सुनामी से बचा जा सकता है। कुलपति प्रो. के सी सिन्हा ने अध्यक्षय भाषण में कहा राज्यपाल एवं वक्ताओं से शोधार्थियों में गणित को सरल तरीके सीखा जा सकता है। इंडियन मैथमेटिकल सोसाइटी के अध्यक्ष ने कहा नालंदा ज्ञान की धरती है। यहां के वातावरण में सन का एक अद्भूत स्थल है। रामानुजन का संख्या सिद्धांत को शोध करने की आवश्यकता है। इसके शोध में राष्ट्रीय मंत्र राष्ट्रीय स्तर पर कार्य किये रहे हैं। इंडियन मैथमेटिक सोसायटी के चीफ एडिटर व आईआईटी कानपुर के पूर्व प्रोफेसर प्रो. पियूष चंद्रा ने कहा मैथमेटिकल मॉडल में कोविड-19 के प्रभाव को कम किया गया। एमिरेट्सनाइजीरिया के प्रो. जगदीश सिंह ने कहा अनुबंधित थ्री बॉडीज प्रोब्लम के माध्यम से स्पेस में उपग्रह प्रक्षेपण में बहुत सहायक सिद्ध होता है। आयोजक सचिव डा.विजय कुमार ने मैथमेटिकल सोसायटी के पदाधिकारियों को उच्च शिक्षा के साथ स्कूली शिक्षा में कार्य करने में सहयोग करने कीे कहा। आईआईटी खड़गपुर व इंडियन मैथमेटिकल सोसायटी के एकेडमिक सचिव प्रो. जीपी राजा शेखर तथा आईआईटी दिल्ली के प्रो. आरके शर्मा ने अपने विचार रखे। अंतिम दिन व्याख्यान में शामिल सभी प्रतिभागी को प्रमाणपत्र दिया जायेगा। बेस्ट पेपर प्रंजेटेशन हेतू अवार्ड एवं बिहार मैथमेटिकल सोसायटी द्वारा आयोजित रामानुज टैलेंट सर्च टेस्ट इन मैथमेटिक्स केप्रथम विजेताओं को पुरस्कृत किया जायेगा। मौके पर कुलसचिव(परीक्षा) डा. नीलिमा कुमारी, कुलसचिव डा. हबीबुर रहमान, प्रो. ओम प्रकाश, डा. प्रवीण कुमार, डा. कृष्णानंद व शोधार्थी उपस्थित रहे।

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